Sonia Jadhav

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रिश्तों की राजनीति- भाग 17

भाग 17

सिद्धि अभिजीत को अपना नम्बर देते हुए कहती है कि अक्षय का मैसेज वो उसके मोबाइल पर भेज दे। वो बाबा से बात करेगी इस बारे में और अक्षय को भी समझाने की कोशिश करेगी। लेकिन वो कोई उम्मीद न रखे क्योंकि यह मसला सुलझाना इतना आसान नहीं है।

अभिजीत कहता है वो कुछ दिन बाद दुबारा आयेगा, जगताप पाटिल से मिलने। उम्मीद है इस बार उसे सिक्योरिटी गार्ड अंदर आने से रोकेंगे नहीं।

अभिजीत बिना चाय पीये ही वहां से निकल जाता है। घर पहुंचकर वो सिद्धि के बारे में ही सोचता रहता है। उसे लगता है सिद्धि अपने भाई अक्षय और पिता जगताप पाटिल के जैसे मक्कार नहीं है, उसमें इंसानियत अभी बाकी है।

उसे यह सोचकर भी अंदर ही अंदर डर लग रहा था कि कहीं सान्वी की यह भूल उसके परिवार पर भारी न पड़ जाए। अभी तक तो आई-बाबा को इस बारे में पता भी नहीं है, जब उन्हें पता चलेगा तो कितना दुख होगा उन्हें।

इधर अभिजीत , सान्वी के बारे में सोच-सोचकर परेशान हो रहा होता है, उधर सिद्धि अक्षय की इस नीच हरकत के बारे में सोच-सोचकर गुस्से से पागल हो रही होती है। जगताप पाटिल के घर में आते ही वो उनसे कहती है….बाबा आपसे एक जरुरी बात करनी है अक्षय के बारे में।
एक घँटे बाद सिद्धि, मैं अभी थका हुआ आया हूँ बाहर से, थोड़ा आराम करना चाहता हूँ। मैं तुझे बुला लूँगा कमरे में बात करने के लिए, इस वक़्त मुझे आराम करने दे।

सिद्धि बाबा की बात सुनकर अपने कमरे में चली जाती है।

जगताप पाटिल अपने सेक्रेटरी को फोन करके कमरे में बुलाते हैं और उनकी अनुपस्थिति में घर में दिन भर में क्या हुआ, इसकी खबर लेते हैं।

करीब एक घँटे बाद वो सिद्धि को अपने कमरे में बुलाते हैं बात करने के लिए।

हाँ बोल सिद्धि तुम्हे क्या बात करनी है अक्षय के बारे में?
सिद्धि, अभिजीत और उसके बीच हुई सारी बातचीत के बारे में अपने बाबा को बता देती है और साथ ही अक्षय का वो मैसेज भी दिखा देती है, जो उसने अभिजीत को भेजा होता है।

यह सब बताते हुए जहाँ सिद्दी के चेहरे से गुस्सा झलक रहा होता है, वहीं जगताप पाटिल के चेहरे पर शांतता का भाव होता है। वो सिद्धि से पूछते हैं…. वो लड़का अभिजीत हमसे क्या चाहता है अब? जो होना था वो तो हो चुका है, उसको तो बदला नहीं जा सकता।

बाबा, वो चाहता है कि अक्षय और उसकी बहन सान्वी की शादी हो जाए।

ओह! ठीक है, तू ऐसा कर, जब अक्षय आएगा तो उसे मेरे पास भेज देना बात करने के लिए। तू इस बारे में उससे कोई बात मत करना। जा, अब अपने कमरे में जा।

बाबा आपको गुस्सा नहीं आया अक्षय की इस हरकत पर?
सिद्धि मेरे गुस्सा करने से सच बदल तो नहीं जायेगा। हर समस्या का समाधान गुस्से से नहीं निकाला जा सकता। तुझे इस बारे में फ़िक्र करने की जरूरत नहीं है। मैं हूँ न, सब सम्भाल लूँगा।
जी बाबा..

थोड़ी देर बाद जब अक्षय घर आता है तो सिद्धि उसे कहती है कि बाबा ने उसे मिलने के लिए कमरे में बुलाया है।
अक्षय पानी पीते हुए पूछता है…..बाबा को क्या बात करनी है मुझसे ताई, वो भी इस वक़्त?

यह तो तुझे उनके कमरे में जाकर पता चल ही जायेगा।

इतना कहकर सिद्धि अपने कमरे में चली जाती है।

अक्षय डरते-डरते अपने बाबा के कमरे में जाता है।

सिद्धि ताई कह रही थी कि आप मुझसे कोई जरुरी बात करना चाहते हैं।

हाँ, करनी तो है। लेकिन पहले यह बताओ इस वक़्त कहाँ से आ रहा है तू?
बाबा, मैं क्लब गया था दोस्तों के साथ।

जगताप पाटिल ने गुस्से से कहा….सारी उम्र बाप की कमाई खाने का इरादा है कि कुछ खुद भी कमायेगा कभी?
क्लबों में घूमने वाले, शराब पीने वालों को, लड़कीबाजी करने वालों में लोग अपने नेता की छवि नहीं देखते। न तू नौकरी करने लायक हो कहीं, न ही राजनीति के लायक।

अभिजीत नाम का एक लड़का आया था आज अपनी बहन सान्वी की फरियाद लेकर। उसने वो मैसेज भी दिखाया जो तूने उसे भेजा था। कांड करने के बाद उसकी पब्लिसिटी कौन करता है?

अगर वो लड़का यह मैसेज सोशल मीडिया पर डाल दे तो सोचा है क्या होगा? हर टीवी चैनल पर, अखबार में ब्रेकिंग न्यूज़ बनकर सुर्खियां बटोरेगा तू। इससे बदनामी तेरी नहीं होगी, मेरी होगी। कुछ ही महीनों में चुनाव होने वाले हैं। तुझमें अक्ल है कि नहीं?
अक्षय चुपचाप खड़ा सुन रहा था। उसके पास बोलने के लिए कुछ था भी नहीं।

मैं तेरे और सान्वी के बारे में शुरू से लेकर अंत तक सब जानना चाहता हूँ।

अक्षय सान्वी से जुड़ी सारी बातें अपने बाबा को बता देता है।

जगताप पाटिल हैरानी जाहिर करते हुए कहते हैं कि सिद्धि ने उन्हें बताया है कि अभिजीत के अनुसार तूने पहले उस लड़की सान्वी से फ़िल्मी शादी रचायी और फिर जूस में नशे की गोली मिलाकर उसके साथ सम्बन्ध बनाए।

बाबा सान्वी और मेरे बीच जो भी हुआ है आपसी सहमति से हुआ है। मैंने उसके जूस में कुछ नहीं मिलाया। मैं जब बाथरूम से फ्रेश होकर आया तब तक वो आधे से ज्यादा जूस पी चुकी थी। हाँ, लेकिन मुझे जूस पीने के थोड़ी देर बाद सिर में  भारीपन सा महसूस हो रहा था, वो तो सामान्य तौर पर बर्ताव कर रही थी।

जगताप पाटिल ने अक्षय के मुँह पर ज़ोर से थप्पड़ मारते हुए कहा…..तू यह सोच-सोचकर खुश होता रह कि तूने उस लड़की को प्यार के जाल में फंसाकर, उसके साथ एक रात सोकर किला फतह कर लिया है, उसके भाई की अकड़ निकाल दी है। लेकिन सच तो यह है कि उस लड़की ने तुझे बेवक़ूफ़ बनाया है।

शक हो रहा है मुझे अपने आप पर कि तू मेरी औलाद है कि नहीं?

अक्षय  का दिमाग अभी भी यह मानने को तैयार नहीं हो रहा था कि सान्वी ने उसे बेवक़ूफ़ बनाया है।

जगताप पाटिल अपने सेक्रेटरी गोपाल को फोन पर अभिजीत का नम्बर देते हैं और कहते हैं इस लड़के अभिजीत और उसकी बहन सान्वी के साथ कल शाम की एक मीटिंग तय करो और अभिजीत से कहना, मीटिंग सान्वी के बिना नहीं होगी।

❤सोनिया जाधव


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7 Comments

shweta soni

04-Aug-2022 11:58 AM

Nice 👍

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Khushbu

04-Aug-2022 08:51 AM

बहुत खूब

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Raziya bano

03-Aug-2022 10:34 PM

Nice

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