Mrityunjay

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मुहब्बत में हम...

हम उस हसीना के मुहब्बत में फकीर हो गयें
लिखा दिल के कलम से उने हम पिर हो गयें

फकत चंद लम्हो की मुलाकात में हम उसके
बातों और हुस्न-ए-दिदार के मुंतज़िर हो गयें

अजनबी,दोस्त,गमगुसार फिर चारासाज़ बने
हर रिश्ता निभाया ओर वो मेरे नासिर हो गयें

ईतनी बड़ी दुनिया थी हमारे सामने पर हम तो
उनके ही प्यार और मुहब्बत में आसीर हो गयें

बहुत गुरूर था हमे आदि हमारे मुहब्बत पर
तुटा हमारा गुरूर वो बेवफा आखिर हो गयें

#मृत्यंजय
#एरर


( पिर - गुरु , नासिर - ईशवर ,  आसिर - कैदी)

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