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रुलाकर गए

कल तक जो हँसने की वजह थे, वो रुलाकर गए
दूर हो गए हमसे, हम रोते रहे वो मुस्कुराकर  गए

मुझे नहीं पता की है, जाने कौन सी खता मैंने
मिन्नते बहुत की, वो ना में सिर वो हिलाकर गए।

आंखों की नमी ना दिखी कभी मेरी उनको
आकर पलट गए, जाने क्यों वो तिलमिलाकर गए।

अरे बोझ सी लगती थी मुहब्बत मेरी, तो कह देते
मेरे जीने का आखिरी दिया, क्यों वो बुझाकर गए।

"मन" बैठा न रह अब देर तक ये मन मारकर
उन्हें जाना ही था, बस तेरे दिल से वो टकराकर गए।


#MJ

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