mishra

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कला

 दिनाँक-: 18-06-२०२२
वार-: शनिवार
विषय-:*कला*
कला शब्द बहुत छोटा प्रतीत होता है ।
कला शब्द गुणों के भार से लदा होता है ।।

मनुष्य योनि में जन्म लेना भी एक कला है ।
अपने गुणों से जीवन निर्वाह भी कला है।।

बोलना भी जीवन में एक अपनी कला है।
बोली से पराए को अपना बनाना भी कला है।।

अपने मन के भावों को व्यक्त करना भी कला है।
शब्दों को पिरो कर साहित्य रचना भी कला है।।

कला से मुखमंडल पर 'आभा' निखर आती है ।
व्यायाम करने से काया निरोगी कहल ।।

समय का सदुपयोग करना भी कला है।
मेहनत से निखार कलाकार बनना भी कला है।।

जीवन चक्र ईश्वर का दिया एक मंच है।
अपनी अपनी कला का प्रदर्शन करने का मंत्र है।।



आभा मिश्रा - कोटा

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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

22-Jun-2022 11:46 AM

बहुत खूब

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Gunjan Kamal

19-Jun-2022 05:09 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Zakirhusain Abbas Chougule

18-Jun-2022 09:22 PM

Nice

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