लेखनी प्रतियोगिता -31-Jul-2022 उधम सिंह की कहानी
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-उधम सिंह की कहानी
विषय-शहीद उधम सिंह
उधम सिंह के महान क्रांतिकारी,
आज सुनाते हैं उनकी कहानी।
पंजाब में था इनका रहना,
संगरूर जिले के सुनाम में था घराना।
नाम था इनका उधम सिंह,
सब कहते थे शेर सिंह।
भरे हुए थे इनमें जज्बात,
शेर जैसी थी इनमें दहाड़।
पिता सरदार तेहाल सिंह,
माता नारायण कोर ग्रहणी।
बहुत देखी दुखद परिस्थिति,
माता पिता की मृत्यु हुई आपातकालीन।
अनाथालय में की शिक्षा प्राप्ति,
उधम सिंह को सभी गतिविधियों की रहती जानकारी।
1918 में की मैट्रिक की पढ़ाई,
1919 में खालसा अनाथालय से ली विदाई।
शहीद भगत सिंह की देख बहादुरी,
उनके जीवन से हुए प्रभावित।
उधम सिंह की देशभक्ति गीत के थे शौकीन,
कवि राम बिस्मिल जी के गीत करते थे प्रेरित।
जलियांवाला बाग की देख घटना,
उधर सिंह को लगा गहरा सदमा।
देख निर्देशों की मृत्यु,
थर थर कांप उठी रूहु।
लिया उसी समय संकल्प,
नाम बदल दिया अपना हर जगह।
दक्षिण अफ्रीका, जिंबाब्वे, ब्राजील, अमेरिका, नैरोबी थे ये ,देश
उधम सिंह ने किन देशों की यात्राएं।
1913 में किया गदर पार्टी का निर्माण
उठाई कांति की आवाज।
था इनका एक ही आगाज
भारत में क्रांति का बिगुल बजाना।
उधम सिंह लौट आए अपने देश,
संग में लाए २५ सहयोगी, रिवाल्वर, गोला बारूद का ढेर।
ना था उनके पास लाइसेंस हथियार,
कर लिया उनको 4 साल के लिए गिरफ्तार।
जलियांवाला हत्याकांड का लिया इंतकाम,
21 साल बाद दिया इस को अंजाम।
13 मार्च 1940 को कास्टन हॉल में,
उधम सिंह ने जनरल डायर को दाग दिए दो शॉट।
जनरल डायर की हो गयी घटनास्थल पर मौत,
उधम सिंह का अपराध था घोर।
जघन्य अपराध की मिली उन्हें सजा,
ना डरे वह गिरफ्तारी से।
मैं हूं भारतीय देशवासी,
कहलाता हूं स्वतंत्रा सेनानी।
प्रेम सहयोग आत्मसमर्पण हे मेरे देश के प्रति,
अगर बार-बार देना पड़े मुझे बलिदान,
हंसते-हंसते दूंगा मेरी जान की कुर्बानी,
मैं हूं भारत देश का क्रांतिकारी।
Mithi . S
01-Aug-2022 03:46 PM
Bahut achhi rachana
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Punam verma
01-Aug-2022 09:28 AM
Very nice
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Abhinav ji
01-Aug-2022 09:07 AM
Nice
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