मेरी कलम।
अपनी कल्पना की कलम से ।
आज सारे ख्वाब लिख लेती हूँ।
स्याही कम न पड़ जाए।
जिंदगी की किताब लिख लेती हूँ।
कलम हैं मेरी हमसफर।
अपने सफर का अंजाम लिख लेती हूँ।
दिल के कोरे कागज पर।
मन के सारे जज्बात लिख लेती हूँ।
इसके साथ तन्हा न लगे सफर।
इससे सबका वैराग्य लिख लेती हूँ।
अपने फड़फड़ाते पन्नों में।
चंद लम्हो का अनुराग लिख लेती हूँ।
मेरी जादुई कलम से।
अपना अलग ,समाज लिख लेती हूँ।
जिंदगी भर न छूटे साथ।
इसका ,मेरा ऐसा अनूठा भाग्य लिख लेती हूँ।
Niraj Pandey
07-Aug-2021 12:50 PM
वाह गजब👌
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NEELAM GUPTA
06-Aug-2021 06:48 PM
आप सभी का बहुत बहुत आभार
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Swati chourasia
06-Aug-2021 06:04 PM
Very beautiful 👌
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