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बस चाय तक ! सीझन-2 , भाग-7, नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-16

बस चाय तक ! सीझन-2 , भाग-7, नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-16

शादी के लड्डु भाग-3

हाय लेखनी....(वालो),

ये शादी के लड्डु का तीसरा भाग लीख रहा हु। ऐसा मान लेता हु की आप सभी को अगले दोनो भाग पसंद आये है.....(अभी तक कोइ नेगेटीव कमेंट नही देखी इसिलिये मान लिया की अगले दोनो भाग आप सभी को अच्छे लगे है। अगर नही अच्छे लगे है तो कोइ बात नही समज लेता हु की उन लोगो की भी शादी हो चुकी है और होमवर्क मे इतने बीजी है की कमेंट करने का भी समय नही मिला होगा)।

रींकी की शादी तो अच्छी तरह् सम्पन्न हुइ न ! अरे मै आप सब से पुछ रहा हु (बता नही रहा....क्युकी रींकी की माने तो वो आज तक यही मान रहा है की उस की शादी के दिन न तो वो चैन से जी पाया और न तो चैन से सो पाया...क्यु? वो मुजे पता नही...उसी से पुछ लेना)।

चलिये अब आगे बढते है। कुछ एक महिने तक तो रींकी हमे दिखा ही नही। शायद हम भी फ्री नही हो पाये की सब दोस्त एकदुसरे को मिल सके। लेकिन बराबर एक महिने के बाद रींकी का फोन आया और बोला की हम सब को मिलना चाहिये। सब दोस्तो ने आपस मे फोन कर लिया और एक इतवार को मिलने का प्रोग्राम बना लिया। लेकिन हमे आश्चर्य इस बात का था की रींकी ने हम सब को अकेले बुलाया था (मतलब बिना अपनी अपनी पत्नीयो के)। सब से पहले मै सोच मे था की कही रींकी और उन की पत्नी मे अनबन तो  नही हो गइ न ! और सच मे जब हम मिले तो रींकी का मुह उतरा हुवा था।

सब से पहले मैने ही पुछ लिया, ”भाइ राकेश (पहले ही बता चुका हु की उस के सामने हम उसे राकेश ही बुलाते थे। मरना था क्या की उस के सामने उसे ‘रींकी’ नाम से पुकारे) क्या हुवा? तेरा मुह क्यु उतरा हुवा है?”

रींकी कुछ नही बोला और अपना मुह लटका के बैठा रहा।

बारी बारी सब दोस्तो ने उसे पुछा लेकिन वो बोलने को तैयार ही नही था। फिर ज्यादा जोर डालने पर इतना ही बोला,” यार ये काम करने जैसा नही था।“

तुरंत रवि बोल उठा, “वो तो हम सब पहले से ही बोल रहे थे की शादी मत कर। लेकिन तु माने तब ना।“

उतने मे तो रींकी बोल उठा, “अरे वो नही। वो तो अच्छा हुवा।“

तो मैने दुबारा पुछा, “तो क्या अच्छा नही हुवा?”

रींकी अपना उतरा मुह लगाकर फिर से बोला, “ये जो हुवा न वो अच्छा नही हुवा।“

दुसरा दोस्त ने भी बोला,”अरे भाइ यही तो हम सब कह रहे थे की मत कर शादी।“

अब रींकी को गुस्सा आ गया, “अरे वो नही यार, वो तो अच्छा हुवा। ये जो हुवा वो ठीक नही हुवा।“

 

अब मैने भी गुस्सा होकर कहा, “अरे वो ठीक नही हुवा और ये ठीक हुवा...बात क्या है वो बता ना।“

रींकी कुछ पल तो बोला ही नही फिर बोला, “वो....वो... माइके गइ है ना।“

ओहो....तो भाइ को ये ठीक नही लगा की भाभीजी माइके गइ है।

 

“हा तो क्या हो गया? ये तो आम बात है की शादी के बाद सभी की पत्नीया अपने मायके जाती ही है” सभी ने कहा।

”अरे यार वो बात नही है” रींकी चिल्ला उठा।

“अरे तो बात क्या है ?” मैने भी गुस्से से पुछा।

 

“भाइ...तुम सब लोग समजो यार, 42 साल तक शादी नही हुइ और जब हुइ तो अब वो मायके चली गइ है, आप सोचो कैसे समय जायेगा”  रींकी ने बीगडी हुइ कढी जैसा मुह बनाकर बोला।

”तो क्या हुवा ? कोइ जगडा हुवा है क्या ?” मैने पुछ लिया।

“ अरे नही यार, कोइ जगडा नही हुवा...लेकिन.. (वो बोलने से अटक गया...मतलब साफ था की उस की मजाल थी की 42 साल के बाद शादी हुइ हो और वो जगडा करे)।

 

“अरे जगडा नही हुवा तो भाभीजी माइके क्यु गइ है?” रवि ने पुछ ही लिया।

“वो रीवाज है ना की शादी के बाद भाइ उसे लेने को आता है और फिर कुछ दिन बाद वापस आना होता है। इसिलिये उस का भाइ लेकर गया है।“ रींकी ने भीगी आखो से अपना दुख बयान किया।

“हा तो ये सामाजिक रिवाज है....उस मे इतना दुख कैसा भाइ ?” मैने कहा।

 

”अरे यार... दो दिन का बोलकर गइ है.. और...और... आज आने का वादा था तो मै सुबह से बस स्टोप पर इंतेजार कर रहा हु लेकिन आइ ही नही। मैने तो बस कंडकटर को भी बोला की कोइ अच्छा सा पेसेंजर उतारो...जहा देखो केवल बुढ्ढे लोगो को ले आता है।“ रींकी ने अपना गुस्सा बसवाले पर उतारा था।

हम सब हस हसकर लौटपौट हो गये ”अबे तेरी घरवाली वापस नही आइ तो बसवाले का क्या कसूर भाइ ?” रवि ने मुश्किल से हसना रोक कर बोला।

”हा वो तो है। लेकिन तुम ही सोचो इतने दिनो तक कैसे कैसे जलसे किये और अब ये विरह, यार याद तो आयेगी ना” रींकी ने भोलेपन से कहा।

हम सब की ओर हसी छुट गइ तो साला हम पे ही भडक गया। अब मौका देखा की हम सब लोग पीटनेवाले है तो मेरे मुह से नीकल गया,”रुक भाइ रुक...तेरे और भाभीजी के पास मोबाइल नही है क्या?”

”हा मोबाइल तो है।“ रींकी ने अचानक रुकते हुवे कहा।

”तो फोन लगाकर पुछ ले ना ।“ मैने चिल्लाकर बोला।

”हा..यार....देखो...दोस्तो का यही फायदा है...है मोबाइल है..मेरे पास भी और उन के पास भी....शादी की जो रकम आइ उस मे से ही खरीदकर दिया है (साले ने हम सब ने जो शादी मे व्यवहार किया था उसी मे से फोन दिलाया था..खुद तो कभी पैसा खर्च करेगा भी नही)। ये तुम दोस्त लोग मिले तो आइडिया दिया ना फोन लगाने का....ये तुम्हारी भाभी नही थी तो दिमाग भी नही चला की फोन कर लिया जाये (हम सब ने एकदुसरे के सामने देखकर मन ही मन बोल दिया की वैसे भी कहा तु दिमाग चलाता है?)

”लगा चल अभी फोन लगा...” रवि ने जोर दिया।

रींकी फोन लगाने के बजाय हम सब के सामने देखने लगा।

बात को अच्छी तरह समजने के बावजुद हम मे से कोइ वहा से गया ही नही। आखिर रींकी ने मन ही मन गालीया देते हुवे पोकेट मे से फोन नीकाला और घुमाया नम्बर अपनी पत्नी को। हम सब बारी बारी उस की बाते जान ने के लिये मधुमखी की तरह चिपके रहे और वो बार बार इधर उधर डोल रहा था।

 

रींकी का फोन दुसरी तरफ से पिक अप हुवा और रींकी ने बडी मुश्किल से बोला,”हेल्लो कुती (तब हमे पता चला की वो क्रुति बोल ही नही पा रहा था...उसे ‘क’ और ‘र’ साथ मे बोलने मे तकलीफ हो रही थी)” 

रवि के मुह से धीरे से नीकल ही गया, “अच्छा हुवा पीछे ‘री’ नही बोला। और दुसरे ही पल रवि हम सब से दो फीट दुर धडाम से गीरा (बताने की जरुरत नही की रींकी की गधे जैसी लात उस पर पडी थी) रवि अपना पाव सम्भालते हुवे धीरे धीरे खडा हुवा (वैसे हम लोग भी रींकी के गुस्से की कद्र करते हुवे कोइ रवि को उठाने तक नही गया)

“तु आज वापस आनेवाली थी न। आइ क्यु नही ? मै सुबह से बस स्टोप पर खडा हु। दो दिन बोलकर गइ थी आज तीसरा दिन भी गुजर गया। तु आइ ही नही। मुजे न फोन याद आया। केवल तु आनेवाली थी तो सुबह से इधर उधर घुम रहा हु। तु बता तो सही आइ क्यु नही ?” रींकी एक ही सास मे बोल गया।

सामने से आवाज हमे स्पष्ट सुनाइ दे रही थी “अरे आप को मुजे लेने आना था ना। भुल गये क्या ? ये रीवाज है की पहलीबार मै माइके जाउ तो आप को मुजे लेने आना होता है।“ भाभीजी ने याद दिलाया इस कम अक्कल को।

“अरे हा यार। मै तो भुल ही गया। चलो मै कल ही आ जाता हु।“ रींकी ने जवाब मे बोला।

“अब कल मत आना। भुल गये इसिलिये सजा मिलेगी। अब जब मै बोलु तब ही आना” सामने से जो आवाज आइ वो शेरनी की थी। इस के बाद देर तक रींकी मनाता रहा लेकिन शरनी की दहाड के आगे कुछ नही चला और तब हम सब समज गये और तसल्ली भी हुइ की रींकी हम मे से ही एक है।

 

अब रींकी और उन की पत्नी मे जो बातचीत हो रही थी उस मे कुछ सुन ने जैसा नही था। इसिलिये हम ने रींकी के खर्चे पर आराम से चाय पानी पिया (क्युकी रींकी फोन मे उलझा हुवा था तो उसे पता ही नही चला की कब हम चाय पी गये। वो तो बाद मे सब दोस्त एक दुसरे से अलग हुवे और चायवाले ने पैसा याद दिलाया तो रींकी को पता चला की हम सब ने उन का नाम देकर चाय पी ली थी)।

 

फिर हम ने रींकी की शादीशुदा लाइफ के बारे मे छानबीन शुरु की तो कुछ बाते पता चली। कुछ बाते यहा शेयर कर ही लेता हु...

1.       रींकी की शादी के एक सप्ताह के बाद जाडु बरतन ज्यादा से ज्यादा रींकी ही करता था (ये बात सुनकर हमे जितना दुख हुवा उस से ज्यादा खुशी भी हुइ...क्यु ? अरे 3 इडियट देखी है ना उसी फिल्म मे समजाया हुवा है की दोस्त सुखी हो तो दुख होता है और अगर वो दुखी हो तो ज्यादा सुख मिलता है....ह्युमन नेचर..भाइ...)

2.       शादी के 1 महिने बाद रींकी का वजन 10 किलो उतरा था और उतना ही भाभीजी का बढा हुवा था (मतलब बेलेंस बना हुवा था अभी भी...)

3.       शादी के बाद रींकी को एक बात अच्छी तरह समज मे आइ थी की लडकिया जब कम उम्र मे अपने कान मे जो छेद करवाती है वो केवल गहने पहन ने के लिये....बाकी सुनती तो कीसी के बाप की नही (ये खुद भोलेपन मे रींकी ने बोला है) और शादी के बाद अपने पति का तो बिल्कुल नही।

4.       रींकी के मुह से एक और कडवा सच हमे जान ने को मिला जो आज तक हमे भी पता नही चल पाया था की....अगर सुबह खाने के लिये प्यार से परोसे हुवे चावल हमने नही खाये तो अंजाने मे ही सही शाम के लिये वही बचे चावल के पुलाव कम्पलसरी खाने पड सकते है (सोचो...ये 100 प्रतिशत सत्य है)।

5.       रींकी एक बात बार बार याद करता है जब उस के पापा कहते थे,”अच्छा पढ लीख ले...बडे होकर सुन्दर, सुशील पत्नी मिलेगी” अब रींकी अफसोस करता है अपने पापा से की यह स्किम उस के समय पर उपलब्ध नही थी क्या ?

6.       एक बात के लिये रींकी हमेशा खुश दिखता है की उस की माता और पत्नी मे काफी अच्छा बोंडिंग है (क्यु नही होगा....दोनो के स्वभाव काफी मिलते जो है, क्युकी ज्यादा से ज्यादा होमवर्क दोनो बाप-बेटो के नसीब मे ही लिखा हुवा है।)

7.       एक और भी अहम ज्ञान रींकी को तब हुवा जब उस ने हम को बोला की भाभी जी हमेशा उसे बोलती रहती है की, “ हाव क्युट यु आर ?” और हम ने उसे सलाह देते थे की “एक बार आइने मे अपना मुह जरुर देख लेना जब जब तुम्हे क्युट बोला जाये”।

8.       रींकी ने एक बार हम से पुछा,”हम लोग बुध्धु ही क्यु रहे ?” रवि ने निर्दोषता से जवाब दिया,”मा-पिता की नजर मे कोइ संतान कभी बडा नही होता और पत्नी की नजर मे कभी समजदार नही होता।“

9.       एक बार अपनी पत्नी की उंगली पर खुन देखकर रींकी ने उंगली अपने मुह मे ले ली थी और बाद मे फुक लगाकर मालिश भी कर दिया...वो तो बाद मे पत्नी बोली, ”मैने तो मच्छर मारा था....।“ (तो पहले बोल नही सकती थी....पुरा मालिश करवा लिया बाद मे बोली)

10.   रींकी के फुफा कइ दिनो से कम सुनते थे तो कान के डोक्टर के पास ले गये...इलाज हो गया तब पता चला की विक्स की एडवर्टाइज फुफाजी अपने कानो से इस तरह सुनते थे....व्हिस्की थोडी लो और खीच खीच दुर करो (जब की ओरीजिनल ये है...विक्स की गोली लो..खीच खीच दुर करो...)

11.   रींकी रात को हमारे साथ फोन पर लगा था की उस की पत्नी ने फोन छिन लिया और चेक करने लगी। उसे पता नही था अभी भी लाइन शुरु है और ह्म बातचीत सुन रहे है। कुछ देर बाद फोन चेक करने के बाद वो बोली,”आप को कोइ घास भी नही डालता और मै हु की आप के साथ लाइफ काट रही हु।“ (ये सुनकर बाद मे जो बातचीत हुइ वो यहा नही लिखुंगा...लेकिन इतना सुनकर सब दोस्तो ने दुसरे दिन रींकी की क्लास जरुर ले ली।)

12.   एक दिन हम दोस्तो ने मिलने का प्लान बनाया (चाय पाने के लिये...और कुछ नही) लेकिन उस वक़्त भारी बारीश हो रही थी और रींकी बोला उस ने अपने ओफिस के बोस से आज छुट्टी ले रखी है। मैने केवल इतना उसे बोला,”तु सोच ले आज हमारे साथ एंजोय करना है या ऐसे मौसम मे अपनी बीवी के हाथ के नीचे होमवर्क से शाम बीतानी है ? बस फिर क्या था आधे घंटे मे ओफिस का बहाना बताकर रींकी हमारे साथ। बराबर आधे घंटे के बाद उस की पत्नी का फोन आया तो हमने सरलता से बता दिया की रींकी हमारे साथ है (आखिर दोस्त जो ठेहरे....कब काम आयेंगे...मतलब उसे पीटते हुवे सुनकर)...उस दिन के बाद रींकी ने हम पर भरोसा करना ही छोड रखा है...।

13.   रींकी की पत्नी हर महिने रींकी से कुछ रुपये उधार लेती है और रींकी जब सेलेरी उस के हाथ मे देता है तब वो उधार चुका देती है।

14.   अब रींकी के पैसो से जब जब हमे जलसा करना होता है तब तब हम रींकी को एक ही बात बोलते है की पैसा देता है या मोबाइल का पासवर्ड भाभीजी को फोरवर्ड कर दे। बस हमारा काम बन जाता है।

तो दोस्तो यहा रींकी की शादीशुदा लाइफ का किस्सा खत्म करते है। क्या है की दुसरो की नीजी लाइफ से हमे क्या लेना देना ? सही है ना ? क्यु दुसरो की चुगली करते फिरे ? रींकी फिर भी खुश है अपनी लाइफ मे। कम से कम उस की लाइफ मे रोटीया परोसनेवाली तो है। चलिये आज इतना ही....आप भी उपर के सारे किस्से पढे (और याद करे इन मे से कितनी बाते आप के जीवन मे घटित हुइ है)....फिर अपनी अपनी चाय ले और इस बरसाती मौसम मे चुस्की लगाये और एंजोये करे...हेव अ नाइस डे.....फिर मिलेंगे....लेकिन अब सिनेमा टोक पर...एक मजेदार फिल्म के साथ....ब..बाय..

 

# नॉन स्टॉप राइटिंग चेलेन्ज 2022 भाग-16

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34 Comments

Mithi . S

01-Aug-2022 05:17 PM

Behtarin rachana 👌

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PHOENIX

01-Aug-2022 05:39 PM

Thanks

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Ali Ahmad

01-Aug-2022 03:26 PM

🤣सब तो लेना देना हिसाब किताब कर लिया अब भ8 बाकी रहा है कुछ 🤔पर पढ कर आनंद आया दोस्ती में तो ये सब बातें ही तो होता है जो अन्त तक याद दिलों में रहती है

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PHOENIX

01-Aug-2022 03:48 PM

सही है। 😊 आनंद उठाते रहे आगे भी....धन्यवाद।

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🤫

01-Aug-2022 02:21 AM

जै हो 🙏🙏🙏🙏🙏😂😂😂😂😂 बढ़िया

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PHOENIX

01-Aug-2022 02:33 AM

Thanks

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