V.S Awasthi

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लोरी




बाल गीत
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अम्मा जब लोरी गाती थीं
तो नींद तुरत आ जाती थी
अम्मा तुम फिर से आ जाओ
लोरी हमें सुना जाओ
अपने प्यारे हांथों से
थपकियाँ भी हमें लगा जाओ
भूख लगी है बहुत जोर से
मुझको एक कौर खिला जाओ
अम्मा तुम फिर से आ जाओ
तेरे बिन सूना घर लगता
अंगना भी रोया है करता
मिट्टी के चूल्हे की रोटी
अम्मा तुम हमें खिला जाओ
गोदी में अपनी लेकर
अम्मा तुम हमें सुला जाओ
आपके साथ बिताये पल की
यादें हमें सताती हैं
कहाँ छुपी हो अम्मा मेरी
फिर से दर्श दिखा जाओ अम्मा अब तुम आ जाओ

विद्या शंकर अवस्थी पथिक कल्यानपुर कानपुर

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9 Comments

Swati chourasia

17-Sep-2022 10:30 PM

बहुत खूब

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Supriya Pathak

17-Sep-2022 10:06 PM

Sundar rachna 👍🌺

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Raziya bano

11-Aug-2022 06:41 AM

Nice

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