Neema bisht

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प्रेम

प्रेम

क्या लिखूं तुझपे शब्द नही है 
जितना लिखू उतना कम है ।
धूप में छाव सा,
सर्द में  गर्म सा खाने के स्वाद सा,
  चीनी की मिठास सा तेरा प्रेम
 प्यासे की प्यास सा मन के अहसास सा तेरा प्रेम 
सागर की गहराइयों सा 
आसमा की ऊंचाइयों सा तेरा प्रेम 
क्या लिखूं तुझपे शब्द नही है ।
जितना लिखू उतना कम है 
प्रक्रति सा निश्छल निस्वार्थ तेरा प्रेम। ...

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6 Comments

kashish

12-Feb-2023 11:17 AM

nices

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madhura

01-Feb-2023 02:28 PM

very nice

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Outstanding

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