लेखनी प्रतियोगिता -21-Jul-2022
चंद मुलाकात
यूं तो ये शहर पुराना हो गया है, वही सड़कें वही दुकान, पर जबसे तुमसे मिला हूं, इन बेजान दीवारों में, , एक जान सी आ गई है।
आज बारिश की बूंदों में बगावत सी है, शाम की लाली में, मेरा मदहोश मन, तुमसे मिलने के बहाने ढूंढ रहा है
यूं तो चंद मुलाकात, दो चार बातें ही हुई है,
फिर भी तुम्हारे साथ,
पूरा शहर घूमना चाहता हूं ।
इन ठंडी हवाओं में, लहराते हरे भरे पत्तों में, आसमान में चलते बादलों के नीचे, तुम्हारे हाथों में हाथ डालकर, मिलों दूर चलना चाहता हूं।तुम्हारे खामोशियों को सुनना चाहता हूं, जीवन की वो बातें, जो तुमने किसी से न कहा, वो बात सुनना चाहता हूं
सुना है ये शहर दिलवालों का है, मैं भी दिल लगाना चाहता हूं, एक शिद्दत वाला इश्क करना चाहता हूं, बस तुम्हारे पलकों की इजाजत, मेरी आंखों को मिल जाती।
यूं तो ये शहर पुराना हो गया है, वही सड़के वही दुकान, पर जबसे तुमसे मिला हूं, इन बेजान दीवारों में, एक जान सी आ गई है।
नंदिता राय
21-Jul-2022 01:33 PM
बहुत खूब
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Renu
21-Jul-2022 11:52 AM
👍👍
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shweta soni
21-Jul-2022 11:04 AM
Bahot sunder 👌
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