Aalhadini

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The Train... beings death 5

  


 शहर में बहुत ही विचित्र घटनाएं घटने लगी थी। जिनके बारे में लोगों ने पूछ पूछकर पुलिस की नाक में दम किया हुआ था।   पुलिस भी पता लगाने में असमर्थ थी कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा था.. जिसके कारण लोग गायब हो रहे थे और कुछ लोगों की विचित्र परिस्थितियों में मौतें हो गई थी। और तो और मौते भी कोई साधारण मौतें नहीं थी.. बहुत ही ज्यादा बेरहमी से उन्हें मारा जा रहा था।  कई बार पुलिस के कोशिश करने के बाद भी हत्यारे का पता नहीं लगा पाई थी। पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट भी सही से यह नहीं बता पा रही थी कि मौतों के पीछे का कारण क्या था..?
 कुछ लोगों का दबी छुपी जबान में कहना था कि यह सब कुछ उस मनहूस रेलगाड़ी के कारण हो रहा था।  उसी रेलगाड़ी के कारण बहुत से लोगों की जानें जा रही थी।  उनके मरने का और गायब होने का कोई भी ठोस कारण नहीं  बता पा रहा था।
 इंस्पेक्टर कदंब अपने पुलिस स्टेशन बैठे हुए.. किसी ऐसे ही विचित्र हत्याकांड के बारे में अपने सब-इंस्पेक्टर त्रिपाठी के साथ बातचीत कर रहे थे.. कि एक फोन आया..
 ट्रिनऽऽऽ ट्रिनऽऽऽ 
फोन पुलिस स्टेशन के लैंडलाइन पर आया था.. इंस्पेक्टर ने आवाज देकर किसी को फोन उठाने के लिए कहा.. जो लगातार बजे ही जा रहा था... पर शायद रात के 2:30 बजे कोई भी उस थाने में फोन उठाने के लिए मौजूद नहीं था। 
 थाने में केवल चार लोग ही उस समय ड्यूटी पर थे.. जिनमें एक इंस्पेक्टर कदंब दूसरे सब-इंस्पेक्टर  नीरज त्रिपाठी और दो कॉन्स्टेबल थे।  दो कॉन्स्टेबल आसपास ही गश्त के लिए गए थे.. आसपास के माहौल को देखते हुए.. कोई भी कॉन्स्टेबल रात को अकेला गश्त पर जाने की हिम्मत नहीं करता था।  बाकी दो और कॉन्स्टेबल भी थे.. जिन्हें इंस्पेक्टर कदंब ने चाय लाने के लिए कहा था..  तो वो चाय लेने चले गए थे। 
 अचानक कदंब को याद आया कि उस समय थाने में वह और त्रिपाठी ही थे.. तो इंस्पेक्टर कदंब ने खुद ही फोन उठाया…
"हेलो ऽऽऽऽ" इंस्पेक्टर कदंब ने फोन का रिसीवर उठाकर बोला।
 तो सामने से  हैरान-परेशान किसी महिला का स्वर गूंजा.. "हेलो ऽऽऽ हेलो ऽऽऽ... इंस्पेक्टर साहब… मैं आरती कृष्णन बोल रही हूं.. अभी कुछ ही देर पहले मेरे पति सुरेश कृष्णन बाथरूम में नहाने के लिए गए थे.. उसके बाद बाथरूम से वह कब, कहां, कैसे चले गए.. इस बात का कुछ भी पता नहीं..??" रोते-रोते महिला ने अपनी बात पूरी की।
 उस महिला आरती कृष्णन की बात को पूरा करते हुए इंस्पेक्टर कदंब ने कहा, "माफ कीजिए और प्लीज रोना बंद कीजिए। आपके पति आ जाएंगे.. और आप चिंता ना करें.. मैं जल्दी से जल्दी उनके बारे में खोजबीन करने के लिए अपनी टीम को लगा देता हूं..!" 
ऐसा कहकर इंस्पेक्टर ने आरती से उसके पति की और उसकी डिटेल्स देने के लिए कहा।
 आरती ने अपने पति से संबंधित सारी जानकारियां.. जल्दी से जल्दी उन्हें प्रोवाइड करवा दी.. फिर वह अपने पति का इंतजार करने लगी.. उसे टेंशन तो हो रही थी पर थोड़ा विश्वास था के इंस्पेक्टर जल्दी ही उसके पति को ढूंढ निकालेंगे।
इंस्पेक्टर कदंब ने जल्दी ही सब-इंस्पेक्टर त्रिपाठी को आरती के पति गोपाल कृष्णन को ढूंढने के लिए निकलने के लिए कहा.. कदंब ने कहा  "नीरज..!! जल्दी हमें गोपाल कृष्णन को ढूंढने के लिए निकलना होगा.. शहर के जिस तरह के हालात हैं.. उस तरह के हालातों में एक और आदमी अगर गायब हुआ.. तो हमारे लिए मुसीबत और भी ज्यादा बढ़ जाएगी।"
 सब-इंस्पेक्टर नीरज त्रिपाठी ने कहा, "जी सर.. पर दोनों कॉन्स्टेबल जो चाय लेने गए हुए हैं..  उनके आते ही गोपाल कृष्णन को ढूंढने के लिए निकल जाएंगे। थाने में कम से कम कोई एक तो होना चाहिए.. हो सकता है.. हमारे पीछे से कोई इमरजेंसी आ जाए।"
 इंस्पेक्टर कदंब ने उसकी हां में हां मिलाई और कहा, "ठीक है.. तब तक तुम जीप निकालो.. और जो कुछ भी जरूरी कागजों की जरूरत हो वह साथ रख लो... आसपास के थानों में भी गोपाल कृष्णन के बारे में खबर कर दो।  जिससे अगर किसी को भी उसके बारे में पता चलता है.. तो हमें बता देगा।"
 उसी समय दोनों कांस्टेबल चाय लेकर आ गए। इंस्पेक्टर को ऐसे थाने के बाहर देख कर वह दोनों चौक गए.. और पूछा, "सर कुछ इमरजेंसी है..?" 
इंस्पेक्टर ने जल्दीबाजी में कहा, "इमरजेंसी ही समझ लो.. एक आदमी अपने घर के बाथरूम में नहाने गया था.. और वहीं से गायब हो गया। अब बस उसके बारे में कोई जानकारी मिल जाए.. इसलिए हम जा रहे हैं.. तुम लोग यही थाने में रहना और अगर कोई भी बात हो तो हमें खबर कर देना।"
 कांस्टेबल ने कहा, "वह तो ठीक है सर जी.. पर चाय तो पीते जाइए..!!"
 कदंब ना का इशारा करते हुए जीप में बैठकर आरती के घर की तरफ निकल गए.. जल्दी ही वह लोग आरती के घर के पास पहुंच गए।
आरती का घर शहर के एक तरफ कोने में बना हुआ था।  ज्यादा लोगों का वहां आना जाना नहीं था। कॉलोनी नई बस रही थी.. इसलिए बहुत ज्यादा घर भी नहीं थे। केवल एक ही घर की सारी लाइटें जल रही थी.. उसके कारण ही उन्हें लगा कि वह घर आरती का हो सकता था। नीरज ने आरती को फोन लगाया और उनके घर के बारे में पूछा.. जिस घर के बारे में उन्होंने सोचा था वही घर आरती का था। 
वह कोई छोटा घर नहीं था.. उसे एक विला कह सकते थे.. क्रीम कलर का दो मंजिला।  जिसके आसपास बहुत सारे बड़े छोटे पेड़ लगे हुए थे। इस अंधेरे में वह केवल परछाइयां जैसी ही दिखाई दे रहे थे। पर उस समय हवा बहुत तेज चल रही थी.. जिसके कारण पेड़ ऐसे हिल रहे थे.. जैसे मना कर रहे हो कि इस समय तुम्हारा यहां आना बिल्कुल भी ठीक नहीं। 
आगे बढ़कर सब-इंस्पेक्टर नीरज ने उस घर की घंटी बजाई..  कुछ ही देर में एक औरत ने दरवाजा खोला... सामने खड़ी औरत को देखकर एक पल के लिए इंस्पेक्टर कदंब और सब-इंस्पेक्टर नीरज दोनों ही आश्चर्यचकित गए थे। 
लगभग 28 साल की औरत.. जो कि रेड कलर की नाइटी पहने हुए थी। सांवला रंग, 5 फुट 7 इंच के लगभग हाइट, तीखे नैन नक्श, चेहरे से अमीरी का रौब टपक रहा था। कुल मिलाकर बहुत ही खूबसूरत थी वह.. अचानक कदंब को होश आया उसने खांसते हुए.. उस महिला से पूछा, "आप ही आरती कृष्णन है.. आप ही ने हमें फोन किया था..??"
उस महिला ने उन्हें अन्दर आने का इशारा करते हुए कहा, "जी इंस्पेक्टर.. मैंने ही फोन किया था। आइए अंदर..!!"
अंदर जाते हुए इंस्पेक्टर कदंब और नीरज ने घर का जायजा लेना शुरू कर दिया।  वह घर एक अपर मिडल क्लास आदमी के घर जैसा ही लग रहा था। सभी आधुनिक सुख सुविधाओं से युक्त.. बीचो-बीच सोफा, आसपास कुछ कीमती शो-पीसेज और पेंटिंग्स लगी हुई थी। घर करीने से जमा हुआ और साफ सुथरा था।
 इंस्पेक्टर कदंब ने पूरे घर की हर एक चीज़ को घूरते हुए आरती से पूछा, "आपके घर में और कौन-कौन रहता है..?"
 आरती ने  जवाब दिया, "बस मैं और मेरे हस्बैंड ही रहते हैं..!!"
फिर नीरज ने उन्हें पूरी बात विस्तार से बताने के लिए कहा।  आरती ने बोलना शुरू किया…
 "रात के लगभग 11 बज रहे थे.. मेरे हस्बैंड को रात को नहा कर ही सोने की आदत है.. इसलिए वह रोज की ही तरह नहाने चले गए। उस समय मैं अपने फोन में कहानी पढ़ रही थी।  मुझे कहानी पढ़ते-पढ़ते समय का ध्यान ही नहीं रहा.. जब मेरी कहानी खत्म हुई तो लगभग 12:30 बज गए थे।  जब मैंने देखा कितनी देर में भी वो बाथरूम से बाहर नहीं आए.. तो मैंने दरवाजा ठोका.  अंदर से कोई भी आवाज नहीं आई। थोड़ी देर दरवाजा ठोकने के बाद.. मैं बाथरूम में चली गई.. अंदर जाकर देखा.. तो बाथरूम में कोई भी नहीं था।  मैंने उन्हें पूरे घर में ढूंढ लिया.. वह पूरे घर में कहीं भी नहीं थे। सब जगह ढूंढने के बाद ही मैंने आपको फोन किया था।"
ऐसा कहते हुए आरती बहुत ही परेशान दिखाई दे रही थी। फिर आरती ने इंस्पेक्टर को अपना पूरा घर दिखाया और बाद में उन्होंने बाथरूम की तरफ रुख किया।  वह बाथरूम बहुत ही बड़ा और आलीशान था।  आधुनिक रूप से बना हुआ.. पूरा बाथरूम मिरर का बना हुआ था.. जिसके बाहर से अंदर और अंदर से बाहर का सब कुछ देखा जा सकता था।  पर्दे लगे हुए थे ताकि अंदर का बाहर ना देख सके।
 बाथरूम को देखते ही सब-इंस्पेक्टर नीरज टेंशन में आ गए।  बाथरूम बिल्कुल साफ सुथरा और सूखा था। उसे देख कर यह बिल्कुल भी नहीं  लग रहा था कि कोई नहाने भी गया होगा। अजीब सी गुत्थी थी। उन्होंने जल्दी ही उस गुत्थी को सुलझाने का मन बना लिया।
आरती को सांत्वना देते हुए कहा, "आरती जी..!!हमें इस घटना के लिए खेद है.. हम आपके पति को जल्द से जल्द ढूँढ निकालेंगे।" 

इंस्पेक्टर कदंब ने आरती से कहा और  वापस पुलिस थाने के लिए निकल गए। रास्ते में एक जगह एक विचित्र सा दृश्य देखकर चौक गए।  उन्होंने देखा सड़क पर कुछ धुआं जैसा इकट्ठा हो रहा था।  उसे देख कर वह लोग जीप रोक कर बाहर निकले।
 उन्होंने देखा  पूरी सड़क पर खून बिखरा हुआ था। किसी जीव के मांस के टुकड़े पूरी सड़क पर फैले हुए थे.. अजीब सा भयानक दृश्य था।  खून से भीगी हुई लाल सड़क.. पचास मीटर तक फैले मांस के टुकड़े,  हड्डियां, कुछ पंख और खून में सना हुआ एक सफेद रंग का टुकड़ा..
यह सब देखते हुए इंस्पेक्टर कदंब ने नीरज से कहा, "नीरज फॉरेंसिक टीम को जल्दी से जल्दी यहां बुलाओ..!!"

 वहाँ का माहौल देखकर दोनों ही टेंशन में आ गए थे। इस तरह का भयानक माहौल देखकर उनका भी मन खराब हो गया था। 
 नीरज ने भी एक तरफ जाकर फॉरेंसिक टीम को फोन लगा दिया और जल्दी से जल्दी उस जगह पहुंचने के लिए कहा।
 वहां का माहौल देखकर इंस्पेक्टर कदंब को उल्टियां आने लगी थी.. और वो सड़क के दूसरी तरफ चले गए।  नीरज और इंस्पेक्टर कदंब की एक दूसरे की तरफ पीठ थी। अचानक वहां के माहौल में धुंआ इकट्ठा होना शुरू हो गया…

क्रमशः….

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4 Comments

ये सब हो क्या रहा है!!😳 शायद वो जीव चिंकी पर हमला न करके शहर में आ गया। पर उसकी किसी से लड़ाई हुई होगी, और उसी लड़ाई में से कोई एक जीव सड़क पर ऐसी हालत में मिला! ये रात्रि के 2.30 बजे का सीन था, पर 1.50 बजे तक तो चिंकी अपने घर होती 🤔 वो अब कहाँ है, और फॉरेनसिक रिपोर्ट में क्या आएगा, अगला भाग और भी ज्यादा रोमांचक है।😍😍

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Aalhadini

23-Mar-2022 11:29 PM

धन्यवाद 🙏🏼

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Sana khan

01-Sep-2021 06:01 PM

Superb

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BhaRti YaDav ✍️

30-Jul-2021 10:58 AM

Nice

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