Lalita Vimee

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इकदास्तां

अधबिछी चारपाई पर लेटा वो इन्सान किसी भी तरीके से सभ्य या पढ़ा लिखा नहीं लग रहा था। बिखरे हुए बाल बेतरतीब सलवटों वाला सा पायजामा, सिगरेट की लगभग दोहरी हुई डिब्बी तकिये के नीचे पड़ी थी।चारपाई पर दो तकिये रखे थे।ऐसा लग रहा था कि यहाँ सोने वाला इंसान दो तकिये प्रयोग में लाता था।पर इस समय तो उसका सिर एक भी तकिये या उस के करीब नहीं था। चारपाई पर दोहरा हुआ बेहोश सा लेटा था वो।  साँसों का उपर नीचे जाने का क्रम ही शायद उसके ज़िंदा होने का सबूत था।
 चारपाई के नीचे ही अधढका दूध का आधा गिलास रखा था।एक बिस्किट का आधा पैकेट चारपाई के ऊपर ही रखा था।  टूटे हैंडल का स्टील का पानी का भरा जग भी चारपाई के नीचे ही रखा था। अधबुझी सिगरेटों के पास ही शराब की एक खाली बोतल रखी थी। सफेद रंग की नीले स्टेप वाली हवाई चप्पल चारपाई के पास ही एक दूसरे के उपर चढ़ी रखी थी। नीचे रखे दूध के गिलास केआस पास मक्खियाँ भिनभिना रही थी। चारपाई के ऊपर चलता हुआ पंखा हवा की बजाय आवाज़ ज्यादा कर रहा था। शायद वो आवाज़  ही लाईट के होने का  सबूत थी।
    एक बिल्ली जो बहुत देर से दूध की महक के कारण इधर आने की हिम्मत जुटा रही थी,पर पंखे की आवाज़ के डर से ही शायद वो रूक जाती थी। काफी लंबे इंतजार के बाद बिल्ली का डर भी जाता रहा था। उसे भी वो आवाज़ एक छलावा ही लगी थी। वो आई,उसने अपने पंजें से गिलास को गिरा लिया था।दूध बिखर गया था,इधर उधर देखते हुए वो सारा दूध चट कर गई थी।दूध पीकर वो वापिस भाग रही थी,फिर पता नहीं क्यों  वो रूकी,उसने पीछे मुड़कर देखा वो अभी भी वैसे ही बेहोश सा ही सोया पड़ा था। बिल्ली चंद क्षण रूकी, फिर सीढियाँ फलांगती हुई भाग गई थी।
मक्खियाँ और ज्यादा फैल गई थी।पंखे की आवाज़ उन के लिए भी छलावा ही थी।चारपाई पर सोया वो चारपाई और उस के आसपास की स्थिति से बेखबर,दूर किन्हीं वादियों  में अपनी सिमरप्रीत के साथ घूम रहा था।
क्रमशः
भाग 1
कहानी का नाम, इक दास्तां
लेखिका, ललिता विम्मी

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26 Comments

kashish

05-Mar-2023 02:50 PM

nice

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Babita patel

21-Feb-2023 03:27 PM

nice

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Pratikhya Priyadarshini

16-Sep-2022 09:16 PM

Achha likha hai 💐

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