कर्तव्य
🌷🌷🌷🌷🌷🌷 ॐ🌷🌷🌷🌷🌷
सच है पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती
कहीं धूप होती है तो कहीं छाव नहीं होती,
सभी का एक परिवार होता है,
एक पिता ही परिवार का आधार होता है,
उनके कर्तव्यों का हम पर,विशेष आभार होता है,
करती हूं नमन मैं उस पिता को---
एक परिवार की ढाल होता है,
संपूर्ण परिवार की जिम्मेदारियों का---
एक पिता पर भार होता है,
होठों पर मुस्कान लिए---
आंखों में कई सवाल लिए---
भूल जाता है स्वयं को---
पिता का यही किरदार होता है,
संख्या अधिक हो परिवार की ---
पिता के लिए सभी एक समान होता है,
सोचती हूं कभी-कभी मैं ---
क्यों पिता का दिल इतना विशाल होता है,
करता है परवरिश, औलाद की हंसते-हंसते,
फिर औलाद पर क्यों मां-बाप का भार होता है,
क्यों होते हैं वृद्ध आश्रम---
क्यों ऐसा पाप होता है,
माना कि हर संतान एक समान नहीं होती---
अपने कर्तव्य से अनजान नहीं होती---
लेकिन पिता महान होता है,
अपनी समस्त संतान के लिए समान होता है,
सच है पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती,
कहीं धूप तो कहीं छाव नहीं होती।
संगीता वर्मा✍✍
Aliya khan
02-Aug-2021 09:31 AM
Shi kaha
Reply
Alisha ansari
31-Jul-2021 09:53 AM
Bahut khoob
Reply
Ranjeet Shankar
30-Jul-2021 11:52 PM
बहुत खूब मैम🌹🌹✌️✌️🙏🙏
Reply