ख़ामोशी
खामोशी
तेरी याद दिल को सताने लगी है,
दिल में उदासी छाने लगी है।
जब से गए हो प्रियतम तब से,
आंसू की लड़ियां बहने लगी हैं।
तेरी यादें दिल को सताने लगी है ,
खामोशी दिल पर छाने लगी है।
भाएं न तुम बिन मौसम कोई भी,
बहारें भी अब तो पतझड़ लगी है।
तेरी याद दिल को सताने लगी है,
खामोशी दिल पर छाने लगी।
तेरी याद धड़कन चुराने लगी है,
मुझमें अगन ये जलाने लगी है ।
भूलूं न मैं कोई प्यार का मंजर,
धड़कन तेरा नाम गाने लगी है।
तेरी याद दिल को सताने लगी है,
खामोशी दिल पर छाने लगी है।
कैसे मैं भूलूं मिलन की वो रातें,
बातें वो फिर याद आने लगी है ।
तेरी याद दिल को सताने लगी है,
फिर एक उदासी छाने लगी है।।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
13.8.2022
Pankaj Pandey
15-Aug-2022 08:00 AM
Nice
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K.K.KAUSHAL (Advocate)
14-Aug-2022 12:46 PM
बहुत ही सुंदर रचना है
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Raziya bano
14-Aug-2022 10:40 AM
Nice
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