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लेखनी कहानी -08-august -2022 Barsaat (Love ♥️ and tragedy ) episode 26



हंशित, लव, कुश और जॉन आपस  मे हंशित के साथ उसकी ख़ुशी मना  रहे थे  तब  ही दरवाज़े पर श्रुति आती और कहती " क्या हुआ तुम लोग इतना शोर क्यू मचा रहे हो सुबह सुबह दूसरे कमरों तक आवाज़े जा रही है "


"अरे श्रुति, बात ही कुछ ऐसी है , तू भी सुनेगी तो ख़ुशी से पागल हो उठेगी  " लव ने कहा

"ऐसा भी क्या हो गया एक रात मे " श्रुति ने पूछा 

"ये पूछ क्या नही हो गया  हमारे आशिक दोस्त को खुश होने की वजह मिल गयी " लव ने कहा

"क्या मतलब , कही हिमानी भी,,,,, " श्रुति कहते कहते खामोश हो गयी और मुँह पर हाथ रख कर मुस्कुराई


"हाँ, हाँ श्रुति हाँ, जो तू सोच रही है  वही हुआ है " कुश ने कहा


श्रुति दौड़ती हुयी हंशित के पास आयी और उसे गले लगाया  और बोली " बहुत बहुत मुबारक हो, मैं जानती थी मेरे दोस्त का प्यार एक तरफ़ा  नही है , हिमानी भी तेरे लिए वही जज़्बात रखती है  जो तु उसके लिए रखता है , सच सच बता  हिमानी का फ़ोन आया  था , क्या कहा  उसने क्या वो भी तुझसे  प्यार करती है। इसका मतलब  हमारे ग्रुप का तू पहला लड़का होगा जो घोड़ी पर चढ़ेगा  और यहाँ अवार्ड के साथ साथ  अपना जीवन साथी भी ले जाएगा वाह किस्मत हो तो तेरे जैसी "


"रुक जा रुक जा श्रुति मेरी माँ, इतने ख्याली पुलाऊ मत बना  अभी सिर्फ एक उम्मीद मिली है  वो भी किसी और ने बताया है  जिससे कल मिलने गए थे  " हंशित ने कहा


"हंशित, उम्मीद पर दुनियां कायम है  तुझे इतना तो पता चल ही गया ना की तेरा प्यार एक तरफ़ा बिलकुल भी नही है  आग  दोनों तरफ बराबर लगी है  " श्रुति ने कहा


हाँ, इतना भरोसा  तो हो गया  मुझे की मेरा प्यार उसके लिए एक तरफ़ा नही है , अब बस  मेरी कोशिश यही है  की कैसे भी करके उसके दिल में जो जज़्बात छिपे है  उन्हें में बाहर ला सकूँ, और खुद  भी उसे बता  सकूँ की उसकी मौजूदगी मेरे लिए कितनी अहम् है , अब तो माँ का भी आशीर्वाद मिल गया है । हंशित और कुछ कहता  तभी श्रुति बोल पड़ी ।


क्या, आंटी को पता  चल गया , पर कैसे क्या तूने बताया  या तुम लोगो ने बता दिया


"नही श्रुति हम  लोगो ने नहु बताया  इससे ही पूछ  इसने ही बताया है  आंटी को " जॉन ने कहा

"हाँ, यार श्रुति माँ को बताना पड़ा  क्यूंकि जिस समय माँ का फ़ोन आया  था  उस समय  मुझे पता  नही था  की हिमानी के दिल मे भी मेरे लिए कुछ है , इसलिए मैं उदास था  और सोचो में गुम था  तब  ही माँ का फ़ोन आ गया ।


और वो मेरी आवाज़  सुन कर समझ  गयी  की मुझे कुछ हुआ है , अब तुम लोग मेरी माँ को जानते ही हो जब तक  उन्हें सच पता  ना चल जाए या फिर  मेरी या फिर  भैया  की परेशानी के पीछे का कारण ना पता चल जाए वो पीछा नही छोड़ती, वो झूठ आसानी से पकड़  लेती है  हम दोनों का, मेरा भी पकड़  लिया और आखिर कार मुझे सब  बताना पड़ा  " हंशित ने कहा


"कोई नही मेरे दोस्त यूं समझ  अब तेरे प्यार को तुझसे  कोई जुदा नही कर सकता  क्यूंकि अब तेरे प्यार के साथ तेरी माँ का आशीर्वाद  जो जुड़ चुका है  अब जीत तेरी ही होगी , अब ईश्वर ही तुम्हे जुदा कर सकते है  वरना  धरती पर तो किसी की हिम्मत नही जो माँ  की दुआ और आशीर्वाद के आड़े आ सके  " श्रुति ने कहा उसे गले लगाते हुए ।


"शुक्रिया तुम सब  का, तुम सब  मेरे सिर्फ दोस्त नही जिगर का टुकड़ा हो हर मुसीबत में तुम लोग मेरे साथ खड़े रहते हो, मैं बहुत ही खुश किस्मत हूँ जो तुम जैसे दोस्त मुझे मिले " हंशित ने कहा नम आँखों से

अब हम  लोगो को तू शुक्रिया अदा करेगा, दोस्तों को शुक्रिया और धन्यवाद करेगा , इतना बड़ा  हो गया तू , की हम लोगो को तू शुक्रिया और धन्यवाद कह कर पराया करेगा , सच बात तो ये है  की हम लोग बहुत किस्मत वाले है जो तुझ जैसा दोस्त मिला है । जो हमारी दुख और तकलीफो को अपना समझता है । मैं तो उस दिन ही तन्हा हो गया था  इस दुनियां में जब मेरी माँ इस दुनियां से गयी और पापा ने कुछ  दिन बाद ही दूसरी शादी करके, दूसरी औरत को मेरी माँ बना कर ले आये  थे जिसने कभी माँ का प्यार दिया ही नही हमेशा  पापा को मुझसे  दूर करने के मंसूबे बनाती रही और एक दिन कामयाब हो ही गयी  उस दिन मेने अपनी माँ और पिता दोनों को खो दिया, तब तू ही था  जिसने आकर दोस्ती का हाथ बढ़ाया  और मेरा भाई बन गया  " लव  ने कहा नम आँखों 


"हाँ, हंशित लव ठीक कह  रहा है  हम  ख़ुश किस्मत है  जो हमें तुझ जैसा दिल फेक दोस्त मिला, मैं एक ऐसी लड़की जिसकी माँ उसे अपने स्वार्थ के खातिर छोड़  गयी  जिसका इस दुनियां में ईश्वर के अलावा कोई नही जो रात को डर जाती थी  और रोती रहती थी , जिसे स्कूल में बच्चें उसकी माँ की वजह से ना जाने क्या क्या कह  कर बुलाते थे ,  कोई लड़की मेरी दोस्त नही थी  लेकिन तुमने उस समय  दोस्ती का हाथ बड़ा  कर मुझे जीने की नयी उम्मीद दी तुम दोस्त नही हीरा हो हमेशा ऐसे ही चमकते रहना  " श्रुति ने कहा


"ओह माय गॉड, ये तुम लोगो को क्या हो गया  आखिर क्यू इतने इमोशनल हो रहे हो क्या यहाँ कोई फ़िल्म की शूटिंग चल रही है, क्या हम  लोग बिछड़ने वाले है  जो तुम लोग अपनी अपनी दास्तां सुनाने लग  गए हो आखिर  हो क्या रहा है  यहाँ, क्या हम  लोग चले जाए यहाँ क्या हमारा कोई अस्तित्व नही है  यहाँ " जॉन ने कहा

"नही यार जॉन, ऐसी बात नही है  ना जाने क्यू आज  इस तरह मन भर आया  नही पता कल क्या हो जाए हम  लोग एक साथ  रहे भी या नही मन घबरा सा रहा है  चल  तू भी आजा और कुश तू भी आ  पांचो गले लग  कर आज  की सुबह का आगाज करते है  " लव ने कहा और फिर पांचो एक दूसरे के गले लग  गए 


"चलो यार अब कुछ  तरतीब  बनाओ आखिर हिमानी से उसके दिल की बात कैसे उसकी ज़ुबान पर लाये। आखिर क्या करे  जिससे की वो हमारे दोस्त से इज़हार -ए - मोहब्बत कर सके  ऐसा क्या करा  जाए सोचो यार सोचो  " कुश ने कहा


"हाँ तूने सही कहा  हमें ही कुछ करना  होगा अब इन दोनों के लिए" जॉन ने कहा

"जिसने इनके दिलों में मोहब्बत डाली है  एक दूसरे के लिए वही  कोई ना कोई रास्ता जरूर निकालेंगे " श्रुति ने कहा

"कौन श्रुति किसकी बात कर रही है  " हंशित ने पूछा 

"यार, भगवान की बात कर रही हूँ, अब तक जो कुछ किया है  उन्होंने ही तो क्या है  तुम लोगो की पहली मुलाक़ात, फिर तकरार  फिर दोस्ती और अब प्यार उनके अलावा और कौन कर सकता है , वही तो संयोग  मिलाते है  इंसान का इंसान के साथ  " श्रुति ने कहा


"ओह, भगवान जी की बात कर रही  है  मुझे लगा  शायद  कोई और है जो दिलों में प्यार का दीप जलाते है  " लव ने कहा और हसने लगा 


"ए लव भगवान के बारे में मज़ाक नही " श्रुति ने कहा

"ठीक  है  कुछ नही कह  रहा , अगर तेरी उनमे इतनी आस्था है  तो उनसे कह कर मेरे लिए भी कोई सुन्दर सी लड़की ढूंढ़वा दे ताकि हंशित के बाद दूसरा नंबर मेरा ही हो " लव  ने कहा


"तेरे लिए भव्या ठीक  रहेगी क्यू ना श्रुति " जॉन ने कहा


"क,,, क,,, कौन भव्या  " लव ने कहा

"वही भव्या  जिसको कल  रात जाता देख  ये चेहरा उदास हो गया  था , और जिसका नाम लेते ही ये चेहरा चमक उठता है  वही भव्या , हिमानी की छोटी बहन हमारे हंशित की होने वाली छोटी साली साहिबा और कुछ बताओ या काफी है  " श्रुति ने कहा


"अच्छा, तो ये बात है , तू तो बहुत छिपा रुस्तम निकला मेरी ही साली को मेरी नाक के नीचे से उड़ाने चला है" हंशित ने कहा


"नही भाई ऐसा वैसा कुछ नही है , ये लोग ना जाने क्या क्या कह  रहे है " लव ने शरमाते हुए कहा

"वो लोग जो कह  रहे है , कहने दो लेकिन जो चमक  तेरे चेहरे पर मैं देख  रहा हूँ वो कुछ और ही कह  रही है " हंशित ने कहा


"छोड़ो भी यार अभी हम  तेरे प्यार को मंजिल तक पहुंचाने में लगे है  बीच में मेरी कहानी मत डालो बेवजह उलझ जाओगे ये बताओ अब करना क्या है  आखिर तेरी और उसकी मुलाक़ात कैसे होगी आखिर  उसके प्यार के ज़ज़्बातो को लफ्ज़ो में ज़ाहिर कैसे कराना है  इस बात को सोचो  " लव ने कहा


"सोचना  क्या है , हमारा  हीरो उसके घर जाएगा और उसके पिता से कहेगा  की मुझे आपकी बेटी से प्यार है  और वो भी करती है , बस  आप  लोगो की वजह से डरती है कहने से, बस  उसके पिता और तू खुद सुन लेना उसके मुँह से जब  वो हाँ कहेगी  " कुश ने कहा


ये सुन चारो ने उसकी तरफ  ऐसे देखा  मानो उसने कही बम गिराने की बात कही हो

"क्या हुआ भाइयो ऐसे क्यू देख  रहे हो क्या कुछ गलत बोला मेने " कुश ने पूछा 

"हमारा  हीरो जब  अपने दिल की बात उसके पिता से कहेगा  तब पता है  क्या होगा हमारे दोस्त की मोहब्बत का ज़नाज़ा  निकल गया होगा और हम  चारो उसे कांधा देकर उस घर की देहलीज  से लेकर जाएंगे, ये  लंदन या पैरिस नही है  की किसी के भी घर जाकर कह दो की हमारा दोस्त आपकी बेटी से प्यार करता है  और वो उसका हाथ हमारे दोस्त के हाथ में रख देंगे। ये छोटा सा शहर है  यहाँ इस तरह की बातें नही होती है , इस के साथ साथ हम भी कांधो पर घर जाएंगे, बड़ा  आया  घर जाकर उसके पिता से बात करेंगे, अपना मुँह बंद  रख  इस तरह के आइडियाज अपने पास रख  " श्रुति ने कहा और बाकी सब के चेहरे देख हसने लगी बाकी सब  भी कुश की तरफ देख  हसने लगे ।


कुश  नाराज़ हुआ और जाने लगा  तब  ही हंशित ने उसका हाथ पकड़ा  और बोला " यार तू विदेश में पला बड़ा  है  ज्यादा तर तुझे यहाँ के बारे में ज्यादा नही पता  यहाँ ये सब नही होता तेरी कोई गलती नही, तूने तो मेरा भला ही सोचा  चल अब नाराज़ मत हो कुछ ना कुछ  जरूर हो जाएगा "


"हाँ, ज़रूर  अगर इसकी बात मानी तो " श्रुति ने हस कर कहा

हंशित ने उसकी तरफ आँखे निकालते हुए देखा । श्रुति खामोश हो गयी  लेकिन तीनो मद्धम मद्धम मुस्कुरा रहे थे ।


सब  लोग सोचने लगे  की आखिर ऐसा क्या किया जाए जिससे हिमानी और हंशित एक दूसरे से मिल सके  और हंशित  उसे अपने दिल की बात बता सके और वो भी अपने ज़ज़्बातो को बाहर निकाल सके ।


बहुत देर बाद श्रुति ने कहा मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया है  जिससे तुम लोग मिल सकोगे ।


आखिर ऐसा क्या विचार आया  था उसके दिमाग़ में जानने के लिए जुड़े रहिये अगले भाग में 

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3 Comments

Renu

08-Aug-2022 09:56 PM

बहुत ही सुन्दर 👍👍 देखते हैं श्रुति का आइडिया क्या रंग लेकर आता है!

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खूब... Bhut khoob🌸👌

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Milind salve

08-Aug-2022 03:08 PM

शानदार

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