लेखनी कहानी -08-Aug-2022
गांव की दहलीज लांघ कर अच्छी पढ़ाई के लिए हमने शहर के एक कालेज में दाखिला ले लिया। हम आए तो यह सोच कर थे कि यह कालेज हमारे आलिशान भविष्य की सीढ़ी बनेगा लेकिन यह कभी नहीं सोचा था कि यह कालेज हमारी जिंदगी ही बदल कर रख देगा। फिल्मों में दिखाया जाता था कि हर प्रेम कहानी में एक खलनायक होता है लेकिन यहां बात थोड़ी अलग थी। हमारी इस अधूरी प्रेम कहानी के मुख्य खलनायक ही हम थे। शहर में आ कर कुछ ग़लत लड़कों से दोस्ती हो गई और धीरे धीरे हम भी उनमें से एक बन गए थे। हमारे ग्रुप के सामने आने से तो सीनियर्स भी कतराते थे।
दो महीने बाद
उस दिन उसे पहली बार देखा था। वो धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी। मुझे लगा पहला दिन है शायद इसीलिए धीरे धीरे डरते हुए चल रही है। चश्मे के पीछे से झांकती गहरी नीली आंखें जैसे कोई गहरी नदी सी थी। कोई इतना मासूम भी हो सकता है, यह आज पता चला था। ज्यादा ध्यान से देख पाते, उस से पहले ही एक तरफ बहुत भीड़ होने लगी तो हमारा ध्यान उस तरफ चला गया। भीड़ को चीरते हुए अन्दर जाने पर पता चला कि हमारे ग्रुप के एक लड़के की किसी अंकल से कहासुनी हो रही थी। अब कालेज के दबंग ग्रुप के साथ बहस कर कोई सही सलामत जा पाया है जो वो अंकल जा पाता तो बस हम तीन दोस्तों ने मिलकर अंकल को ऐसा तोड़ा कि फैवीकोल भी जोड़ ना पाता। इतने में वो भीड़ को चीरते हुए अन्दर पहुंची और उस अंकल और हमारे बीच में दूसरी ओर चेहरा कर खड़ी हो गई।
"यह क्या हुआ पापा! आपको इतनी चोट कैसे लग गई? तो उस अंकल जी (अब पहली नज़र के प्यार के पिता को जी तो कहना ही पड़ेगा ना) ने हमारी तरफ इशारा करते हुए सब बता दिया। तो उस लड़की ने गुस्से में हमारी तरफ देखा और अपने पापा को लेकर बाहर चली गई। कुछ देर इंतजार करने के बाद एक टैक्सी रुकी और उसमें बैठ कर चली गई। उस दिन के बाद हर रोज सुबह और शाम कालेज खुलने से लेकर कालेज बंद होने तक दरवाजे पर नजर गड़ाए बैठे रहे लेकिन वो कभी नजर नहीं आई। कालेज अथारिटी से पुछा तो पता चला कि उसने कालेज छोड़ दिया क्योंकि उसके पापा जो डाक्टर थे उनका किसी और शहर ट्रांसफर हो गया था। इस तरह मेरी पहली नज़र की मोहब्बत एक तरफा बन कर रह गई।
समाप्त
धन्यवाद आपका
#दैनिक कहानी प्रतियोगिता
Sachin dev
09-Aug-2022 06:27 PM
Very nice
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Muskan khan
09-Aug-2022 06:01 PM
Nice
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Deepali Mirekar
09-Aug-2022 04:37 PM
👌👌😊
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