क्षणिकाएं –९

 

क्षणिकाएं –

(
)

तुम ही मेरी आरजू, तुम्हीं मेरा संसार
मेरी सांसो में बसा, सिर्फ़ तुम्हारा प्यार
आओ मस्तक पर करूँ, चुंबन की बौछार
दिल से दिल अब मिल गया, सांसो में खुमार।।

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आओ तुम आगोश में, पूरी कर दो आस
इन नयनों की तुम सनम आज बूझा दो प्यास
धीरे धीरे हो रहा, आज प्रणय आभास।
जितना आऊं करीब मैं, उतनी बढ़ती प्यास।।

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उस क़त्ल का गवाह कोई कैसे बनेगा
जो क़त्ल तेरी खंजर सी नजर से हुआ होगा।।

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मैं नहीं जानता खंजर किसने मेरे सीने में उतारा
फ़िक्र है तो बस इतनी किसी का खो गया ठिकाना।।

(५)

यादों के कारवां ता जिंदगी रुकेंगे
हिचकियां क्या सांस भी थम जाए हम झुकेंगे।


आभारनवीन पहल  – २९.०६.२०२२  🌹🌹💐

# नॉन स्टॉप 2022 

 

 

 

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1 Comments

Reyaan

29-Jun-2022 05:40 PM

बहुत खूब

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