Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -06-Jul-2022... सपनों की उड़ान..

 उसी गाँव में रहने वाला एक शख्स मोहन शहर से अपने घर आया था...। उसके पास भी स्मार्ट फोन था...। एक दिन परी ने उसे फोन चलाते हुवे देखा तो परी उसके पास भी मोबाइल पर विडियो दिखाने की जिद्द करने लगी...। मोहन को परी के बारे में पहले से पता था... उसने गाँव वालों से उसके बारे में सुन रखा था...। वो जानता था परी कभी ना कभी तो उसके पास भी आएगी...ओर ये जल्द ही हो गया...। 

मोहन भईया आप तो मुम्बई में काम करते हो ना.... वहाँ तो डांस के भी सारे प्रोग्राम होते है ना.... कभी मुझे भी ले चलो ना अपने साथ....। 

हाँ... हाँ.... जरूर ले चलूंगा... पर तुने अपने बाबा से पूछा हैं...! 

वहीं तो दिक्कत हैं भईया..... माँ बाबा को तो ये सब फालतू लगता हैं...। लेकिन मैं बहुत अच्छा डांस करतीं हूँ पता हैं...। आप कोई भी गाना चलाओ मै दिखातीं हूँ आपको....। 

पक्का.... कोई भी गाना चलाऊँ..! तुम उस पर डांस कर लोगी..! 

हाँ.... पक्का....। 

मोहन ने अपने मोबाइल पर गाना चलाया..... 
बीड़ी जलई ले..... जिगर मां पिया.. 
जिगर मां बड़ी आग हैं... 

ये कौनसा गाना हैं भईया..... मैनें तो कभी नहीं सुना...! 

अरे परी.... तुने ये गाना नहीं  सुना..! मुम्बई में तो आजकल ऐसे ही गाने चलते हैं...। इधर आ पहले विडियो देख ले... फिर डांस कर...। 

परी मोहन के मोबाइल में विडियो देखकर.... हम्म् अभी फिर से चलाओ भईया.... अब देखो...। 


मोहन ने गाना चलाया और परी उस गाने पर डांस करने लगी...। अपनी उम्र से कुछ अलग ही कर रहीं थीं परी... वैसी अदाएं.. वैसी हरकते जो एक टीन एज़ की लड़कियां करती हैं...। 

वाह परी डांस तो तू बहुत अच्छा करतीं हैं..... पर शायद मैने तुझे गलत गाना दे दिया.... इस गाने के हावभाव के हिसाब से तु अभी बहुत छोटी हैं... इसलिए मेरी माने तो अभी कुछ साल ओर तु अच्छे से यहीं मेहनत कर .... थोड़ी बड़ी हो जा.... फिर चलना डांस शो में...। 


छोटी हूँ.... मतलब...! 

मतलब... तु ऐसे गानों पर अभी डांस नहीं कर सकतीं...और मुम्बई में तो ऐसे ही गाने चलते हैं..। 


क्यूँ नहीं कर सकतीं... डांस तो बिल्कुल उसके जैसा ही किया ना मैने..! 

हाँ परी... पर कुछ गाने सिर्फ बड़ों के लिए बने होते हैं.... तु बड़ी हो जा फिर पक्का ले जाऊंगा तुझे मुम्बई में....। चल अभी तु घर जा बहुत देर हो गई हैं....। 

परी अपना सा मुंह लेकर वहाँ से चलीं जातीं हैं...। घर पहुँच कर....। 
माँ... एक बात पुछूं....। 

बोल... परी..। 

माँ मैं बड़ी कब होऊंगी....! 

बड़ी.... ये क्या सवाल हैं परी... जैसे सब होतें हैं वैसे होगी..। 

माँ अगर किसी को जल्दी बड़ा होना है तो...! 

परी... हर कोई अपनी उम्र के हिसाब से बड़ा होता हैं... जल्दी बड़ा नहीं हुआ जाता....। समय के हिसाब से ही सब चलता हैं...। समझी...! 

होतें हैं माँ... मैंने देखा हैं... मोबाइल में.... बहुत सारे लोग... फिल्मों में काम करने वाले... आपरेशन करके... दवाईयां लेके जल्दी बड़े है जातें हैं...। माँ मुझे भी जल्दी बड़े होने की दवाई दिलवाओ ना... फिर मैं भी मुम्बई जाऊंगी...। 

परी....  मुम्बई का भूत अपने दिमाग से निकाल ले...। चुपचाप पढ़ाई लिखाई में ध्यान दें... इस नाच गाने से कुछ नहीं मिलने वाला...। थोड़ा पढ़ लेगी तो कुछ बन पाएगी..। आज मैनें पढ़ाई की होती तो यहाँ चूल्हा चोंका नहीं कर रहीं होतीं...। 


माँ.... आपको तो कुछ नहीं पता.... मुम्बई में नाच गाने के लिए कितने पैसे मिलते हैं....। अरे माँ आजकल तो वो छोटी छोटी विडियो बनाकर भी बहुत पैसे कमाए जाते हैं.... माँ तुझे एक बड़ा वाला फोन दिलवा दो ना...। बाबा को बोलो ना...। 


परी.... यहाँ खाने के पैसे नहीं हैं तुझे.. मोबाइल की पड़ी हैं....। 

आपको तो कुछ बोलना ही पाप हैं माँ... हर बात पर गुस्सा करतीं हो... मैं बाबा को ही बोलूंगी...। 


वहीं दूसरी ओर मोहन मोबाइल में परी की विडियो को बार बार देख रहा था...। 
मोहन सोचते हुए..... डांस तो अच्छा करतीं हैं... लेकिन अभी बहुत छोटी हैं...। पर एक चांस लेकर देखने में क्या जाता हैं.... अगर इसकी विडियो वायरल हो गई तो हो सकता हैं शायद कोई रास्ता मिल जाए...! 
ऐसा सोचकर मोहन ने अपने मोबाइल से परी की विडियो इंटरनेट पर डाल दी...। 


क्या इससे परी को मदद मिलेगी... या परी के साथ कुछ ओर ही घटित होगा...!! 

जानते हैं अगले भाग में...। 

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4 Comments

नंदिता राय

16-Jul-2022 09:48 PM

शानदार

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Raziya bano

16-Jul-2022 11:04 AM

Bahut sundar rachna

Reply

shweta soni

16-Jul-2022 10:35 AM

बेहतरीन रचना 👌

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