kanchan singla

Add To collaction

मित्रता

मित्रता क्या है

एक सच्चा सा वादा
साथ निभाने का इरादा ।।

मित्रता वही जो कृष्ण ने सुदामा से निभाई
मित्रता वही जो कर्ण ने दुर्योधन के लिए दिखाई ।।

मित्रता कुछ और नहीं बस सच्चे मोती की तरह है
भेद कुछ नहीं आर पार सब दिखता है
एक तरफ जान की बाज़ी लगा दे
दूजी तरफ भरी पंचायत में खिल्ली उड़ा दे ।।

सच्चे दोस्त साथ मांगा नहीं करते, साथ निभाते हैं
सच्चे दोस्त अहसान नहीं करते, बल्कि सूद समेत सब वापस ले लेते हैं।।

दोस्ती सच में एक भोले बच्चे की तरह होती है
हर छल कपट से दूर, हर बंधन से परे ।।

- कंचन सिंगला

   19
7 Comments

Muskan khan

02-Aug-2022 05:39 PM

👌👌

Reply

Khushbu

02-Aug-2022 03:57 PM

बहुत खूब

Reply

Milind salve

02-Aug-2022 08:45 AM

बहुत खूब

Reply