द कॉलेज गर्ल्स (अध्याय 5 )
एनडी कॉलेज
दिल्ली
काव्या एक बेंच पर बैठी हुई थोड़ी देर पहले जो हुआ उसके बारे में सोच रही थी ।
थोड़ी देर पहले जब काव्या कॉलेज पहुंची थी
काव्या गेट से होते हुए अंदर जा ही रही थी कि अधित की नज़र उसपर पड़ी और उसने आवाज़ दी ।
अधित - हे ब्लू सूट गर्ल ।
काव्या ने अपने कपड़ों की तरफ़ देखा और पलट गई उसने अधित की तरफ़ देखा ।
अधित - तुम्हें ही बुला रहा हूं , इधर आओ ।
काव्या उनके पास गई और जाकर खड़ी हो गई ।
अधित - नाम क्या है तुम्हारा ?
काव्या - काव्या गुप्ता ।
अधित - कौन सा डिपार्टमेंट से ।
काव्या - आर्ट्स डिपार्टमेंट से ।
अधित - कहां से हो मेरा मतलब है दिल्ली की तो नहीं लग रही ।
काव्या - जी हम आगरा से हैं ।
अधित आगरा का नाम सुन कर थोड़ा चौंक जाता है पर अपने चेहरे पर ज़ाहिर नहीं होने देता ।
इसी बीच सृष्टि काव्या से पूछती है - तुम्हारे साथ कोई और भी है क्या ?
काव्या - नहीं , क्यूं ?
सृष्टि - वो तुम हम बोल रही थी ।
काव्या - हम ऐसे ही बात करतें हैं ।
सृष्टि - ओह।
अधित सोचता है ये लड़की तो कुछ बोल ही नहीं रही है , कुछ करना पड़ेगा।
अधित - तुम तो काफ़ी खूबसूरत हो , तुम्हें तो मिस यूनिवर्स होना चाहिए।
काव्या चौंकते हुए - क्या कहा आपने ?
अधित - यही कि तुम्हें तो मिस यूनिवर्स होना चाहिए ।
अच्छा, मैं अब से तुम्हे मिस यूनिवर्स बुलाऊंगा ।
काव्या - हमारा नाम काव्या है , आप हमें वही बुलाइए । और कुछ नहीं ।
अधित उसकी बात को नज़र अंदाज़ करते हुए - वैसे मिस यूनिवर्स तुम्हारी हॉबीज क्या है ।
काव्या कुछ बोलने ही वाली होती है कि
सृष्टि जो अब तक मस्ती के मूड में आ चुकी हैं,बोली - अरे मिस यूनिवर्स है तो कैटवॉक ही होगी।
तभी वहां पंछी आ जाती है ।
काव्या अपने खयालों से बाहर आती है जब पंछी उसको आवाज़ देती है ।
पंछी उसके बगल में बैठते हुए - हाई , मैं पंछी ।
काव्या - हेलो , हम काव्या ।
पंछी - तुम दिल्ली की नहीं लगती हो ।
काव्या - हम आगरा से हैं ।
पंछी - वाव आगरा से मतलब ताजमहल तो देखा ही होगा ।
काव्या - हमारे घर के पास ही है ताजमहल ।
पंछी - क्या ! मतलब रोज़ ही ताजमहल देखती होगी । क्या नज़ारा होता होगा ना , एकदम परफेक्ट ।
काव्या - हां ।
पंछी - तुम हमेशा से ही ऐसी हो क्या ?
काव्या - कैसी ?
पंछी - कम बोलने वाली ।
काव्या - हां ।
पंछी - मैं भी बहुत कम बोलती हूं (😂 मज़ाक कर रही है भई) । और मैं तो अंजान लोगों से बात भी नहीं करती पर तुम्हें देख कर न एक अलग वाली फीलिंग आई कि इससे बात कर लेनी चाहिए ।
वैसे तुम कौन से डिपार्टमेंट से हो ?
काव्या - आर्ट्स , तुम्हें पता है तुम न बिल्कुल हमारी दोस्त निधि जैसी हो वो भी ऐसे ही बातें करती है ।
पंछी - हां सच में क्या ? मुझे तो लगता था अपनी जैसी मैं एक ही हूं ।
बोल कर हंसने लगती है ।
और पता है मैं भी आर्ट्स डिपार्टमेंट से हूं ।
काव्या - ओह ।
पंछी थोड़ा अजीब सा फेस बना कर - अरे इतना कोल्ड रिएक्शन , झूठ मूठ का मेरा दिल रखने के लिए ही बोल देती" सुनकर अच्छा लगा " ।
काव्या - वो हम .
पंछी - रिलैक्स मैं मज़ाक कर रही थी ।
पंछी - वैसे वो सीनियर्स तुम्हें मिस यूनिवर्स क्यूं बुला रहे थे ।
काव्या उसे पूरी बात बताती है ।
पंछी - वैसे एक बात तो सच है तुम हो बहुत सुंदर मिस यूनिवर्स ।
काव्या - अब तुम भी शुरू हो गई ।
पंछी - अच्छा सॉरी । पता है उन लोगों ने मुझ से मेरी हॉबी पूछी थी और मैंने उन लोगों को झूठ बोल दिया और उन्हें पता भी नहीं चला ।
तभी पीछे से आवाज़ आती है - तो तुमने मुझे उल्लू बनाया ।
पंछी पीछे मुड़कर देखती है तो अद्वैत खड़ा था ।
अद्वैत को देख कर तो उसकी जान ही सूख गई ।
कॉलेज का दूसरा हिस्सा
मेघा जिससे टकराई थी उसको देख कर - तुम यहां क्या कर रहा है ।
लड़का - अब कॉलेज में लोग क्यों आते हैं , मुझे जहां तक पता है पढ़ने आते हैं ।
मेघा आंखे बंद कर के थोड़े गुस्से में - मेरे कहने का मतलब था, तू यहां कब आया ।
लड़का - पिछले साल ।
मेघा - तो तू क्या मेरा सीनियर है (कुछ याद करते हुए) पहले भी तो सीनियर ही था ।
वैसे मेरी रैगिंग करने की सोचा भी न तेरे हाथ पैर तोड़ दूंगी ।
लड़का - ठीक है मैं नहीं करूंगा पर बाकी सब तो ...
मेघा - देख खिचड़ी मेरी रैगिंग करने की कोशिश जिसने भी की हो पर सिर तो मैं तेरा ही फोड़ूंगी ।
लड़का - ऐ खिचड़ी मत बोल इतना अच्छा नाम है मेरा ' अहिल ' , तू क्यों खिचड़ी खिचड़ी करती रहती है ।
रिक्वेस्ट करते हुए - प्लीज़ खिचड़ी मत बोल मैं सबको मना करता हूं ।
मेघा - रुक रुक किसी को पता नहीं चलना चाहिए कि हम एक दूसरे को जानते हैं ।
अहिल - फिर मैं उन लोगों को मना कैसे करूंगा ।
मेघा - वो मुझे नहीं पता ।
अहिल - तू न हमेशा मुझे मुसीबत में फसाती है ।
मेघा - विचित्र मानुस आहे अब मैंने क्या किया ?
अहिल - नहीं नहीं तू क्या करती है गलती तो मेरी ही है जो मैं तुझसे टकरा गया ।
मेघा - कुछ कहा तूने ?
अहिल - नहीं तो ।
सुन मेरे पास एक आइडिया है तुझे रैगिंग से बचाने का ।
मेघा - क्या ?
अहिल - मैं न तेरी फेक रैगिंग करूंगा ।
मेघा - क्या, और वो कैसे ।
अहिल - तुझसे एक डांस करवा कर तुझे भेज दूंगा ।
मेघा - क्या तू पागल हो गया है तुझे पता है ना मुझे डांस नहीं आता ।
अहिल - तुझे क्या ढंग से आता है वही बता दे ।
मेघा मासूमियत से - दौड़ना ।
अहिल - अब कॉलेज कैंपस में रनिंग ट्रैक कहां से लाऊं ।
तू न बोल देना कि तूझे किताबें पढ़ना अच्छी लगती है ।
मेघा - मैंने अपनी जिंदगी में टेक्स्ट बुक के अलावा और कोई बुक पढ़ी ही नहीं है तो ।
अहिल - मैं तुझे कुछ बुक्स और उनके राइटर्स के नाम बता रहा उनको याद कर ले ।
मेघा - ठीक है ।
अहिल - हां सुन
रंगभूमि, निर्मला प्रेमचंद ने लिखी है ।
और महाभोज मन्नू भंडारी ने , और त्यागपत्र जैनेंद्र कुमार ने और ..
मेघा - और नहीं , इतना ही पूछना ।
अहिल - ठीक है मैं अभी जाता हूं वैसे भी तेरी वजह से लेट हो गया हूं ।
मेघा - क्या कहा तूने ?
अहिल नकली हसी हंसते हुए - मैं तो मज़ाक कर रहा था, अच्छा सुन थोड़ी देर बाद ( एक तरफ़ इशारा करते हुए ) उधर आ जाना ।
और सुन सबके सामने थोड़ा इज्ज़त से बात करना प्लीज़ ।
मेघा - ठीक है ।
अहिल वहां से चला जाता है और मेघा उसके बारे में सोचने लग जाती है ।
महाराष्ट्र में अहिल उसका पड़ोसी था और बचपन का दोस्त भी । अहिल एक साल पहले ही दिल्ली आया था ।
और आज वो इतने दिनों बाद मेघा से मिला था ।
अब जानते हैं सोना का क्या हाल है ।
सोना गेट से बड़बड़ाते हुए अंदर जा रही थी - वो छिपकली समझती क्या है अपने आप को , और कितने एटीट्यूड से बात कर रही थी, हुह चुड़ैल कहीं की ।
सोना अंदर जाकर एक बेंच पर बैठ गई ये तो गनीमत थी कि वहां कोई सीनियर्स का ग्रुप नहीं था । वह बेंच में बैठ कर अपने बैग से टेढ़े मेढे निकाल कर खाने लगी । जब उसने पूरा पैकट खत्म कर लिया तब उसने अपने पास रखे डस्टबिन में रैपर फेंका और हाथ धोने के लिए पानी ढूंढने लगी ।
सोना अपनी ही धुन में मगन आगे जा रही थी उसे अपने आगे पड़े केले का छिलका नहीं दिखा तो उसने उस पर पैर रख दिया ।
वो फिसल कर गिरने लगती है पर इससे पहले की वो गिरती मेघा ने उसे पकड़ कर खींच लिया ।
मेघा - अरे ध्यान कहां है तुम्हारा अभी गिर जाती ।
सोना - वो सॉरी मतलब थैंक यू । 1 मिनट हां ।
वो जाकर केले का छिलका उठाती है और उसको डस्टबिन में डालकर हाथ धोकर आ जाती है ।
सोना - हाय मैं सोनाक्षी तुम मुझे सोना बुला सकती हो ।
मेघा - हेलो मैं मेघा ।
सोना - तुम कौन से डिपार्टमेंट से हो ?
मेघा - मैं आर्ट्स डिपार्टमेंट से और तुम ?
सोना - मैं भी , तो चलो साथ में चलते हैं ।
दोनों साथ साथ जा रही होती हैं तभी अहिल उन्हें आवाज़ देता है ।
आगे क्या होगा कहानी में जानने के लिए पढ़िए अगला भाग ।
धन्यवाद !
Rohan Nanda
16-Jul-2022 07:23 PM
Nicely written
Reply
Sandhya Prakash
16-Jul-2022 07:06 PM
🤔🤔🤔🤔🤔🤔
Reply
Shrishti pandey
24-Jun-2022 10:59 AM
Nice
Reply