नेहा

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पतझड़

पतझड़ भी जीवन में अक्सर बहुत कुछ सीखा जाता है , 

आंखों से धुंधले झूठ का पर्दा यह हटा  जाता है ,

मत सोच कभी जीवन में यह क्या क्या तूने गवाया है ,
जब जब सोचा है सामने तो आंखों में आंसू पाया है ,
हो जाते हैं अपने पराए ,
पराया भी कोई अपनापन जता जाता है ,
पतझड़ भी जीवन में अक्सर बहुत कुछ सीखा जाता है..........

घमंड बहुत होता है उनको अपने धन और दौलत का ,
गर्व बहुत होता है उनको अपने दिखावे सूरत का ,.
संतोष से बड़ा धन कुछ भी नहीं है ,
गरीब की इज्जत दिखा जाता  है ,
पतझड़ भी जीवन में अक्सर बहुत कुछ सिखा जाता!!

तू जीत गया मैं हार गई,.
यह सोच ही सबको मार गई ,
ना सोच कभी तु हार जीत की ,
गीता मे पढ़ा जाता है ,
पतझड़ जीवन में अक्सर बहुत कुछ सिखा जाता है ,.
आंखों से  झूठ का पर्दा हटा जाता है!!! 

 स्वलिखित- नेहा

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12 Comments

Tariq Azeem Tanha

29-Jul-2022 08:32 PM

शानदार

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Khan

28-Jul-2022 11:11 PM

Nice

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नेहा

30-Jul-2022 12:02 PM

Thanks 🙂

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Rahman

28-Jul-2022 10:45 PM

Nyc

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नेहा

30-Jul-2022 12:02 PM

Thanks🌹

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