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लोग गजब बदलते हैं





लोग गजब बदलते हैं
चेहरे, बातें और
रुतबे!
लोग गजब बदलते है
उठते, चलते और
डूबते!

चेहरे के पीछे
कई नकाब
बेहिसाब
कोई जान न जाये
कई सवाल? सब
बे-जवाब!

ढल रहे हैं, चाँद में
तपन लिए हुए दिल में
भीषण आग सी
चल रहे हैं, साथ में
मीठे बोल, छिपा लिए
दाग सभी।

मुँह में राम, बगल में छुरी
स्नेही बन रहे हैं
अब सभी
चाशनी से मीठे बोल
घोल रहे पीछे से
जहर भी।

आस्तीन के सांप और
छुपे रुस्तम बड़े
कायम हैं
अंदर से विषाक्त,
काले नाग से भी पर
'मुलायम' हैं।

लोग गजब बदलते हैं
चेहरे बातें और
रुतबे!
लोग गजब बदलते हैं
नरमी, गरमी दिखाते
भीतर कठोर से!

#MJ

©मनोज कुमार "MJ"


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1 Comments

Aliya khan

02-Aug-2021 09:24 AM

Bahut khoob

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