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लेखनी कहानी -09-august -2022 Barsaat (Love ♥️ and tragedy ) episode 29



हंशित तो जैसे कही खो सा गया हो तब ही लव ने उसका हाथ खींचा  और उसे वहा  से निकाला। लेकिन तब ही भव्या और उसके पिता वहा आ गये  जिन्हे देख वो दोनों एक पेड़ के पीछे छिप गए ।


"अब क्या करे , ये सब  तेरी वजह से हुआ है  ना तू यहाँ आता  और ना मैं तुझे देख कर डरता और चीख मारता " हंशित ने कहा लव से


"मेरे भाई बाद को डांट लेना पहले ये सोचो निकलना  कैसे है  यहाँ से, अगर पकडे गए  तो कसम से कह रहा हूँ इतना बुरा हाल होगा कि हम  दोनों ने कभी सपने में भी ऐसा नही सोचा होगा " लव ने कहा घबराते हुए

"चल अब डर मत कुछ ना कुछ करते है , तू एक काम कर तू भव्या के सामने जा और उसे बता कि हम लोग है  कोई चोर नही, फिर वो खुद संभाल लेगी " हंशित ने कहा


"पागल है  क्या तू, वो हमारी बात क्यू सुनेगी और वैसे भी वो अपने पिता के साथ है  अगर उन्होंने हमें देख लिया तो," लव ने कहा

"इतना मत सोच  देख  वो इधर ही आ रही है , उसे किसी तरह अपनी मौजूदगी का बताना होगा वही हमें इस मुसीबत  से निकालेगी देख  अभी उसके पापा भी दूर है  और वो इधर ही आ रही है , मेरी वाली ना सही तेरी वाली तो तुझे देख ही ले " हंशित ने कहा

"यार कही फस  ना जाए और हम  दोनों कि प्रेम कहानी आगे  बढ़ने से पहले ही स्वाहा ना हो जाए " लव ने कहा

"डर मत  हिम्मत कर, और जाकर उसे पकड़  और बता  ताकि वो हमें यहाँ से निकालने में मदद  कर सके  " हंशित ने कहा

ठीक है  कुछ करता हूँ ये कह कर लव  भव्या कि तरफ  बड़ा  और पीछे से उसका मुँह दबोच कर पेड़ के पीछे ले आया ।

भव्या डर गयी  और हाथ  पैर चलाने लगी  तभी उसकी लात जाकर लव के पेट में लगी और उसने उसका हाथ छोड़  दिया।

और पेट पकड़ कर बैठ गया ।

"तुम, तुम यहाँ क्या कर रहे हो।" भव्या ने पूछा 

भव्या की चीख  सुन उसके पिता ने पूछा  " क्या हुआ बेटा सब ठीक तो है  "


जी,,,,, जी,,,, पापा सब ठीक है  बस  अँधेरे में पत्थर से टकरा गयी । पापा मुझे लगता है  चोर  चले गए  आप अंदर  जाकर सो जाइये। भव्या ने कहा


"और बेटा तुम, तुम नही आ  रही हो क्या " हरी किशन जी ने पूछा 

"पापा मैं भी आ रही हूँ  मेरा दुपट्टा झाड़ियों में अटक गया है  आप जाइये मैं आती  हूँ उसे निकाल कर " भव्या ने कहा

"ठीक  है  बेटा जल्दी आओ  मैं यही खड़ा  इंतज़ार कर रहा हूँ "हरी किशन जी ने कहा

"आखिर तुम यहाँ कर क्या रहे हो इतनी रात गए  मरना है क्या " भव्या ने पूछा 

"तुम्हे देखने को दिल चाह रहा था  इसलिए देखो चला आया " लव ने कहा

"बुलाऊ अभी पापा को, वो अपने दर्शन जब तुम्हे देंगे तो दर्शन तो तुम उनके यहाँ करोगे लेकिन प्रसाद तुम्हे सुबह को पुलिस देगी " भव्या ने कहा

"अरे अरे मेरी माँ ऐसा अनर्थ मत करना  हमें यहाँ से निकालो प्लीज् " लव ने कहा

"हमें मतलब,  और कितने लोग हो तुम यहाँ डाका डालने आये हो क्या " भव्या ने पूछा 


"डाका तो तुम दोनों बहनों ने डाल रखा है  हमारे दिलों पर तभी तो देखो इतनी रात गए भी तुम्हारे दर्शन करने चले आये हम क्या डाका डालेंगे " लव ने कहा प्यार भरे अंदाज़ में

"आखिर तुम्हारा दूसरा  साथी कहा है  " भव्या ने पूछा 

"वो देखो तुम्हारे पीछे ही है  अब प्लीज् हमें यहाँ से निकालो" लव ने कहा

"भव्या ने अपने पीछे देखा तो हंशित उसे देख कर हाथ हिला रहा था  और हाथ जोड़ कर बाहर निकालने को कह  रहा था  "

उन दोनों को भीगी बिल्ली बना देख  उसे हसीं आने लगी लेकिन वो हसीं नही और बोली " मैं पिताजी को लेकर अंदर जा रही तुम दोनों शराफत से यहाँ से चले जाना वरना अगली मुलाक़ात जैल में होगी "


"नही नही साली साहिबा अगली मुलाक़ात तो अब जब ही होगी जब  आप  दरवाज़े पर खड़ी हमारा  रास्ता देख रही होंगी और हम घोड़ी पर बैठ कर आपकी बहन को अपनी बाहो में भर कर ले जाएंगे " हंशित ने कहा


भव्या ये सुन मुस्कुराई और बोली " देखते  है  आप के ख्वाब कब हकीकत बनते है  " ये कह कर वो पिताजी को लेकर चली गयी ।


"बच गए  वरना आज  तो मारे जाते बुरी तरह भाई अब दर्शन हो गए हो तो चले वरना  सुबह यही हो जाएगी और फिर  हम टांगो पर नही कांधो पर जाएंगे " लव ने कहा


"ठीक है  भाई चल, अभी तो खाली हाथ जा रहा हूँ पर तू देखना एक दिन तेरी भाभी को यहाँ से लेकर ही जाऊंगा उसकी रज़ा मंदी से " हंशित ने कहा और वहा से भाग निकले और सीधा रूम पर आकर रुके। और सो गए ।


"कौन थे आखिर  पता  चला  तुम लोग आ क्यू गए  " हिमानी ने पूछ भव्या से

"कोई नही था  बस  ऐसे ही बेवजह नींद ख़राब हो गयी  " भव्या ने पूछा 

"ऐसा नही हो सकता  की कोई ना हो मैंने खुद किसी को देखा था  सच सच बता  कौन था  " हिमानी ने पूछा 


"कौन होगा दीदी वही था  " भव्या ने कहा

"कौन वही" हिमानी ने पूछा 

"वही दीदी जिसे आप भी जानती हो लेकिन बताने से डर रही हो " भव्या ने कहा

"कही तू उस शहरी लड़के की तो बात नही कर रही है  हंशित की " हिमानी ने कहा

"हाँ, दीदी वही आया था आपको देखने " भव्या ने कहा

"उसकी इतनी हिम्मत यहाँ तक चला आया  अभी जाकर बताती हूँ " हिमानी ने कहा और नीचे की तरफ दौड़ी


"कोई फायदा नही होगा दीदी जाकर वो लोग चले गए  लेकिन वो एक दिन जरूर आएगा  आपको लेने मैंने जो प्यार और आपको पाने का जूनून उसकी आँखों में देखा है  देखना वो उस ज़ुनून को पार कर जाएगा और आपको यहाँ से ले ही जाएगा " भव्या ने कहा


"फ़िज़ूल बातें मत कर मुझे भी सोने दे और खुद भी सो जाकर, सवेरे जाकर पूछूँगी की आखिर वो इतनी रात गए क्या करने आया था  मेरे घर " हिमानी ने कहा अपने बिस्तर की और जाते हुए 


''दीदी अगर उसने कह दिया की वो अपने प्यार के दीदार के लिए आया था  तब आप क्या करोगी , क्या उसकी इस बात का कोई जवाब होगा आपके पास  इस सवाल का जवाब  जब  आपके पास हो तब ही जाना उसके पास नही तो अपना दिल हार बैठोगी उसके इस सवाल पर, क्यूंकि प्यार तो तुम भी उससे करती हो पर कहने से डरती हो " इस सवाल पर सोचना जरूर अब मैं सोने जा रही हूँ नींद आ रही है  भव्या ने कहा और चादर तान कर करवट बदल कर लेट गयी 


हिमानी भी रात भर करवटे बदलती रही  उसके दिल और दिमाग़ में अजीब अजीब तरह के विचार आ रहे थे  जिसकी वजह से वो सो नही पा रही थी ।और करवटो पर करवटे बदल रही थी  और ना जाने कब उसकी आँख लग गई  और सुबह हो गयी ।


हंशित और उसके दोस्त भी उठ  गए  थे , श्रुति भी  अपने कमरे से उनके कमरे में आ गयी थी और बोली " और दोस्तों कैसी गुज़री रात तुम लोगो की हंशित और लव तुम दोनों क्यू इतने परेशान दिख रहे हो कुछ हुआ था क्या रात "


लव और हंशित ने एक दूसरे की तरफ  देखा  और बोले " मत पूछो दोस्तों कल क्या हुआ था , कसम से बाल बाल बचे हम दोनों वरना तुम सब हमसे मिलने जैल में आते "


"क्या, ऐसा भी क्या कर दिया था तुम लोगो ने हमें भी बताओ जरा  किसकी लंका में आग लगाने घुस गए थे  " श्रुति ने पूछा

"मत पूछ यार, क्या हुआ बस हम बच गए यही बहुत था  वरना  आशिकी का भूत अब तक उतर गया होता इस के सर से " लव ने कहा


"कही तुम दोनों, नही नही कह दो जो मैं सोच रही हूँ वो नही हुआ था  " श्रुति ने कहा

"जो तू सोच रही है वही हुआ था , हमारे आशिक साहब पहुचे थै अपनी मेहबूबा के दर्शन करने लेकिन उनके दर्शन तो हुए भी और नही भी लेकिन उनके पिताजी ने अपने पूरे दर्शन दिए और अगर पकडे जाते तो प्रसाद भी ग्रहण कर ही लेते " लव ने कहा


"वाह मेरे आशिक दोस्त , लंका में ही कदम रख दिया आखिर इतनी हिम्मत कहा से आयी मेरे भाई  " कुश ने पूछा 

"भाई मोहब्बत, मोहब्बत ही तो है  जो इंसान को या तो कायर बना देती है  या फिर  ताकतवर और शायद  ये उसके प्यार की ही ताकत थी जो मैं उसके घर तक पहुंच गया बिना कुछ सोचे समझें  ना जाने मुझमे कहा से इतनी हिम्मत आयी " हंशित ने कहा


"मेरा बहादुर दोस्त, तू परेशान मत हो देखना  अभी तो तू चोरी छिपकर मिलने गया था  देखना वो दिन दूर नही जब तू घोड़ी पर बैठ कर उसके घर जाएगा और सीना ठोक कर अपने प्यार को अपना बना  कर लाएगा  " जॉन ने कहा


"अच्छा तुम लोग वहा से भागे कैसे "श्रुति ने पूछा 

"भव्या जी की वजह से " लव ने कहा बड़े प्यारे अंदाज़ में

"ओह, भव्या जी वाह भाई तू तो एक रात में ही बदल गया  लड़कियों को इतनी रेस्पेक्ट देने लगा की उनके आगे जी कह कर मुख़ातिब करने लगा  वाह भाई वाह लगता है  तुझे तेरी मोहब्बत ने कायर बना दिया " हंशित ने कहा

"नही यार ऐसा कुछ नही है  बस  ऐसे ही मुँह से निकल गया , और वैसे भी कितनी मदद की उसने हमारी वहा से निकलने में नही तो पुलिस स्टेशन में बयान लिखवा रहे होते वो भी चोरी करने का " लव  ने कहा


"हाँ वैसे बात तो सही है  तेरी मेरी साली साहिबा ने हमारी मदद करके साबित तो कर दिया की वो भी मुझे अपना जीजू बनाना चाहती है  नही तो इस तरह मदद नही करती " हंशित ने कहा

"छोड़ो यार ये बातें अब ये सोचो क्या आज हिमानी आएगी हम से मिलने या फिर हमें खुद ही कुछ करना होगा उसे बुलाने के लिए  आज  दो दिन हो गए  " जॉन ने पूछा 


हाँ यार आना  तो चाहिए  या फिर मुझे ही कुछ करना होगा और आज  मौसम कितना सुहाना है  चलो मैं कुछ करती हूँ उसके घर जाकर उसे बुलाकर लाती हूँ नही लगता की अब वो आएगी और हाँ हम  लोग कुछ ऐसा करेंगे जिससे की वो हमारे साथ चलने को राज़ी हो जाए समझ गए ना तुम सब  चलो फिर तैयार हो जाओ मैं जाकर उसे बुला कर लाती हूँ। आज  उसके मुँह से एतराफ -ए - मोहब्बत कराकर ही रहेंगे  चाहे कुछ भी हो जाए। इसी बात पर ताली हो जाए दोस्तों मिशन हंशित और हिमानी की प्रेम कहानी को अंजाम तक पहुँचाना । श्रुति ने कहा और अपनी हथेली आगे बड़ाई  जिसपर सबने हाथ रखा और हवा में उछाल दिया। सब लोग खुश  थे  हंशित अपने दोस्तों को इस तरह देख बेहद खुश हो रहा था  तब ही रुपाली जी का फ़ोन आ  गया ।


लो अब माँ का आशीर्वाद  भी मिल जाएगा बहुत अच्छे समय  माँ का फ़ोन आया  है  हंशित ने कहा और फ़ोन उठा कर अपनी माँ से बात की।


क्या हिमानी तैयार हो जाएगी उनके साथ चलने के लिए जानने के लिए पढ़ते रहिये  

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5 Comments

MR SID

10-Aug-2022 08:46 AM

Nice

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Sachin dev

09-Aug-2022 06:18 PM

Very nice

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Sachin dev

09-Aug-2022 06:18 PM

Very nice

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