Ankur Singh

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उल्टे पैर

उल्टे पैर
स्थान - लखनऊ
चैप्टर - 1 उल्टा

गांव में ठंड बढ़नी शुरू हो चुकी थी , जगह - जगह अलाव जल रहे थे और ऐसी ही अलाव पर किस्से कहानियां, गप्प, का दौर चलना आम बात थी।ऐसी ही एक अलाव के पास 10 - 12 लोग बैठे और दिन भर की घटनाओ पर चर्चा कर आहे थे। तभी एक व्यक्ति भागता - भागता आया और आते ही चिल्लाने लगा - भागों यहां से उल्टा आ रहा है। दूसरा व्यक्ति - क्या बात कर रहे हो .. भागों यहां से .. फिर ऐसी अफरा - तफरी मची की आस - पास कोई नही दिखा , सब ऐसे गायब हो गए जैसे वहां अभी कोई था भी। तभी एक साया अलाव की रोशनी में हल्का - हल्का नजर आया। कुछ देर रुका और फिर गायब हो गया।

चैप्टर - 2
अतीत की गहराइयाँ

सुबह 7 बजे एक बस गांव जाने वाली रोड के सामने आ कर रुक गयी थी। उसमे से एक नौजवान उतरा और अपने गांव की तरफ जाने लगा। गांव में पहुंचते ही सबसे पहले मुखियां के घर गया, पता चला की वो मुखिया का लड़का है सूरज जो काफी साल बाद वापस आया है।

रात में मुखियां ने सूरज को बाहर जाने से मना कर दिया परंतु सूरज नही मान रहा था तब मुखिया ने बताना शुरू किया…सदियो पहले गांव में एक आदमी था जिसकी थोड़ी सी जमीन थी जिस पर कब्जा करने के लिए उस समय के मुखिया ने उसके परिवार को अपनी आंखों के सामने मरवा दिया और उस आदमी की दोनो टांगे तोड़ कर उल्टा कर पूरे गांव में चलाया परंतु कुछ ही देर में अत्यंत दर्द से पीड़ित होने के कारण उसकी मृत्यु हो गयी। उसकी लाश को मुखिया ने गांव के बाहर फिकवा दिया अंतिम संस्कार न करने की वजह से वो अब आत्मा बन कर बदला ले रहा है। गांव के 47 लोगों को उसी तरह मार चुका है।

सूरज को मुखिया की बातों पर कोई भरोसा नही हुआ .. मुखिया को भी अफसोस था की इतने सालों बाद अपने बेटे को बुलाना पड़ गया अगर उसके पिता जी की तबियत खराब नही होती और उन्होंने अपने आखिरी समय में सबको देखने की जिद नही की होती तो ऐसा नही होता। 

सूरज बात की गंभीरता नही समझ रहा था वो जबरदस्ती घर से बाहर निकल गया और इधर - उधर घूमने लगा तभी उसके सामने उल्टे पैर वाला एक साया नजर आया इससे पहले की वो भाग पाता उस साये ने सूरज को पकड़ लिया और छोटी पकड़ कर खीच के ले गया। एक जगह ले जा कर पटक कर उसकी दोनो टांगे तोड़ दी और गांव में चलाने लगा।

पूरे गांव में दहशत फैल गयी लोग अपने घर की खिड़कियों से वो नजारा देख रहे थे सूरज खून से लथ पथ अपनी उल्टी टांगों से कराहते हुए चल रहा था और दर्द की इन्तेहाँ होते ही उसकी जान निकल गयी। तभी एक आवाज़ गुंजी एक चेतवानी रात को ना निकलने की और वो साया फिर धीरे - धीरे गायब हो गया।

समाप्त।


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2 Comments

🤫

07-Aug-2021 11:33 PM

नाइस....

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Ankur Singh

08-Aug-2021 01:49 AM

Thank you

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