तन्हाई

तन्हाई

हर तरफ भीड़ है फिर भी तन्हाई है
कोलाहल फैला है चारों तरफ,
न जाने क्यूं फिर ये खामोशी सी छाई है
दिल है सूना सूना समझाने तेरी याद चली आई है।

हम समझते रहे जिसे इबादत खुदा की
दुनिया की नजरों में वो तोहमत ही रही
तुझसे शर्मिंदा हूं ऐ दोस्त तेरी नजरों में नमी भर दी
गम दिए दामन में खुशियां पल भर भी ना मिल पाई हैं।।

आभार – नवीन पहल – ०२.०७.२०२२ 💐🙏🏻🌹🌹

# प्रतियोगिता 


   14
8 Comments

Arvaz Ahmad

03-Jul-2022 10:38 AM

Nice

Reply

Saba Rahman

03-Jul-2022 02:10 AM

Nyc

Reply

Aniya Rahman

03-Jul-2022 01:17 AM

Osm

Reply