प्रेम
प्रेम
क्या लिखूं तुझपे शब्द नही है
जितना लिखू उतना कम है ।
धूप में छाव सा,
सर्द में गर्म सा खाने के स्वाद सा,
चीनी की मिठास सा तेरा प्रेम
प्यासे की प्यास सा मन के अहसास सा तेरा प्रेम
सागर की गहराइयों सा
आसमा की ऊंचाइयों सा तेरा प्रेम
क्या लिखूं तुझपे शब्द नही है ।
जितना लिखू उतना कम है
प्रक्रति सा निश्छल निस्वार्थ तेरा प्रेम। ...
kashish
12-Feb-2023 11:17 AM
nices
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madhura
01-Feb-2023 02:28 PM
very nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
08-Sep-2022 12:43 AM
Outstanding
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