Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -18-Jul-2022 - कलम

मुक्तक 

मात्रा भार 30 

कलम जब चलती हैं परिणाम की परवाह करती नहीं , 
खरी-खोटी सब कहती हैं किसी से यह डरती नहीं, 
संपोलें आए राहों में या मिल जाए इसे यहांँ शेर ,
कुछ भी हो जाए प्रपंच के आगे पानी भरती नहीं ||


#दैनिक प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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8 Comments

Punam verma

19-Jul-2022 04:40 PM

Very nice

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Abhinav ji

19-Jul-2022 07:46 AM

Nice

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Swati chourasia

19-Jul-2022 06:11 AM

बहुत खूब

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