Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -18-Jun-2022 लक्ष्मी बाई की जीवनी

रचीयता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक- लक्ष्मी बाई की जीवनी

आज है लक्ष्मी बाई बलिदान दिवस
बनाए मिलकर हम सब
घोड़ा था उनका रथ
वीरता दिखाई रण मे
हम सुनाते हैं झांसी का जीवन

पिता मोरोपंत तांबे, माता भागीरथी बाई
मणिकर्णिका बचपन में मनु कहलाई
रानी लक्ष्मी बाई का जन्म स्थल वाराणसी
बचपन से था उनका जीवन साहसी

तलवारबाजी तीरंदाजी में थी उनकी कला
फूट-फूटकर भरा था लक्ष्मीबाई में शोर्यता
हर विधा में थी निपुणता
कहलाई झांसी की वीरांगना

12 वर्ष की उम्र में हुआ उनका विवाह
पति हुए उनके राजा गंगाधर राव
बन गई वो झांसी की रानी
अश्वरोहण , शस्त्र संसाधन
मर्दानी पोशाक पहनकर करती संचालन
राजा गंगाधर देखकर होते प्रसन्न
पति के मरणोपरांत
लक्ष्मी बाई ने संभाली झांसी की बागडोर

बाध पीठ पर दत्तक पुत्र
अश्व पर होकर सवार
महारानी लक्ष्मीबाई ने की ललकार
अंग्रेजों पर किया प्रहार
लक्ष्मीबाई को मिली विजेता
उनकी वीरता में भी, थी एक कला

 फिर भी नहीं छोड़ा साहस
अंग्रेज सैनिक का किया काम तमाम
फिर कर दिए अपने प्राण त्याग
अपनी मातृभूमि के लिए दिया बलिदान
अंतिम सांस तक लड़ना
अपनी मातृभूमि के लिए कुछ कर जाना
यह भी होती एक कला

18 जून 1857 को हुआ रानी लक्ष्मीबाई का देहांत
थी वहां पर एक कुटिया
कुटिया का नाम बाबा गंगादास
वीर महारानी ने किया वहां प्रणांत
चिता बनाकर किया अंतिम संस्कार
रही मातृभूमि की कुशल प्रशासन
ऐसा था उनका जीवन कलात्मक
हर इतिहास में झांसी की जीवनी सुनाएं


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8 Comments

Seema Priyadarshini sahay

22-Jun-2022 11:54 AM

बेहतरीन रचना

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Punam verma

19-Jun-2022 08:16 AM

Very nice

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Gunjan Kamal

19-Jun-2022 08:03 AM

शानदार प्रस्तुति 👌👌

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