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अल्फाज़ दिल के

न उदासी न तड़पन न ख्यालात बाकी हैं अब उनके
कैसे लिखूं अब भला किस्से मैं गम के
यूँ तो हालात बद से भी बद्दतर हो चुके है मगर
दिल ही कहा है अब, जो अल्फ़ाज़ लिखे दिल से।

#MJ

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