लेखनी प्रतियोगिता -22-Jul-2022 इश्क
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-इश्क(प्रेम प्रेमिका की वार्तालाप)
विषय- नाराज
रस-श्रृंगार रस
हे प्रियतम! तू मेरी है प्रियवर,
जब हो जाती हो नाराज,
दिल में बजने लगता है गिटार
और भी दुगना हो जाता है प्यार,
हे प्रियतम! देख मैं तेरे लिए लाया हूं कुछ तोहफा,
देख तोहफे को खिल उठेगा तेरा चेहरा।
देखकर हो जाएगी खुश,
तेरी नाराजगी हो जाएगी दूर,
खिल उठेगा तेरा नूर,
महक जाएगा तेरा बदन
देख! लाया हूं मैं गुलाब का फूल।
देख गुलाब का फूल,
भूल गई गिला शिकवा
मन भी हर्षाया,
अपने गले लगाया।
अधरों पर पंखुड़ियां खिल उठी,
चेहरे पर मुस्कान छा गई,
हे प्रिय! तुम लाए मेरे लिए फूल,
मेरे बालों में लगाकर करो सुशोभित,
चमक उठी दोनों के इश्क की छवि।
चांद चांदनी का जैसे इश्क का नगमा,
ऐसा था दोनों के इश्क का मनोरमा।
Khan
25-Jul-2022 09:56 PM
Nice
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Aniya Rahman
24-Jul-2022 10:15 PM
Nyc
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Saba Rahman
24-Jul-2022 11:26 AM
Nice
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