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लेखनी प्रतियोगिता -31-Jul-2022,"मेरे दिल के छाले"

मयकसी के बाद  जो टूट गये, उन खाली प्यलों को कौन देखे।

सब खुशियों के  दीवाने हैं, तन्हाई में रोने वालों को कौन देखे। 
बहुत उजाला है आज घर में मेरे, यह बात तो कह रहे थे सभी, 
इस रोशनी के लिए जो दिल जला उसके छालों को कौन देखे। 

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8 Comments

Raziya bano

01-Aug-2022 01:55 PM

Nice

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Mithi . S

01-Aug-2022 12:26 PM

Nice

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Shnaya

01-Aug-2022 10:31 AM

शानदार

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