लेखनी प्रतियोगिता -14-Aug-2022 आज़ादी का अमृत महोत्सव
शीर्षक = आजादी का अमृत महोत्सव
जैसा की हम सब जानते ही है कि कल 15 अगस्त है, कल हम लोगो को अंग्रेज़ों कि गुलामी से आज़ाद हुए 75 साल हो जाएंगे। आज हम आज़ाद है, एक आज़ाद देश के नागरिक है हमारा अपना झंडा है, हम सब एक परचम के नीचे खड़े है सर उठा कर और आशा करते है कि कभी भी इस परचम को झुकने नही देंगे,
चाहे अपनी जान गवाना क्यू ना पड़ जाए लेकिन अपने परचम की हिफाज़त करना हम सब का पहला कर्तव्य है और होना भी चाहिए क्यूंकि ये परचम और ये आजादी बहुत से बेगुनाहो का खून बहने के बाद मिली है।जिन्हे हम आज स्वतंत्रता सेनानी या फिर शहीदों के नाम से जानते है।
जिन्होंने अपने घर, अपने रिश्तेदार, अपने बीवी बच्चें सब छोड़ दिए ताकि इस देश को अंग्रेज़ों की गुलामी से आज़ाद करा सके, जो जुल्म और सितम उन लोगो ने सहे थे अंग्रेज़ो के हाथो ताकि इस देश को आजादी मिल सके। और इस देश का बच्चा बच्चा गर्व से कह सके हाँ मैं हिंदुस्तानी हूँ और एक आज़ाद मुल्क का शहरी हूँ, जिसकी अपनी एक शान है एक पहचान है जो कयामत तक कायम रहेगी।
क्यूंकि उसकी इसी शान को बरकार रखने के लिए हर साल ना जाने कितने ही जवान शहीद हो जाते है और उनकी जगह दूसरे आ जाते है बिना किसी डर या खौफ के।
वैसे तो स्वतंत्रता दिवस हर साल ही आता है और लोग बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाते है, स्कूल कॉलेज में तो महीना पहले से ही तैयारियां होने लगती है,
युवा भरपूर तोर पर हिस्सा लेते है स्कूल में आयोजित हो रहे प्रोग्रामो में, या यूं कहे स्वतंत्रता दिवस के मोके पर बहुत से बच्चें अपना हुनर बाहर निकालने की कोशिश करते है कुछ बच्चें देशभक्ति गीत सुना कर बैठे लोगो का मनोरंजन करते है तो कुछ डांस या फिर ड्रामा दिखा कर हमारे शहीदों के बलिदान की याद दिलाते है। उसके बाद सब बच्चें उपहार या मिठाई ले कर घर आ जाते है सिर्फ और सिर्फ स्कूल में झंडा लहरा कर।और घर आकर सब को बताते थे।
लेकिन इस बार के स्वतंत्रता दिवस में एक अलग बात है इस बार झंडा सिर्फ स्कूल और सरकारी इदारों पर ही नही लेहरेगा इस बार झंडा हर एक घर पर लेहरेगा ताकि सब देख सके की हमारा झंडा हवा में शान से कैसे लहरा रहा है, ताकि सब को पता चले की इसके इस तरह शान से लहराने के पीछे ना जाने कितनो की मेहनत और बलिदान छिपा है, ये आजादी हमें यूं ही नही मिल गयी भीख में और इस झंडे के मान और सम्मान की ज़िम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ सरहद पर खड़े जवानों की नही है।
बल्कि हिंदुस्तान में रहने वाले हर नागरिक की है, वो जब घर से निकले और ऊपर छत पर लेहराते झंडे को देखे तो मन में सोचे की अगर मैने कोई गलत काम किया अपने ही लोगो को जरा से पैसो के लालच में लूटा, या किसी को किसी दूसरे धर्म के खिलाफ लड़ाया, या फिर किसी दूसरे मजहब के लोगो को परेशान किया उनके धर्म का मज़ाक बनाया या फिर अपने देश को अंदर से ही खोखला करने के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया, या फिर टैक्स की चोरी की, बिजली की चोरी की, धर्म के नाम पर लोगो को मूर्ख बना कर उनसे पैसा लूटा तो ये झंडा जो इस समय शान से लहरा रहा है और मैं जो अपने आप को एक हिंदुस्तानी तो कहता हूँ लेकिन उसी के वासियो को परेशान करता हूँ और चंद पैसो के खातिर उन्हें लूट रहा हूँ तब शायद ये झंडा इतनी शान से हवा में ना लहरा सकेगा और मुझे भी हिंदुस्तानी कहने का कोई हक़ नही होगा। क्यूंकि जो अपने देश और उसके देश वासियो की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करे उसे तो इंसान कहलाने का भी हक़ नही।
शायद इन्ही सब बातों को देखते हुए ही हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ये अभियान चलाने की सोची होगी जो की बेहद अच्छी पहल है " हर घर तिरंगा "
आइये हम सब आजादी के इस अमृत महोत्सव का आंनद ले और सिर्फ सरकारी इदारों में ना लगा कर हर घर तिरंगा लगाते है और उसे शान से लेहराते हुए देखते है और अपने आप से वायदा करते है की इसकी शान बरकार रखने के लिए हम सब से जो कुछ बन पड़ेगा हम वो सब कुछ करेंगे।
भले ही हिंदुस्तान में रहने वाले नागरिक अलग अलग धर्मों से ताल्लुक रखते है लेकिन जब कभी भी इसकी शान पर कोई खतरा आने वाला होगा तब हम सिर्फ एक हिंदुस्तानी होंगे और इसकी रक्षा करना हमारा सबसे पहला कर्तव्य होगा। क्यूंकि परचम बिना हमारी कोई पहचान नही, ये परचम ही तो है जो हमें हमारी पहचान देता है की हम किस देश के वासी है और हर पल हमें याद दिलाता है की जब कभी भी इसको हमारी ज़रूरत होगी तो हम अपना सब कुछ छोड़ कर इसकी और अपने देश की हिफाज़त के लिए दौड़े चले आएंगे।
Happy indipendent day in advance
प्रतियोगिता हेतु लिखा लेख
Mithi . S
17-Aug-2022 09:27 AM
Nice
Reply
Gunjan Kamal
15-Aug-2022 09:18 AM
बहुत खूब
Reply
Abhinav ji
15-Aug-2022 08:31 AM
Very nice👍
Reply