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दोस्ती

लिखुं क्या मैं दोस्तों के लिए
प्रशंसा में शब्द नहीं हैं उनके लिए
माना दोस्ती में खेल भी खेला और मार भी खाया हमनें
पर जरा भी दुख नहीं हैं इसके लिए 
माना कुछ को बुलाया खेलने के लिए
पर उनके पास वक्त नहीं हैं मिलने के लिए
ऐसी दोस्ती बहुत किस्मत से मिलती हैं
जिनकी दोस्ती की चर्चा दुनिया करती हैं
दोस्त हमें अपना होने का एहसास कराते हैं
और जरूरत पड़ने पर अपना फर्जं निभाते हैं
माना दोस्ती में कुछ गलतियां की हैं हमनें
पर दोस्तों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया हैं हमनें 
कुछ दोस्त आज भी बहुत याद आयेंगे
उनके जैसे दोस्त कहीं ना मिल पाएंगे


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5 Comments

Raziya bano

13-Sep-2022 10:47 PM

Nice

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Pratikhya Priyadarshini

13-Sep-2022 09:53 PM

Achha likha hai 💐

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Swati chourasia

13-Sep-2022 09:45 PM

Very nice 👍

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