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कहानी-- संयोग से


बाल कहानी --संयोग से 

मिट्ठू बिल्ली पूरे पड़ोस की बहुत ही प्यारी थी ।
सब लोग उसे बहुत प्यार करते थे ।

इस घर से उस घर उस घर से इस घर। यहां की बातें  वहां और वहां की बातें यहां यही उसका दैनिक रूटीन था।
 एक दिन मीना आंटी ने दही मथा और मक्खन निकालकर एक हांडी में भरकर उसे ऊपर टांग दिया मिट्ठू बिल्ली उधर से निकली
,, आंटी,यह क्या है?
 मीना आंटी ने कहा
,, मिट्ठू,यह मक्खन है।,,

,,मीना आंटी मक्खन क्या होता है?,,
 मीना आंटी ने कहा
,, मिट्ठू इसे खाया जाता है ।,,
,,अच्छा कौन खाएगा आंटी ।,,
मिट्ठू ने अपनी आँखें मटका कर पूछा।

 मीना आंटी ने कहा
,, सुबह जब चीनू मीनू दोनों स्कूल जाते हैं जब मैं उन्हें रोटी या ब्रेड में लगा कर देती हूं तो वह खाते हैं खाकर  स्कूल जाते हैं ।,,
,,अच्छा तो मैं भी खा लूंगी।,,

 मीना आंटी जोर से हंस पड़ी
,, हा हा हा तुम खाओगी तो  तुम्हारे सारे बाल झड़ जाएंगे मिट्ठू । तुम्हारे लिए नहीं है यह मक्खन। तुम्हें इस से दूर ही रहना चाहिए।,,

यह सुन कर मिट्ठू उदास सा मुंह लेकर बाहर निकल आई।
 उसके दिमाग में एक ही बात चल रहा था कि उसी तरह से  हांडी से मक्खन निकालना है ।

काफी देर तक इधर उधर भटकने के बाद कि उसे कोई आइडिया नहीं लगा कि यह ऊपर टांगे हांडी से कैसे मक्खन निकाले ।

तभी उसकी नजर पार्क में खेल रहे बच्चों पर पड़ी बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे ।

वाह ..मुझे आईडिया मिल गया ..!! मिट्ठु ने सोचा ।
 वह चुपके से मीना आंटी के घर  में गई और  हांडी  वाले कमरे में घुस कर चुपके से  खिड़की खोल दिया और बाहर निकल गई।

 तभी बच्चे ने बॉल उछाला ।बॉल मीना आंटी के कमरे में घुसा जहां हांडी लटकी थी।
बॉल तड़ाग से हांडी फर लगी औ हांडी दो टुकड़े में टूट गया। ऊपर लग गया ।

अब मिट्ठू की तो चांदी ही चांदी थी। उसने जमके मक्खन खाया और खाने के बाद जोरदार डकार लिया।
 और कहा
,, संजोग से छींका फूटा और मैंने मक्खन खा लिया। एक कहावत भी है बिल्ली के भाग से छींका फूटा -- यह कहावत चरितार्थ हो गई ।

***
सीमा....✍️🌷
©®

#लेखनी दैनिक प्रतीयो




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16 Comments

Saba Rahman

26-Jul-2022 11:52 PM

😊😊😊

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Khan

26-Jul-2022 11:02 PM

Osm

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Aniya Rahman

26-Jul-2022 10:57 PM

Nyc

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