Harsh jain

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तन्हाई





ये तन्हाई में रहना अब ना हमको रास आता है! 

तेरा ही ग़म मुझे रातों में  आ आकर  रूलाता है!

मुझसे दूर जाकर खुश तो तुम भी रह नही सकती!

तेरा उतरा हुआ चेहरा हमे सब कुछ बताता है!! 


          हर्ष जैन सहर्ष......

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3 Comments

Aliya khan

04-Aug-2021 07:43 AM

Nice

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Swati chourasia

03-Aug-2021 07:59 PM

Nice

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Niraj Pandey

03-Aug-2021 07:08 PM

बहुत खूब👌

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