नज्म- 😊
बेचे है अपने सपने दुकानदार जैसे
खरीदे है गम मैने खरीदार जैसे
लोग पता नही कहा कहा रहने लगते है
अपने घर में रहता हूं किरायदार जैसे
किसी और को चाहा मिला कोई और ही
उन्हें भी अपनाया है मैने दिलदार जैसे
रोज़ नए तूफान आते है जाते है अब तो
मैं फिर भी खड़ा हूं एक दीवार जैसे
प्यार, इश्क, मोहब्बत और यार, दोस्ती
इन रिश्तों में जीता हूं गुनाहगार जैसे
दर्द को एक दिन एक पागल से बयान किया
उसने कहा आदी बोलता है सुखनवर जैसे
---- : mrityunjay
#एरर
(Aadi - pen name)