लेखनी प्रतियोगिता -17-Jun-2022 म्हारा मोहन (शास्त्रीय भजन)
रचीयता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक -म्हारा मोहन (शास्त्रीय भजन)
सा रे ग म
म्हारो मोहन-३
म्हारो मोहन मतवालो
मुरली बजावत
गैया चरावत
गोपियां रास रचावत
देख-देख सब झूम के नाचत
सा रे ग म
म्हारो मोहन-३
म्हारो मोहन मतवालो
भोली सूरत
मन मे है मूरत
सब हो जाते मन विभूर
सा रे ग म
म्हारो मोहन-३
म्हारो मोहन मतवालों
माखन चोर
नैनो से करे है शोर
छवि में है ओज
म्हारे मन में बसे है नंदकिशोर
सा रे ग म
म्हारो मोहन-३
म्हारो मोहन मतवालों
सुबह की पहली भोर
नाचे पपीहा मोर
सांझ ढले की क्षोर
रात्रि में रहे मोन
ऐसे है मन मोहन
सा रे ग म
म्हारो मोहन-३
म्हारो मोहन मतवालों
गाते हैं मल्हार
जीवन में होता उल्लास
सारे जगत में है वास
हर समय जपते तेरा ही नाम
सा रे ग म
म्हारो मोहन-३
म्हारो मोहन मतवालों
Pallavi
18-Jun-2022 09:17 PM
Nice post
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Seema Priyadarshini sahay
18-Jun-2022 05:46 PM
बेहतरीन
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Punam verma
18-Jun-2022 08:29 AM
Nice
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