गुनाह!
सोचता हूँ भूल जाऊं वे बातें सारी
पर दिल पर वश किसका हुआ है
बन्द आंखे करूँ जब भी, दिखते है वो
अब इसमें दोष इन आँखों का क्या है
रात में भी ख़्वाब आते है सिर्फ उन्ही के
क्या करे? यादों पर किसका पहरा है
अभी भूल नही पा रहा हूँ मैं उसे
याद करने का गुनाह हमने किया है
#MJ