Priyanka06

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लेखनी कहानी -14-Jul-2022 ऐसे होते हैं गुरु

लेखिका-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक - ऐसे होते हैं गुरु
विधा-गीत

सुबह सांझ करो ,गुरु का ध्यान।
जीवन का बनता हर काम।।

ऐसे होते हैं ..…गुरु

मात पिता के करो प्रथम चरण स्पर्श।
दितीय करो गुरुवर का वंदन।।

गुरु की महिमा हम सुनाते।
ज्ञान का सागर हमें पढ़ाते।।

ऐसे होते हैं.. गुरु

कच्ची माटी को गढ़ते।
ज्ञान का पाठ उनमें सजते।।

ऐसे होते हैं.... गुरु

प्रथम होता परिवार, दूसरा होता गुरुकुल।
मिलता है यहां पर शिक्षण।।

ऐसे होते हैं... गुरु

सुबह सांझ करो गुरु का ध्यान।
जीवन का बनता हर काम।।

गुरु शिष्य का अनजान रिश्ता।
फिर भी होता इस रिश्ते में सम्मान।।

ऐसे होते हैं... गुरु

गुरु होते हैं ज्ञान का सागर।
शिष्य को देते ज्ञान का भंडार।।

ऐसे होते हैं ...गुरु

पथ से जब भटकते 
मार्गदर्शन गुरु कराते

ऐसे होते हैं... गुरु

गुरु होते हैं निश्चल।
बिना फल के करते ज्ञान का अर्पण।।

ऐसे होते हैं ...गुरु

सुबह सांझ करो गुरु का नाम।
जीवन का बनता हर काम ।।

ऐसे होते हैं.... गुरु

बच्चों का भविष्य बनाते।
बड़े होकर जगमगाते।।

ऐसे होते हैं... गुरु

ज्ञान को करते प्रदीप्त,
होता भविष्य उज्जवल।
अपनी मंजिल में होते  सफल।।

ऐसे होते हैं... गुरु

प्रथम मात-पिता अनुभव सिखाते।
दितीय गुरुवर रहा दिखाते।।

दोनों को करते नतमस्तक।
दोनों कराते ज्ञान का दर्शन।।

दोनों को करते नमन।
जीवन हो जाता सफल।।

ऐसे होते हैं.... गुरु

सुबह सांझ करो गुरु का ध्यान।
जीवन का बनता हर काम।।

नॉनस्टॉप प्रतियोगिता २०२२
भाग-14

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6 Comments

shweta soni

18-Jul-2022 12:26 AM

Nice 👍👍

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Gunjan Kamal

17-Jul-2022 08:49 PM

बहुत खूब

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Chudhary

16-Jul-2022 10:08 PM

Nice 😊😊

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