प्यार-26-Jun-2022
"सोचता हूँ, के कमी रह गई शायद कुछ या
जितना था वो काफी ना था,
नहीं समझ पाया तो समझा दिया होता
या जितना समझ पाया वो काफी ना था,
शिकायत थी तुम्हारी के तुम जताते नहीं
प्यार है तो कभी जमाने को बताते क्यों नहीं,
अरे मुह्हबत की क्या मैं नुमाईश करता
मेरे आँखों में जितना तुम्हें नजर आया,
क्या वो काफी नहीं था I
सोचता हूँ के क्या कमी रह गई,
क्या जितना था वो काफी नहीं था I"
दुआ का तालिब
डॉक्टर अब्दुल अलीम खान
adulnoorkhan@gmail.com
Raziya bano
26-Jun-2022 05:36 PM
Bahut khub
Reply
Gunjan Kamal
26-Jun-2022 04:41 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
Reply