Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -,02 -Jul-2022 दिल की आवाज

        मान्या मै तुम्है प्यार करता हूँ  और तुम्हारे बिना में जी नहीं सकता हूँ। ।"  अनुज   ने मान्या से बिना किसी भूमिका के साफ शब्दौ में अपने प्यार का इजहार कर दिया।


        "लेकिन अनुज मै तो तुम्है प्यार नही करती हूँ। और तुम जानते हो कि एकतरफा  किये गये प्यार को कोई भी प्यार का नाम नही देता है और तुमने यह कैसे सोच लिया कि  में किसी भी ऐरे गैरे लड़के से प्यार करूँगी। मैने तुमसे एक दो बार हसके  बात क्या करली और तुमने उसका गलत मतलब निकाल लिया कि मैं तुम्है प्यार करती हूँ। हम कालेज मे लैला मजनू व हीर राँझा का नाटक खेलने नही आये हम यहाँ डिग्री लेने आये है।" इतना कहकर मान्या वहाँ से चली गयी।

       अनुज तो उसका भाषण सुनकर स्तब्ध रहगया उसको मान्या से इस तरह से बात करने की आशा नहीं थी। अनुज कुछ नही बोला और वही अपना सिर पकड़कर बैठ गया।  उसका दिल कहरहा था कि मान्या कुछ छिपा रही है।

          मान्या  ने पीछे मुड़कर अनुज की तरफ मुड़ कर देखा तब उसे उस पर तरस आ रहा था परन्तु वह क्या करती ।वह नही चाहती थी कि अनुज उसे प्यार करें वह उसकी घृणा पाकर ही अपने धन्य हमझना चाह रही थी।

       मान्या भी अनुज से बेहतासा प्यार करती थी लेकिन वह उसे अपनी मजबूरी बताकर उसको अपने नजदीक नही लाना चाहती थी  वह चाहती थी कि अनुज उससे ज्यादा से ज्यादा घृणा करे और उससे दूरी बनाले। आज उसने इतना बडा़ भाषण इसी लिए दिया था।

      तब तक उसकी सहेली मालती आगयी और उसका खराब मूड देगकर पूछने लगी  " आज क्या हुआ मेरी कबूतरी को जो गाल फूल रहे है ?"

     मान्या बोली," वो लाटसाब अपने को क्या समझता  है मुझसे कहरहा था कि मै तुमसे प्यार करता हूँ

           " वह कौन है जिसकी इतनी हिम्मत वह मेरी कबूतरी की तरफ नजर भी कर सके।" मालती ने पूछा।

         "और किसकी हिम्मत है अनुज के आलावा?" मान्या ने जबाब दिया।

      मालती सब समझ गयी उसने मान्या को शान्त किया  वह मान्या को जानती थी कि वह जबतक आनुज को किसी न किसी बहाने से एक बार देख नही लेती उसे चैन नहीं आता है।

            मालती  अनुज  के पास भी गयी और बोली," क्या बात आज मूड कैसे आफ कर रखा है क्या मान्या से झगडा़ होगया ?"

          मै कोई बैल नही हूँ जो सबसे लड़ता फिरूँगा। आज मैने केवल इतना कहदिया कि मै तुमसे प्यार करता हूँ।और साहब जादी   का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच गया। न जाने अपने आप को कौनसी परी समझ लिया। "

                 मालती ने अनुज को समझाते हुए कहा ," अनुज मान्या तुम्है बहुत प्यार करती है उसकी इसमें कोई गल्ती नही है वह तुम्है धोका नहीं देना चाहती है।क्यौकि बचपन में उसके साथ बहुत बडा़ हादसा हो गया था जिससे वह अपना जीवन अकेली काटना चाहती है।"

     अनुज ने मालती से पूछा  " क्या हुआ था उसके साथ मुझे भी तो बताओ।"

     मालती बोली,: जब मान्या दह गायारह साल की थी तब वह एक शादी में गयी थी वहाँ उसके रिश्तेदार ने उसके साथ रेप कर दिया और उसे घायल छोड़कर भाग गया। उसके बाद जब वह मिली तब उसे अस्पताल लेकर गये। 

         डाक्टर ने उसकी जान बचाने के लिए आपरेशन से उसकी बच्चादानी निकालकर उसकी जान तो बचाली। लेकिन अब वह  माँ बनने के काबिल नही रही। इसी लिए  वह चाहती है कि तुम उससे नफरत करने लगो। वह तुम्है बहुत प्यार करती है। इसी लिए उसने तुम्हारे प्यार को ठुकरादिया। "

  अनुज यह सुनकर मान्या से मिला और उससे बोला " मान्या तुमने मुझे अभी पहचाना नही मैने तुम्हारे शरीर से प्यार नही किया। एक बार मुझको बताकर  तो देखती कि मै क्या कहता। मुझे तुमसे प्यार है अथवा नहीं। हम बच्चा तो गोद भी लेसकते है।  

    मान्या बोली " नही आनुज मै अपने स्वार्थ  के लिए किसी दूसरे को परेशान नहीं देख सकती हूँ। यह मेरे दिल की आवाज है

     अनुज बोला,"  अब मेरे दिल की आवाज भी सुनने की कोशिश करलो केवल अपने ही दिल की मत सुनो। मुझे भी तो कुछ हक है।

     

               अनुज ने यह सब सब बाते अपने घर बताकर उससे शादी करली और कुछ समय बाद एक बच्ची गोद लेकर उसको पाला।


 दैनिक प्रतियोगिता हेतु रचना।

नरेश शर्मा " पचौरी "
  

   7
6 Comments

Kusam Sharma

04-Jul-2022 04:45 PM

Nice

Reply

Arvaz Ahmad

03-Jul-2022 10:39 AM

Nice

Reply

Alfia alima

02-Jul-2022 07:29 PM

Bahut khub

Reply