Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -03-Aug-2022 मां बाप की यादें

लेखिका-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-मां बाप की यादें


मां-बाप का छूटा साथ,
हो गई जिंदगी हताश,
जिंदगी में आया सैलाब,
हो गई हमारी जिंदगी गुमनाम।

हर पल करते हैं तुमको याद,
नींद ना आती सारी रात
लोरियो की धुन कानों में बजती,
तेरी आवाज मेरे दिल में बसती।

हर पल हर रात रोई मैं,
किसी ने नहीं थामा हाथ मेरा,
हो गई थी मैं अकेली,
बस तुम्हारी  याद हमें सताती।

जब किसी ने नहीं दिया साथ,
कलम ने पकड़ा मेरा हाथ,
जब भी होती मैं उदास
कोरे पन्नों पर लिखती तुम्हारी याद।

हर पल लिखती आंसुओं का हिसाब,
जिंदगी बन गई एक किताब,
जब भी आती तुम्हारी याद,
पन्नो के हवाले करती तुम्हारी बात।

जब भी लगती सूनी रात,
छत पर बैठकर देखती अकाश,
कहीं मिल जाओ हमें तारों के साथ,
प्रियंका सुनाएं अपनी फरियाद ।

क्यों छोड़ कर चले गए हमें अकेले,
जिंदगी जिए हम किसके सहारे,
गुमनाम हो गए हैं जिंदगी के किस्से,
तुम्हारे साथ बिताए वो पल लेकर बैठे हैं समेटे।

भगवान से कर रहे हैं मुराद,
अगले जन्म में हो यही मां-बाप,
अगले जन्म में ना छोड़ना हमारा साथ,
पूरा करना इस जन्म का अधूरा प्यार।


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10 Comments

Khushbu

04-Aug-2022 08:53 AM

बहुत खूब

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Punam verma

04-Aug-2022 07:53 AM

Very nice

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Abhinav ji

04-Aug-2022 07:30 AM

Nice👍

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