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इन लव विथ बिलियनेयर( कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ) (भाग-49)















पिछले भाग में आपने पढ़ा था की सब लोग घर से निकल जाते है अब आगे ,

ऋषभ अवनी एक साथ अकेले कार में होते है और उनके पीछे दूसरी कार में वो चारो ....ड्राइविंग आनंद कर रहा होता है क्योंकि विहान को देकर वो रिस्क नहीं लेना चाहता था ....वो ड्राइविंग करते हुए बार बार विहान को देखकर मुस्कुरा रहा होता है तो विहान घूरते हुए कहता है ,
विहान - ये तुम ड्राइविंग करो ना ...मुझे ऐसे क्यों देख रहे?
आनंद - ( हंसते हुए ) बस देख रहा हुई की ये  कच्चा  पपीता आज बिल्कुल पका हुआ क्यों लग रहा...😂
विहान -( हैरानी से ) व्हाट .....
( देव पीछे से हंसते हुए ) 
देव - ( विहान से ) जीजू बट मींस लेकिन व्हाट मतलब क्या ??
विहान - ( घूरते हुए ) हे भगवान ये किन गढ़हो के बीच में मैं फंस गया .....
( ये सुनकर देवानंद हैरान हो जाते है  पर अगले ही पल हंसते हुए देव  कहता है😂 

देव - वल्लाह वल्लाह ...क्या खूब कहा है .....

( विहान ये सुनकर दोनो को घूरने लगता है और विंडो ओपन करके आज के होने वाली मीटिंग के बारे में सोचने लगता है .....पीछे नील अपनी बुक खोलकर पढ़ रहा होता है तो देव उसे देखकर कहता है )

देव - आपके साथ किसी का सरवाइव करना मुश्किल होगा भाई ...
नील - क्या मतलब ..?
देव - मतलब मेरी भाभी का 😕उफ्फ ऐसे पढ़ाकू के साथ कैसे रह पाएंगी जो पूरे दिन किताबो से चिपका रहता है ....
नील -( शांती से ) मैं उन्हे भी किताबो की आदत लगवा दूंगा .....
देव -( मुस्कुराते हुए ) किताबो की आदत या अपनी भाई 🤣
नील - ( उसकी तरफ देखकर ) ये क्या भाभी भाभी लगा रखा है ..... आई टोल्ड यू डोंट कॉल हर भाभी ....
देव - पर किसे ??

( नील बिना कुछ कहे उसे घूरते हुए देखकर चुप हो जाता हैं.....तो देव समझ जाता है की उसकी अब अच्छी वाली खिदमत हो सकती है इसलिए उससे थोड़ा दूर होकर बाहर देखने लगता है ......)

दूसरी तरफ,

आगे कार में अवनी और ऋषभ शांती से बैठे होते है ....सुबह का मौसम होता है , पहाड़ी इलाका है इसलिए मंद मंद हवाएं बह रही होती है जिससे अवनी के बाल बार बार उड़ के उसके चेहरे पर आ रहे होते है तो उसे देखकर ऋषभ कहता है ,

ऋषभ - यू कैन क्लोज विंडोज ( आप खिड़की बंद कर सकती हो )
अवनी - नो इट्स फाइन ( नहीं ये ठीक है )

( और फिर अवनी खिड़की से बाहर देखने लगती है ....दोनो कारे अब थोड़ा दूर आ गई होती है ....दूसरी कार में देवानंद .. विहान को परेशान करने में लगे होते है तो आगे ऋषभ अपनी कार में ड्राइविंग करते हुए अवनी को देख रहा होता है ...उसे अपनी ओर पाते देख  अवनी उसकी तरफ़ चेहरा करके कहती है )

अवनी - ( प्यार से ही ) क्या हुआ ?
ऋषभ -( सामने देखते हुए ) कुछ नही ...
अवनी - तो फिर आप हमे ऐसे क्यों देख रहे है .....?
ऋषभ - आप अजीब  है …...आप पूरी बदल चुकी है ..
अवनी -( हैरानी से ) अब क्या कर दिया हमने ?
ऋषभ -( मन में ही) पागल बना दिया है आपने मुझे ..♥️.( अवनी से ) ये ड्रावर ओपन कीजिए..
अवनी - क्यों ?

( ऋषभ कोई जवाब नही देता है और सामने देखते हुए ड्राइविंग करने लगता है ....अवनी उसकी तरफ़ देखकर जवाब का इंतजार कर रही होती है पर जब ऋषभ कुछ नहीं कहता तो वो कहती है )

अवनी - अजीब हम नहीं आप है 🙄...

( और फिर वो ड्रावर ओपन करती है और उसमे से एक पेपर निकालकर ऋषभ के सामने कर देती है और कहती है )

अवनी - ये क्या है क्या करे हम ?
ऋषभ - इसे खोलकर पढ़िए ....
अवनी - एक मिनिट....आप फिर से कोई उटपटांग रूल्स तो नही लाए ....देखिए हमें कोई शौक नही है आपके रूल्स फॉलो करने के ...🙄
ऋषभ - काफी समझदार हो गई है आप ....
अवनी -( दूसरी तरफ चेहरा करके) हम पहले से है....
ऋषभ - प्लीज जल्दी पढ़िए .... ..
अवनी - अगर इतनी जल्दी है तो ख़ुद ही पढ़ लीजिए ....
ऋषभ - अवनी ....पेपर पढ़िए ....
( ऋषभ के ऐसे कहने पर वो उसे देखते हुए पेपर ओपन करती है और पढ़ना शुरू कर देती है .......

- आज के बाद से मैं ऋषभ जी के बनाए हुए रूल्स नहीं तोडूंगी और अगर अब कभी तोड़ा तो वो जो कहेंगे मैं करूंगी..
- घर से बाहर अकेले अब नही जाऊंगी जब तक ऋषभ जी नहीं ले जायेंगे ....
- गुस्सा या जिद नहीं करूंगी ....
- खुद को नुकसान नहीं पहुंचाऊंगी ...
- अगर मैने इन रूल्स को तोड़ा तो आगे ऋषभ क्या करेंगे उसे भुगतने के लिए तैयार हु .....

( इतना पढ़कर अवनी शांत हो जाती है और आंखे बंद करके  गुस्से में ही कहती है )
अवनी - कार रोकिए आप अभी ....
ऋषभ -( उसके कंधे पर एक हाथ रखकर) शांत हो जाइए ....
( अवनी भरपुर गुस्से में होती है इसलिए ऋषभ का  हाथ गलती से दबा देती है जिससे ऋषभ की हल्की सी चीख निकल जाती है ...ये सुनकर वो हड़बड़ा जाती है और अपना चेहरा ऋषभ की तरफ करके देखने लगती है जिसने दर्द की वजह से कार रोक दिया होता है ....,वो उसे एकटक देखती जा रही होती है की ऋषभ दोनो साइड की विंडो क्लोज कर देता है और अवनी को अपनी बाहों में भरके उसका माथा सीने पर रखकर कहता है ,)

ऋषभ - इससे भी तेज चीख निकलेगी अगर आपको कुछ हो गया तो ....
( अवनी कोई जवाब नहीं देती है वो बस एकटक अपना माथा उसके सीने पर रखकर उसकी धड़कनों को सुन रही होती है जो तेजी से धड़क रहे होते है …....ऋषभ फिर कहता हैं )
ऋषभ - आप बस ये रूल्स मानिए बाकी कुछ भी नही ...
( अवनी फिर से कोई जवाब नही देती है तो ऋषभ कहता है )
ऋषभ - मेरे लिए नही तो जीससे आप सबसे ज्यादा प्यार करती है उसके लिए कर लिजिए ....,..
( अवनी ये सुनकर उसकी बाहों से निकल जाती है और एक बार पेपर को फिर से देखकर साइन कर देती है और कहती है )
अवनी - इससे आसान जिंदगी और कहा मिलेगी ....

(और फिर वो  खिड़की की साइड अपना चेहरा मोड़  लेती है तो......ऋषभ एक बार फिर से उसे अपने करीब कर लेता है और उसके माथे को चूम कर कहता है ....)

ऋषभ - आप मेरी रिस्पांसिबिलिटी है ....

( और  ये कहके ऋषभ फिर उसके माथे को अपने माथे से सटा कर अपनी आंखे बंद कर लेता है   ..... अचानक से  ऐसे कार रुकने पर चारो थोड़े हैरान हो जाते है और कार रोककर आनंद जेब से फोन निकालता है और ऋषभ को कॉल करता है ....उधर कॉल आने की वजह से ऋषभ ब्लूटूथ ऑन करता है और कहता है )
ऋषभ - तुम लोग चलो हम आते हैं..
( और फिर कॉल डिस्कनेक्ट कर देता है ......उधर आनंद मुस्कुराते हुए कॉल कट करता है और कार स्टार्ट करके कहता है )
आनंद - भाई भाभी थोड़ी देर में आयेंगे तब तक हम लोग चलते हैं..
विहान - क्यों ?
आनंद - शादी के बाद पता चल जायेगा ...अब नो मोर सवाल जवाब ....😅
( और फिर वो लोग निकल जाते है ....इधर ऋषभ और अवनी  अभी भी उसी पोजिशन में होते है , अवनी की आंखे खुली हुई होती है वही ऋषभ ने बंद कर रखा होता है .....अवनी उसकी पलकों को निहार रही होती और फिर इधर उधर देखने लगती हैं की उसकी नजर ऋषभ के हाथ पर चली जाती है जिसमे से ब्लीडिंग होनी शुरू हो गई होती है ....वो ये देख कर धीरे से उसके हाथ पर अपना हाथ रख देती है तो ऋषभ की हल्की से आह निकल जाती है ....अवनी ये सुनकर घबरा  जाती है और अपना माथा दूर करने  लगती है तो ऋषभ उसे फिर से  पकड़ लेता है और माथा सटा के कहता है )

ऋषभ - इट्स लास्ट टाइम .....
अवनी - (हैरानी से ) क्या ?

( ऋषभ कोई जवाब नही देता है और अपनी सीट पर सीधे होकर कार स्टार्ट करने के लिए स्टीयरिंग पर हाथ रखता है तो अवनी कहती है )
अवनी - मैं ड्राइविंग करू ....
ऋषभ -( हंसते हुए ) मुझे अपना गला बहुत प्यारा है ....तो शांति से आप बैठिए ...
अवनी -( नाक सिकोड़ते हुए) आपके हाथ से ब्लीडिंग हो रही हैं.....
ऋषभ -( मुस्कुराते हुए ) ये कुछ भी नही है ( मन में ) उस दर्द के सामने जो  आपको हुआ है ....पर अब और नही ...
( अवनी उसकी बात नही सुनती है और ड्रॉवर से फर्स्ट एड किट निकालकर उसमें से क्रीम लेती है और फिर ऋषभ का हाथ पकड़कर उसपर लगाने लगती है तो ऋषभ कहता है )
ऋषभ - आपको मेरी फिक्र हो रही??
( अवनी कोई जवाब नही देती है और फिर नई बैंडेज बांध कर वापस किट रखकर कहती है )
अवनी - कोई फिक्र नहीं है मैं बस ये इसलिए कर रही  क्योंकि मुझे जल्दी वहां पहुंचना है  जिसके लिए निकले है ...
ऋषभ -  ओके ....
( और फिर ऋषभ कार स्टार्ट करके निकल जाता है .......दूसरी तरफ देवानंद आपस में बातें करते हुए हंसी मजाक कर रहे होते है और वही विहान को अलग सी बैचनी महसूस हो रही होती है तो वो पानी पीकर कहता है )
विहान - हम कहा जा रहे है ?
आनंद - जहां भी जायेंगे पता चल जायेगा ....😀थोड़ा सब्र रखो.....
विहान - ( अपनी टाई ढीली करते हुए ) आज अलग ही 
बेचैनी महसूस हो रही 😕समझ नही आ रहा क्या करू .....
देव - ओह हो जीजू कुछ मत करो बस शान्ति से एक बार कहो "  देवानंद बाबू की जय " और सारे दुख दर्द खत्म 😂😂😂
( विहान ये सुनकर उसे घूरने लगता है की तभी उसके फोन पर किसी का कॉल आ जाता है ....वो  सबको शांत करके कॉल अटेंड करता है और कहता है )
विहान - हैलो कौन ?
( उधर से राहुल जी )
राहुल - अरे हम राहुल जी ट्विकी के पापा ....
विहान -( हकला कर ) ओह ओ .... नमस्ते अंकल जी 🙏
( बगल में बैठा हुआ आनंद कहता है )
आनंद - अरे अंकल जी नहीं ससुर जी बोलो 😂
( विहान ये सुन दांत पीसते हुए उसे घूरने लगता है की राहुल जी कहते है )
राहुल जी - बेटा ज्यादा टाइम नही है सीधे पूछ रहा हु ....
"कोई लड़की पसंद है क्या आपको "?
विहान - ( शॉक्ली ) क्या....क्या ?
( राहुल जी फिर से अपना सवाल दोहराते है तो विहान की जुबान से बस हल्की सी आवाज निकलती है )
विहान - ओ... ओ अंक.......
( राहुल जी बीच में ही )
राहुल जी - ठीक है बेटा मैं ट्विंकी की शादी कही और करवा रहा .... गुडबाय .

( और इतना कहके राहुल जी कॉल कट कर देते है तो विहान हैरानी से स्क्रीन को देखने लगता है .....उसे ऐसे पाते देख आनंद कहता है )
आनंद - क्या हुआ भाई ....क्या कहा ससुर जी ने ?
( विहान कोई जवाब नही देता है और आकाश जी को मैसेज करता है की " डैड मैं पेड़ पर उल्टा लटकने के लिए तैयार हु और आज की मीटिंग आप लोग संभाल लिजिए " और फिर फ़ोन वापस से जेब में रखकर ......बाहर देखने लगता है .........थोड़ी पल तक कार का सफर यू ही चलता रहता है और कुछ देर बाद वो लोग एक वाटरफॉल साइड एरिया पर पहुंच जाते है .....कुछ देर बाद ऋषभ और अवनी की कार भी वही आके रुक जाती है तो ....कार में से आनंद कहता है ,)

आनंद - भाई लोग आप सब अंदर चलिए तब तक मैं कुछ खाने के लिए लेकर आता हु ....
देव - जीजू मैं भी चल रहा हु ...
आनंद - हां हां जरूर 😀...
( दोनो फिर कार से बाहर निकलते है और मास्क पहन कर पास के ही स्टोर पर घुस जाते है .....इधर विहान खुद को संभालते हुए कार से निकलता है और बोनट पर बैठकर कहता है )
विहान - मैंने ऐसा कौनसी गलती कर दी गॉड जो मुझे मेरी ट्विंकी छीन रहे.....😕
( उसे ऐसे बोलते सुन ऋषभ कार से निकल जाता है और उसके पास जाकर कहता है )
ऋषभ - तुम ठीक तो हो ?
विहान -( ऊपर देखते हुए ) हां भाई मस्त मजे में हु .....
ऋषभ - ठीक है फिर अब चलते है अंदर ......वैसे भी जिस काम के लिए डलहौजी आए थे वो तो पूरा होने से रहा इसलिए कल सुबह ही निकल रहे हम लोग ....

विहान -( हैरानी से ) क्या ....पर ....भाई आप ......
( ऋषभ बीच में ही)
ऋषभ - शांत रहो और चलो अंदर ....

,( और फिर वो अवनी के साइड में चला जाता है जो कार के सहारे खड़ी होती है तो ऋषभ उसे देखकर कहता है)

ऋषभ - क्या हुआ आपका पैर अभी ठीक नही है क्या ?
अवनी - ( चारो तरफ देखते हुए ) आप बस हमारा हाथ पकड़िए और कुछ भी नही .....
ऋषभ - ठीक है ...
( फिर ऋषभ ...अवनी का हाथ पकड़कर नील से कहता है )
ऋषभ - नील अंदर कार में फ्रूट से भरी हुई बास्केट है तो क्या तुम ला सकते हो ?
नील - हम्मम
( तभी अवनी बीच में ही )
अवनी -( धीरे से ) आप अपने बॉडीगार्ड्स और नौकरो को साथ क्यू नही लाए ?
ऋषभ - ( उसकी तरफ देखकर ) क्योंकि मैं हु ना ......सबके लिए..
( ये सुन अवनी हम्मम कहती है और ऋषभ की कमर को पकड़ लेती है तो वो कहता है )
ऋषभ - ये क्या कर रही है आप ?
अवनी - हम बिना सहारे के गिर जायेंगे ...😐
( ऋषभ ..उसे कुछ देर ऐसे देखता है और फिर गोद में उठा कर कहता है )
ऋषभ - अब नहीं गिरेंगी ...
अवनी -(घूरते हुए ) निचे उतारिए हमे ...सब लोग देख रहे हैं ....
ऋषभ - ( आगे बढ़ते हुए ) मैने किसी और की वाइफ को नही उठाया है तो आप बस चुप चाप चलिए ...
(और फिर वो अंदर घुस जाता है ...इधर विहान ...नील के साथ फ्रूट्स की टोकरी लेकर आगे बढ़ जाते है .....चारो तरफ लोग बैठे होते हैं और खूब सारे पेड़ भी होते हैं ......एक तरह से वो जगह एक पिकनिक स्पॉट होता है ,.....जहां पर फैमिली से लेकर कपल्स तक लेक में विहार कर रहे होते है और एंजॉय कर रहे होते...ठंडी हवाएं बह रही होती है तो मौसम और भी सुहाना हो गया होता है .....कुछ देर बाद ऋषभ अवनी को सामने एक मैट पर बैठी हुई खुशी , नैंसी और संजना नजर आती है ....तो वो उस तरफ बढ़ जाते हैं ... उधर संजना ...खुशी के बालो को ओपन करके कहती है ,
संजना - उस चिरकुट को आप ऐसे ज्यादा अच्छी लगेंगी ....😅
खुशी -( हंसते हुए ) आप सच में  ( बीच में ही रुककर हैरानी से ) ये जीजू है ना ....अवनी को गोद में लिए हुए ?
संजना -( हैरानी से उनकी तरफ देखकर) अरे वाह .....😅ये लोग तो अपना प्यार यहां भी दिखाना शुरू कर दिए...
खुशी - ( मूंह पर उंगली रख कर) धीरे बोलिए …....
( तभी नैंसी कहती है )
नैंसी - दी मैं आती हु ....
खुशी - कहा जा रही हो ?
नैंसी - ( अपनी जगह से उठकर ) आती हु थोड़ी देर में ......तब तक आप एंजॉय करो जीजू के साथ 😀

( और फिर वो वहां से भागते हुए जाने लगती है की सामने नील को आते देख उसके कदम वही रुक जाते है ...वो उसकी तरफ देखती है और फिर खुद ही झल्लाकर कर कहती है " नही आगे बढ़ो " और फिर बिना कुछ कहे आगे बढ़ जाती है ...वही नील की नजर उसपर जाती है तो वो उसे देखता है से फिर विहान के साथ आगे बढ़ जाता है ....कुछ देर बाद ऋषभ ...अवनी को मैट पर बिठा देता है और कहता है ,)
ऋषभ -( खुशी से ) इनके पैरो में मोच आई है तो हिलने डुलने मत देना ...
खुशी - ( हैरानी से अवनी को देखते हुए ) जी जीजू ...
( और फिर ऋषभ उधर से ब्रिज साइड की तरफ मुड़ जाता है .... उसके जाने के बाद नील और विहान भी पहुंच जाते है और फिर मैट पर बैठते हुए विहान कहता हैं)
विहान - ( इधर उधर देखते हुए ) सब आए है ?
खुशी -( मुस्कुराते हुए ) क्या मतलब भाई ?
विहान - मेरा मतलब आदि भाई और रिया कहा है ?
( बीच में ही )
संजना - ( हंसते हुए ) उनका सबको पता है कहा होंगे तो आप वो छोड़ो ....बताओ कहा तक पहुंचे?
विहान - क्या मतलब?
संजना - अरे ट्विंकी को प्रपोज कब कर रहे है .....ऋषभ भाई ने बताया कि हम कल वापस जा रहे है 🙄
विहान -( दूसरी तरफ चेहरा करके) अब कुछ नही हो सकता ...
( और फिर वो उधर से उठकर लेक के पास खड़ा हो जाता है जिसपर कई लोग घूम रहे होते है ....इधर तब तक देवानंद भी आ जाते है तो आनंद सामान रखकर खुशी को अपनी बाहों में भर लेता है ...वो सकपका कर खुद को छुड़ाती हुई कहती है ,)
खुशी - ये छोड़िए मुझे ... ( सबकी तरफ देखकर धीरे से ) सब देख रहे है 🙄
आनंद - हां तो देखने दीजिए ना सब थोड़े अपनी वाइफ से इतने दिन दूर रहे है ...😏
खुशी -( घूरते हुए ) आप घर चलिए आपको बताती हु .....
( और फिर  वो आनंद को चींटी काटकर खुद से अलग कर लेती है और मुस्कुराते हुए कहती है )
खुशी - आपकी पूजा बेलन से होनी चाहिए.....
आनंद - ( घूरते हुए ) आपको सही नाम दिया है मैने .....आप सच में चुड़ैल है ..
( और फिर दोनों एक दूसरे को घूरने लगते है तो अवनी उनकी तरफ देखकर कहती हैं )
अवनी - देवर - देवरानी जी हो गया आप दोनो का महायुद्ध 😕....
खुशी - ( नाक सिकोड़ते हुए) अरे ऐसे पब्लिकली कौन पकड़ता है तुम बताओ .......
आनंद - मैं पकड़ता हु क्योंकि आप किसी और की नहीं मेरी वाइफ है ....
(इतना कहके वो उठकर ..... दूसरी ओर चला जता जैसी तो  अवनी उसके जाने के बाद कहती है )
अवनी -( खुशी से धीरे से ) तुम पागल हो क्या .... हमें अच्छे से पता है कितनी खुश हो तुम देवर जी के ऐसे करने पर फिर भी उन्हे तंग कर दिया ....( घूरते हुए ) जाकर मनाओ ....
खुशी - ( उसकी तरफ मुस्कुराते हुए 😄) तुझे बड़ा एक्सपीरियंस है  ...( हाथ से धीरे से मारकर ) बताओ बताओ ........
अवनी -( घूरते हुए ) तुम जा रही हो या नही....

( खुशी हम्मम कहती हैं और फिर वहां से उस तरफ बढ़ जाती है जहां पर आनंद गया होता है ......इधर इतने दिनो बाद संजना और देव आमने सामने होते हैं तो एक दूसरे को घूरने लगते है और मन ही मन दोनो एक साथ कहते है " आ गया नालायक " आ गई रक्तचुस्मानव"  और फिर देव अवनी के बगल में ही बैठा होता है तो संजना कहती है )

संजना - भाभी से दूर रहो ....तुम्हारी नजर लग जायेगी उन्हे .....
( नील , अवनी  उसकी तरफ़ देखने लगते है तो देव कहता है )
देव - हां जैसे मैं माथे पर लिखवा कर आया हू की नजर लगाए बिना जाऊंगा नही....🙄
संजना - क्या पता ....( अवनी से ) भाभी प्लीज आप इससे 100 कोश दूर रहिए ...😏पता नही कब नजर लगा दे ये 
( अवनी उन दोनो को ऐसे बोलते देख कुछ बोलने जाती है की देव बीच में ही कहता है )
देव - हां हां 😡तुम तो जैसे हूर की परी हो .....( अवनी से ) दी मैं जा रहा यहां से ....जब तक ये रहेगी मैं नहीं आऊंगा ....
( और फिर वो उठकर वहां से जाने लगता है तो अवनी कहती है )
अवनी - तुम जा कहा रहे हों ?
देव -( मुस्कुराकर ) अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने ( संजना की तरफ देखकर ) ये तो काली शक्तियों वाली डायन है 🙄कही जादू कर दिया मेरी गर्लफ्रेंड पर तो ...इसलिए जा रहा हूह😏😏
( और फिर वो वहां से चली जाती हैं तो संजना गुस्से में ही तिलमिलाई होती है वो देव की तरफ गुस्से में चिल्लाते हुए कहती है )
संजना - आज  तो मैं तुम्हे इस लेक में डूबा डूबा कर मारूंगी .....
(और फिर वो पैर पटकते हुए विहान के पास चली जाती है ......उसके जाने के बाद अवनी कहती है )
अवनी -( नील से ) भाई  तुम भी किसी से लड़ लो 😐और चले जाओ ...
नील - नही दी मुझे ये सब नहीं पसंद है ...
अवनी -( मुस्कुराते हुए ) तुम्हारी स्टडीज कैसी चल रही है ....देव ने बताया था की तुम वापस चले जाओगे ...
नील - हम्मम दी ...क्योंकि एग्जाम्स है ...
अवनी - अच्छा .....
नील -( उसके पैर की तरफ देखकर ) आपका पैर कैसा है .......आपने ऑइंटमेंट लगाया क्या ?
अवनी -( मुस्कुराते हुए ) हम्मम लगाया है ....अभी बहुत ठीक है पैर ....
नील - ओके दी ......
( और फिर नील शांत होकर सामने देखने लगता है वही अवनी उसकी तरफ़ देखकर कहती है )
अवनी - तुम ये पीनट्स मत खाना .....( बिस्किट दिखाकर ) उसे भी नही...
नील - ( उसकी तरफ देखकर) ओके दी ....
अवनी - वैसे तुम्हारी बहन का कुछ अता पता चला ?
वो कैसी दिखती है.....नाम कुछ ?
नील - आपकी तरह...
अवनी -( हैरानी से) क्या मतलब ....मेरी तरह ?
नील - मेरा मतलब वो आपकी तरह ही होंगी ....अच्छी और केयरिंग ...
अवनी - ( मुस्कुराते हुए ) हम्मम ...होप सो तुम्हारी बहन जल्दी मिल जाए ...
नील - हां मिस्टर ऋषभ ने खोजबीन तो शुरू कर दिया है तो देखते है क्या होता है.....
अवनी - ( हंसते हुए ) तुम सभी को मिस्टर और हम लोगो को दी क्यों कहते हो ?
नील - अच्छा लगता है 🤗.....
अवनी - तुम्हारे फैमली में कौन कौन है ?
नील - मां - पापा ,देव ,...दादी और आकृति दी .....
अवनी - ये आकृति कौन.....तुमने तो कहा की तुम्हारी एक ही बहन है जिसे खोज रहे ??
नील - डैड ने उन्हें एडॉप्ट किया है ....
( इतना कहके नील फिर शांत हो जाता है .....अवनी एकटक नील को ही देखी जा रही थी की तब तक ऋषभ और नैंसी भी आ जाते है और नैंसी अवनी के बालो में फूल लगाते हुए कहती है )
नैंसी - अब ये गुलाब अच्छा लग रहा आपके बालो में ...😍
अवनी - थैंक्यू सो मच......
नैंसी - मैंने नही जीजू लाए है ....
( ऋषभ ....नैंसी की तरफ देखने लगता है और मन में ही कहता है " झूठ नहीं बोलना चाहिए नैंसी तुम्हे " और फिर अवनी स कहता है )
ऋषभ - सब लोग कहा है ?
अवनी - बस इधर उधर घूम रहे है ......( नैंसी से ) तुम कहा थी ?
नैंसी - वो दी मैं बस फूलो पर से ( नील की तरफ देखकर) मधुमक्खी को हटा रही थी.....
( नील उसके ऐसे कहने पर देखने लगता है और फिर दूसरी तरफ चेहरा कर लेता है ......वही नैंसी और अवनी अपनी बातो में लग जाती है की नील धीरे से नैंसी का फोन लेता है और जल्दी से खुद को अनब्लॉक करके वापस फोन रख देता है की नैंसी कहती है )
नैंसी - ( शान्ति से )आप मेरे फोन के साथ क्या कर रहे है ?
नील - बस चेक कर रहा था की कौनसी कंपनी का फोन युज करती है आप ....
( और फिर वो भी उठ कर लेक साइड पर इधर उधर घूमने लगता है )

दूसरी तरफ,

आनंद ....खुशी से नाराज होकर वाशरूम की तरफ बढ़ गया होता है तो....खुशी उसे खोजते हुए उधर ही चली जाती है और देखती है की वो वाशरूम में गया है तो वो भी उसके पीछे अंदर घुस जाती है और डोर लॉक करके डोर के सहारे खड़ी हो जाती है .....थोड़ी देर बाद आनंद जब फ्रेश होकर हैंडवाश करता है और वापस आने के लिए मुड़ता है तो खुशी को वहां हाथ फोल्ड किए देखकर कहता है ,

आनंद - आप यहां क्या कर रही है ?
खुशीं  - क्यों आ नही सकती हैं मैं ....
आनंद - ( उसके पास आकर ) नही आ सकती है क्योंकी ये मेल वाशरूम है .....आप जाइए यहां से ...
खुशी - ( उसे करीब करके ) नहीं जायेंगे ....
आनंद - दूर हटिए ....आपको तो ये सब अच्छा नहीं लगता ना ...
खुशी - ( उसकी तरफ देखकर ) मैं बस आपको परेशान कर रही थी .....
आनंद -( मुस्कुराते हुए ) और आप इसमें कामयाब रही 💖
( खुशी मुस्कुराते हुए अपनी नजरे नीचे कर लेती है तो आनंद उसे अपने और करीब कर लेता है और माथे को चूम कर कहता है )
आनंद - सॉरी अगर आपको बाहर ऐसे अजीब लगा हो तो ....नेक्स्ट टाइम ऐसा नही ...
( आनंद अपनी बात भी पूरी नही कर पाया होता है की खुशी चेहरा ऊपर करके उसके लिप पर किस करके अपना फेस शर्माते हुए नीचे कर लेती है ...वही आनंद उसकी इस हरकत पर मुस्कुरा देता है और उसके चेहरे को ऊपर करके उसके होठों को चूम लेता है .........,थोड़ी देर बाद फिर दोनों अलग होते है और हाथ पकड़े हुए ही बाहर निकलकर सबके पास पहुंच जाते हैं.....अब तक सब लोग आकर मैट पर बैठ गए होते है....पर विहान की नजरे सामने लेक पर होती है जहां पर कई लोग छाता लेकर खड़े होते है .




उन्हे ऐसे देख वो मौसम देखता है और कहता है ,
विहान - ये सब लोगो ने छाता क्यों ले रखा है ...आज तो बारिश नहीं होगी ...
संजना - अरे भाई उनका मन वो कुछ भी करे ....
विहान - हां 😐सब अपने दिल की ही सुनेंगे ....

( इतना कहके वो फिर से लेक के साइड देखने लगता है की कोई पीछे से उसकी आंखो पर काली पट्टी बांध देता है तो वो हड़बड़ाकर सबको बुलाने लगता है पर कोई कुछ भी जवाब नही देता है .....विहान की हालत खराब हो रही होती है....वो ऐसे में घबरा गया होता है ...उसे महसूस होता होता है की दो लोगो ने उसके हाथो को पकड़ रखा है और उसे कही ले जा रहे है ...वो बार बार सबका नाम पुकारता है पर कोई जवाब नही मिलता है तो ना चाहते हुए भी उसके आंखों से एक बूंद गिर जाता है ........कुछ पल बाद उसे महसूस होता है की वो कही पर खड़ा है और उन दो हाथो ने भी उसे छोड़ दिया है ......वो हाथ छूटते ही जल्दी से ही अपनी पट्टी खोलता है और खोलते ही उसकी नजर सामने लेक पर बने हुए ब्रिज पर चली जाती हैं जहां पर लोग लाइन में खड़े होते है अपने छातो के साथ पर उसपर जो लिखा होता है उसे पढ़कर हैरान हो जाता है और धीरे से कहता है " विल यू मैरी मी " .....इतना कहते ही उसे आवाज आती है " यस " ..विल यू ??




वो आवाज सुन हैरानी से नीचे देखने लगता है और देखता है की  ट्विंकी रेड कलर के गाउन में लाल गुलाब लिए हुए ( प्रपोज करने के पोजिशन में होती है ) उसकी तरफ देख  रही है  ....ये देख विहान पूरा का पूरा शॉक हो जाता है की पीछे से आनंद उसके कंधे पर हाथ रखकर कहता हैं)

आनंद - भाई अब आप  भी हां बोल दो ....वरना अगर इसका दिमाग घुमा तो  अगले साथ जन्मों तक भी वापस हां सुनने को नही मिलेगा ....

( विहान कुछ नहीं कहता है , उसके कान शर्म के मारे लाल हो गए होते है .....वो अभी भी एकटक ट्विंकी को देखे जा रहा था की चारो तरफ से आवाज आने लगती है " से यस .... से यस " ...विहान चारो तरफ देखने लगता है की ट्विंकी कहती है ,
ट्विंकी - अगर मैं आपको नही पसंद तो ( मुस्कुराते हुए  ) आप ना भी कह सकते हैं....

( ये सुनकर आस पास के लोग शांत हो जाते है ....विहान अपनी नजरे इधर - उधर घुमाता है मुस्कुराते हुए नीचे बैठ जाता है और गुलाब ले कर कहता है " यस आई विल" ....उसके इतना कहते है चारो तरफ लोग क्लैपिंग के साथ साथ हूटिंग करने लगते है .....पीछे सब उन्हे देखकर मुस्कुरा रहे होते है ..........अवनी ...ऋषभ का हाथ पकड़कर उसके  सहारे खड़ी होती है ...वो बहुत ज्यादा खुश होती है ...ऋषभ उसके चेहरे की तरफ देखता है और मन में ही कहता है " जल्द ही आपको भी ये खुशी मिलेगी "... उधर विहान शर्माते हुए ट्विंकी के माथे को चूम लेता है और हाथ पकड़े हुए ही आकर मैट पर बैठ जाते है तो आनंद कहता है )

आनंद - चलो भाई ....मेरी कृपा से आप सब लोग अब निपट गए हैं.....अब मैं आराम से चार धाम की यात्रा पर जाऊंगा ....
( सब उसकी बात को सुनकर हंसने लगते है की विहान कहता है )
विहान - ( सबको घूरते हुए ) सच सच बताओ ये किसका प्लान था .....
( विहान को ऐसे घूरते देख ट्विंकी उसका हाथ छोड़ देती है तो वो वापस से पकड़ लेता है और कहता है )
विहान - ( मुस्कुराते हुए ) अरे 😌मैं बस जानना चाहता हु ऐसा खतरनाक + प्यारा आइडिया किसका था ....
देवानंद - सिम सिम का ....😍
सब हैरानी से - क्या ??
आनंद - अरे मतलब ऋषभ भाई और आदि भाई का ......पर आइडिया तो किसी और का था ना 😊..समझ जाओ खुद ही 😂

( रीडर्स आप लोगो भी समझ जाइए😂 ) 


( खुशी ने ट्विंकी की पसंद जानने के बाद आदि और ऋषभ को बता दिया था की उसे  विहान पसंद है.... इसलिए तभी से ये लोग तैयारी में लग गए और बाद में सबको .....सिवाय विहान के )

विहान -( ऋषभ - आदि के गले लगकर) थैंक्यू सो मच भाईयों 😍😍....
( और फिर सब मुस्कुराते हुए स्नैक्स खाना शुरू कर देते है की ट्विंकी कहती है )

ट्विंकी -( विहान से ) आपको आज ही पापा से हमारे रिश्ते की बात करनी होगी ....क्योंकि मैं भी चल रही कंपनी ज्वाइन करनी है ...
( विहान रिश्ते की बात सुनकर थोड़ा घबरा जाता है और कहता है )
विहान - अगर उन्होंने ना कर दिया तो ....
ट्विंकी -( उसकी तरफ देखकर) और अगर पापा ने हां कर दिया तो .......
( आनंद बीच मे ही)
आनंद - तो क्या ....विहान है  की दुनिया बस जाएगी 😂😍( विहान से ) डरो मत जुनी आपको बहुत पसंद करती है .....और रही बात अंकल की तो 😄आप खुद संभाल लो क्योंकि वो तो शूटर है ना ....
खुशी  -( उसे धीरे से मुक्का मारकर ) आप डरा क्यों रहे है ...
( आनंद ...खुशी की तरफ देखने लगता है तो वो मुस्कुराते हुए नजरे फेर लेती है .....आनंद फिर सबको कहता है " चलो वैसे भी दोपहर हो गई है जाने में भी टाइम लगेगा "....ये सुन सब फिर सामान लेकर कार के पास आ जाते है और जिन बास्केट में फ्रूट्स होते है ....ऋषभ उन्हे गाड़ी में रखने के बजाए रोड साइड पर घूम रहे बच्चो को दे देता है जो इधर - उधर से मांग कर खाते है ......ऋषभ उन्हे देख मुस्कुराता है और सबके सरो पर हाथ फेरकर वापस कार के पास जाता है तो देखता है की अवनी उसे ही देख रही,....उसे ऐसे पाते देख वो कार में बैठ जाता है और स्टार्ट करके  कहता है ,
ऋषभ - क्या हुआ ?
अवनी - ( मुस्कुराते हुए ) कुछ नहीं.....आपने अच्छा काम किया ..
( और फिर वो खिड़की से बाहर देखने लगती है .......सब इस बार अपने अपने जोड़ो के साथ आते हैं ....आनंद और खुशी एक साथ पर पीछे देव और नैंसी .....दूसरी कार में विहान और ट्विंकी ....उनके पीछे वाले कार में आदि और रिया ..पर साथ में नील और संजना .......ऋषभ ने जान बूझकर उन चारो को इस तरह बिठाया होता है ताकि ये लोग फिर से शुरू ना हो जाएं......थोड़ी देर तक कार का सफर यू ही चलता है और वो लोग कुछ पल बाद ट्विंकी के घर पहुंच जाते है .....सब आराम से निकलते हैं पर ऋषभ को अलग सी बैचनी महसूस हो रही होती है ....वो ख़ुद को संभालते हुए घर के अंदर आ जाता है तो आराधना जी सबकी आरती करती है और टीका लगाने के बाद घर के अंदर आ जाती है ....अब शाम हो गई होती है सब लोग कुछ देर तक इधर उधर की बाते करते है की तभी अचानक से विहान अपनी जगह से खड़ा होता है और ट्विंकी का हाथ पकड़कर कहता है ,
ट्विंकी - ( राहुल जी से ) अंकल मैं आपकी बेटी का हाथ मांगने आया हू ....
( ये सुन सब चुप होकर राहुल जी को देखने लगते है की तभी वो अपनी जगह से उठते है और रूम में जाकर बंदूक लेकर आ जाते है और विहान के बिल्कुल आंखो के सामने करके कहते है )
राहुल जी - कितना प्यार करते हो मेरी बेटी से ..?
( विहान कुछ भी नही बोल पाता है क्योंकि वो गन देखकर पूरा सकपका गया होता है पर फिर भी खुद की हिम्मत बढ़ा कर कहता है )
विहान - खुद से भी ज्यादा...
राहुल जी - मतलब आपको अपने जान की कोई कीमत नहीं है ?
विहान - ( आंखे बंद किए हुए ) मेरी जान की बहुत कीमत है क्योंकि वो जान अब आपकी बेटी है ....
( विहान फिर आंखे नही खोलता है...चारो तरफ शांति छाई होती है की राहुल जी खुश होकर विहान को गले लगा लेते है और कहते है )
राहुल जी - शब्बाश दामाद जी 😊आप मुझे पसंद है ....

( विहान ये सुन हैरानी से देखता है और खुश होते हुए आराध्या और राहुल जी के पैर छूकर उनके गले लग जाता है ......पूरे घर में खुशियां छा गई होती हैं....थोड़ी देर बाद नौकर मिठाई लेकर आते हैं ....सब लोग खाते हैं और वापस जाने के लिए परमिशन मांगते हैं तो आराध्या जी कहती है ,
आराध्या जी - खाना खाकर जाना है सबको वरना मैं नाराज हो जाऊंगी ( विहान की तरफ देखकर) और ट्विंकी भी नही मिलेगी ....
( विहान ये सुन भागकर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाता है तो सब हंसते हुए उसे ज्वाइन कर लेते है ....थोड़ी देर बाद सबके प्लेट्स में खाना परोस दिया जाता हैं....सब खाना खाना शुरू कर देते है की विहान कहता है )

विहान - अंकल आपने कॉल पर ऐसा क्यों कहा था की आप ट्विंकी जी की शादी कही और करवा रहे ?
राहुल जी -( खाना रोक कर ) पहले तो आप मुझे अंकल जी कहना बंद करके पापा कहो 🙄
विहान - जी पापा जी...
राहुल जी - ये हुई ना बात ...वो तो मैं बस चेक कर रहा था आपको की कोई दूसरी लड़की तो नही है ना आपके लाइफ में.....पर आपकी आवाज सुनकर मैं समझ गया की आपके जैसा देवदास मेरी ट्विंकी के लिए नही मिल सकता है ....
( ये सुन सब हंसने लगते है की विहान झेंप जाता है ......थोड़ी देर बाद सब लोग डिनर कर लेते हैं और अब घर जल्दी पहुंचने की परमिशन आराध्या जी और राहुल जी से लेकर घर से बाहर निकल जाते है....... पीछे दरवाजे पर खड़ी ट्विंकी ...जाते हुए विहान को देख रही होती है की उधर विहान ......ऋषभ से कहता है ,
विहान - आता हु  भाई 
( और फिर वो मेन गेट से अंदर आ जाता है .....दोनो मम्मी पापा लोग देखते है तो उसे मुस्कुराते हुए अंदर भेज देते है और खुद बाहर चले जाते है सबके पास ....उनके जाते ही विहान ... ट्विंकी के पास आ जाता है और उसका हाथ पकड़कर कहता है ,)

विहान - क्या हुआ ?
ट्विंकी -( उसके गले लगकर) कुछ नही....आप जाइए लेट हो रहा होगा ....
( विहान ये सुन मुस्कुराते हुए ट्विंकी को सामने करता है और उसके माथे को चूम कर कहता है )
विहान - अब चलता हु ..कल मिलते है ..
( और फिर वो सोफे से उठ जाता है तो ट्विंकी उसे रोक कर उसके एक साइड के गाल पर किस कर  लेती है और कहती है )
ट्विंकी - कल मिलते है ...
( विहान हम्मम में सर हिलाता है और सर पर हाथ फेरकर मुस्कुराते हुए कार के पास पहुंच जाता है और फिर सब लोग निकल जाते है ........कुछ देर बाद सब लोग घर पहुंच जाते है ......फिर पैकिंग करते है जिन चीजों की रह गई होती है और थके होने के कारण जाकर जल्दी से सो जाते हैं ........)

अगली सुबह

आज वो सुबह होती है जब वो डलहौजी छोड़कर घर के लिए निकलने वाले होते है .......थोड़ी देर बाद सब रेडी होते है.....फिर ब्रेकफास्ट करके घर के लिए निकल जाते है .... रास्ते में ही ट्विंकी को भी  पिक कर लेते है जो सीधे आकार विहान के बगल में बैठ जाती है ....आज ये देवदास ...फिर से विहान बन गया होता है ....बस ड्राइव आनंद कर रहा होता है .....नील हमेशा की तरह गाने सुन रहा होता है पर आज मुस्कुराहट के साथ जिसे देखकर नैंसी हैरान हो जाती हैं है .......देव अपने फोन पर लगा होता है जिसे संजना घूर घूर कर देख रही होती है .....आनंद खुशी एक साथ , आदि रिया भी ♥️ऋषभ  दूसरी सीट पर अकेले क्योंकि अवनी अपनी टांग सीट पर करके बैठी होती है ......इधर ऋषभ बाहर देखते हुए आंखे बंद कर लेता है और ठंडी ठंडी हवाओं को महसूस करते हुए कुछ सोच रहा होता है ....उसके मन में उथल पुथल मची होती है वो अब बस जल्दी से घर पहुंचना चाहता था ताकि वो अपने मन को शांत कर सके ........


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4 Comments

Pankaj Pandey

15-Aug-2022 08:39 AM

Behtarin rachana 👌

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Teena yadav

13-Aug-2022 09:27 PM

Nice 👍

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Haaya meer

13-Aug-2022 09:14 PM

Nice part

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