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समाज

 Lekhny
# विषय - समा
# मौलिक रचना
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समाज गो बताओ कब और 
सहायक उपकरण कहां बने ..?
बताओ तो सही कब सत्य का सारथी बना ..?
मैंने टूटते देखा बेबस पिता को,
तेरे आगे नतमस्तक हो,
अकेलेपन और तिरस्कार से 
संतप्त और विवश हो,
 विवश होते देखा माँ को
सहारा पाने के लिए,
कैसे जतन करता था
 माँ कुमारी को बदलने के लिए,
वे विरोध कर भी लेती हैं जब शोषण के लिए,
दंडित किया जाता है हरबार उसे बेबाकी के लिए,
 पिता को मजबूरन चुकाने में पंचों के परिणामजे,
कितने कठोर होते थे पंचायतों के फैंसले,
जिसकी लाठी भैंस उसके पक्ष में होती थी,
अबलाओ पर भी दया तब कहां होता था,
कहाँ गलत थी माँ की वो जिन्दगी,
बच्चों को सरकारी नौकरी दिलाने के सपने
कहां गलत किए गए बेटों को पढाकर ने कहा,
तलाक और विधवा प्रथा का विरोध जताया गया उन्होंने,
क्यों वो कुरीतियों को तोडते हैं 
होती दंड से होता है,
क्यों अपने और बच्चों की स्वतंत्रता के लिए लती,,
समाज में गलत क्यों था? 
प्रेम का गीत गाओ उसका,
घर घर गाँव गाँव राम धुन गाओ उसका,
कहाँ गलत था उसका अपना अंदाज से जीना,
समाज ने उन्हें बहिष्कृत क्यों किया,
बेवजह अपित क्यों किया,
क्यों इतना संकुचित समाज का अर्थ होता है,
क्यों न होता है समाज का धर्म,
जब महिला समाज कुछ अनोखे काम करता है,
पुरानी परम्परा के विरोध में मरते हुए वह जीती 
जब वह नया सामाजिक सृजन करता है,
उसका समाज क्यों न कर पाता है
उसका बनाया हुआ समाज क्यों नहीं मिल पाता है,
जहां समान कर्म, भाव और विचार मिले,
जहाँ धर्म, जाति, मज़हब और ओहदे का न हो भेदभाव,
जहां सिर्फ मैत्री, प्रेम और करुणा का भाव,
जहां सहयोग, समता और समानता हो,
हर कमजोर के प्रति सहयोग सहानुभूति हो,
यहीं समाज का सच्चा अर्थ क्यों नहीं हो जाता हैं?
यहीं समाज का सच्चा धर्म क्यों नहीं हो जाता है ..?

* माँ और पिता को समर्पित *

**** मीनाक्षी मीरा *****
रोहिड़ा,(पिंडवाड़ा)
माउन्ट आबू,राजस्थान

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3 Comments

Visu kesharwani

20-Apr-2021 09:42 AM

👌👌👌

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Bushra Maryam

08-Feb-2021 05:17 PM

Yes , sahe bat hai , bohut achcha laga padh kar , . 😊

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Kumawat Meenakshi Meera

08-Feb-2021 08:34 PM

धन्यवाद मैम। यूं ही सहयोग देते रहे

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