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चाहत है!



कुछ ख़्वाब अब तुम सा बुनने की चाहत है
अपनी सांसो के संग, तुम्हे चुनने की चाहत है।

माँगना चाहता हूँ, अब बस इजाजत तेरी 
अपनी हर बात तुझसे, कहने की चाहत है।

चल दूर चले कहीं, दुनिया के इस शोर से
 दूर जमाने से, बस तुम्हें सुनने की चाहत है।

कह दे तो आँखे बन कर लूं, गोद में तेरी
आखिरी पल तक, तेरे पहलुओं में जीने की चाहत है।

सुन धड़कने जरा तू आ के, मेरे दिल की
मेरी रूह को भी, तेरी रूह से मिलने की चाहत है।

चाहता हूँ समेट लूँ ये पल अपनी मुट्ठी में
तेरे संग बीते खुशनुमा पल, सहजने की चाहत है।

बरसेगा ये सावन देखना मेरी चाहतों का 
"मन" तेरे संग हर सावन भीगने की चाहत है।


#MJ


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2 Comments

Aliya khan

04-Aug-2021 07:45 AM

Behtareen

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Shukriya

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