लेखनी - हद या बेहद
हद से बेहद!!
तुमसे प्यार करने की हद हमें पता नहीं,
शायद प्यार तुमसे बेहद करते हैं,
अब कैसे यकीन दिलाएं तुम्हें
कि हम तुम्हीं पर मरते हैं,
दिल की धड़कन में बसे हो,
कुछ इस तरह से तुम,
कि सांसों की आवाज़ में भी तुम सुनाई देते हो,
बारिश की बूंदों में,
हमारे संग संग तुम भी भीगते हो,
आंखे खुली हो, या हो बंद,
हम हमेशा ही साथ रहते हैं,
हद का तो अब कुछ पता नहीं,
क्योंकि प्यार तुमसे बेहद करते हैं।।
प्रियंका वर्मा
2/7/22
Punam verma
04-Jul-2022 12:17 AM
Very nice
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Priyanka Verma
03-Jul-2022 01:23 PM
Thank you so much 🙏💐💐,, dear friends
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Abhinav ji
03-Jul-2022 09:10 AM
Nice👍
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