मुआफ़ी-नामा
माफ़ कर देना उन खताओं को मेरी,
जिन्होंने तेरा दिल दुखाया है।
आंसू तेरे जब जब भी बहे,
उन्होंने मेरा ख़ून सुखाया है।
ग़लतियाँ अनजाने में हो जाती है,
जानबूझकर मैंने तुझे कब सताया है।
तेरे बहते हुए एक एक आँसू ने,
दिल मेरा भी तो जलाया है।
नींदों ने भी किनारा कर लिया मुझसे,
बोझ तेरी बेरुखी का सर पर उठाया है।
तेरा नाराज़ होना भी जायज़ है "निक्क",
पहली दफ़ा मैंने तुझे इतना रुलाया है।।
Mithi . S
23-Jul-2022 10:16 PM
Bahot khub 👌
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Rahman
23-Jul-2022 08:11 PM
Osm
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shweta soni
23-Jul-2022 10:42 AM
Nice 👍
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nikksinghnikhil
23-Jul-2022 02:29 PM
Thanks
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