Sarfaraz

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गीत

🌹🌹अग्नि पथ 🌹🌹

वादी पथ की,घाटी पथ की।
धूम मची है अग्नि पथ की।

बात ये फैली हर सू देखो।
इसके कारन ही अब लोगो।
राह खुलेगी राशि पथ की।
धूम मची है अग्नि पथ की।

उलझी-उलझी सी लगती है।
भूल भुलैया सी दिखती है।
कुन्जी है यह मकड़ी पथ की।
धूम मची है अग्नि पथ की।

काम नया अन्दाज़ निराला।
लुट जाएगा हिम्मत वाला।
बात न पूछो ताज़ी पथ की।
धूम मची है अग्नि पथ की।

जीभ चलाओ होले- होले।
फँस जाओगे गर तुम बोले।
ख़ैर नहीं है हस्ती पथ की।
धूम मची है अग्नि पथ की।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश।

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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

22-Jun-2022 11:51 AM

बेहतरीन रचना

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Pallavi

19-Jun-2022 03:50 PM

Beautiful lines

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Raziya bano

19-Jun-2022 11:13 AM

Bahut hi sundar rachna or samsamyik

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