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साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 20







दीपक और रोशनी कमरे में हारमोनियम के आमने सामने बैठे थे और दीपक ने रोशनी के हाथों को अपने हाथों के बीच मे दबाया था ।

"तुम इतना मत सोचा करो यार, इतनी टेंशन नही लेते,  अब तो तुम्हे जल्द ही वापस ऑफ्फिस जॉइन कर लेना चाहिए। पापा के बिजनेस जिसे तुम मैनेजर के भरोसे छोड़ बैठी हो उसे आगे बढ़ाना चाहिए " दीपक ने कहा।

"नही। मेरा मन नही करेगा ऑफिस जाने का, मुझे नही जाना वहां, तुम क्यो नही जाते आजकल" रोशनी ने सवाल किया।

"ऐसे ही, तुम जानती ही हो विजय और अमन की चाल साजिश, कभी कुछ कभी कुछ ड्रामा चलता रहता है" दीपक ने कहा।

"ना जाने कब तक सुधरेंगे वो" रोशनी बोली।

"जीते जी मुश्किल है, शायद उनका भी कुछ करना पड़ेगा"  दीपक ने कहा

"नही, प्लीज…. ऐसा करके क्यो अपने लिए जाल बिछाये जा रहे हो, पहले से ही पुलिस की नजर में हो। सब बस एक सबूत का इंतजार कर रहे है, उस दिन सुमित का कत्ल और अनुराग का कत्ल दोनो एक साथ हुआ तो सबको यही लगा कि अनुराग ने सुमित को गोली मारी उसके बाद सुमित के आदमियों ने जाकर कत्ल को अंजाम दिया। लेकिन हर बार इस तरह कत्ल नही कर सकते तुम" रोशनी ने कहा।

दीपक ने हाथ छोड़े और हारमोनियम के बटन एक साथ दबाते हुए खड़ा उठा, एक अंगडाइ लेते हुए बोला-"इस बार उन दोनों को मारना नही, किसी को मारने के जुल्म में अंदर भेजना है, यानी कि वो मेरी हत्या करने के जुल्म में जेल जाएंगे, "

"मतलब…. मैं समझी नही" रोशनी ने सवाल किया।

मतलब यही की राहुल हॉस्पिटल से गायब हुआ, डॉक्टर ने इंस्पेक्टर विक्की पर हमला किया , पेसेंट भी गायब, डॉक्टर भी गायब, अब आजकल न्यूज में छाया है कि जिस डॉक्टर ने लाश गायब की है वो डॉक्टर था ही नही, डॉक्टर का वेश बनाकर वही हमलवार आया था जिसने उसपर गोली चलाई।

"राहुल तो तुम हो ना, क्योकि विजय और अमन तो तुम्हे राहुल के नाम से जानते है, लेकिन न्यूज रिपोर्टर… मीडिया और पुलिस…. ये क्यों गलत नाम ले रहे है।" रोशनी ने कहा।

"मेरे पास राहुल नाम के भी प्रूफ है, और पुलिस तो बस जेब चेक करती है और नाम लिख लेती है" दीपक ने गहरी सांस भरी।

"अमन और विजय कैसे पकड़े जाएंगे, उन तक बात आएगी कैसे….??"  रोशनी ने कहा।

"वरुण…. डॉक्टर वरुण है ना।" दीपक बोला।

तभी दीपक को याद आया कि वो तो राहुल को भी लेकर आया था।

"एक मिनट बैठो, मैं अभी आया" कहते हुए दीपक बाहर को भाग आया।

बाहर देखा तो राहुल कहीं भी नजर नही आ रहा था।

*******

वरुण अभी लाइव टीवी पर इंटरव्यू दे रहा था, क्योकि जिस तरह के इल्जाम उसपर लगे और जो सफाई उसने पेश करी थी, दोनो अविश्वसनीय थे।

"मैं सिर्फ यही कहूंगा कि मेरा काम इलाज करना है, मरीज गायब करना नही है, और दिन के दो बजे तक वो मरीज सिर्फ बेहोश था, हालात गंभीर थी लेकिन उसके बाद मैं उसे नही देख पाया, उसे क्या मैं हॉस्पिटल को भी नही देख पाया क्योकि मुझे किडनैप कर लिया गया था। छूटते ही मैं पुलिस स्टेशन गया और मैंने रिपोर्ट लिखाई।"  डॉक्टर वरुण ने कहा।

"लेकिन आपको किडनैप किया किसने, कुछ तो पता होगा आपको, क्या आप उनको जानते हो, या पहचान सकते हो" रिपोर्टर ने सवाल किया।

"अगर उन्हें मेरे सामने लाया जाए तो जरूर, या फिर फ़ोटो में दिखे तो, मैं उनकी शक्ल अच्छे से पहचान सकता हूँ"  वरुण बोला।

"तो पुलिस ने स्केच नही बनवाया उनका…. अगर आप उन्हें पहचान सकते हो तो आप स्कैच बनवा सकते हो"  रिपोर्टर ने कहा।

"मैंने एरिया बता दिया है जहां मुझे ले जाया गया था, शायद पुलिस उस एरिया ने पहुंच चुकी होगी, और हुलिया भी बता दिया था, मैं जिस कमरे में कैद था वहां के खिड़की सड़क साफ दिखाई देती है, मेरे हिसाब से तो अगर वो भी न्यूज देख रहे है तो एक बार जरूर झाँके।" वरुण ने कहा।

चलते टीवी की तरफ आंखे फाड़ रहा विजय झट से अपनी खिड़की के पास गया । उसकी बड़ी बड़ी आंखे और बड़ी हो गयी क्योकि लालबत्ती वाली गाड़ी नीचे खड़ी थी। जल्दबाजी में अंदर आते हुए उसने अमन को फोन किया। लेकिन अमन ने फोन नही उठाया । शायद वो बिजी होगा।

विजय ने कमरे को ठीक से सेट किया और खुद टीवी की वॉल्यूम थोड़ा कम करके एक ईमानदार नागरिक बन गया। खुद के चेहरे की घबराहट को चेहरे में आने से रोकते हुए, अपने चेहरे में स्थिरता लाने की कोशिश करते हुए बैठ गया।

समाचार जरूर चलाये हुए थे लेकिन उसका हर पल आहटों पर ध्यान था। वो हर वक्त यही सोच रहा था कि कभी भी पुलिस उस तक पहुंच जाएगी।

रिपोर्टर ने वरुण से सवाल किया- "क्या उम्मीद है आपको, क्या वो पकड़े जाएंगे। और सबसे अहम बात तो ये है कि क्या ये कन्फर्म है कि जिसने आपको किडनैप किया वही राहुल के कातिल है, और लाश या फिर जिंदा राहुल को गायब करने में भी उनका ही हाथ है"

"जी जी, आपका शक भी सही है और मुझे भी यही यकीन है कि कहीं ना कहीं इस सारे फसाद की जड़ वही है, और मुझे किडनैप करके उसने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है।  उन्हें सिर्फ शक के आधार पर नही पकड़ा जा रहा है, उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट है, क्योकि एक सबूत भी है जो शायद उनके गिरफ्तार होने के बाद दर्शकों तक पहुंचाया जाएगा।" डॉक्टर ने कहा।

"हरामी साला! ये भी मिला हुआ निकला….इसी ने इंस्पेक्टर को मारा होगा , और उस दीपक को गायब भी इसी ने किया है, शायद ये उससे मिला हुआ है" गुस्से में पैर पटकते हुए विजय ने खुद से कहा। तभी उसके दरवाजे की घंटी बजी।

विजय ने टीवी को आवाज बढ़ाई और दरवाज़ा खोलने चला गया।

"अरे इंस्पेक्टर साहब, आइए ना,प्लीज कम कम कम……" बहुत ही आदर से विजय ने इंस्पेक्टर और दो तीन कांस्टेबलों को अंदर आने को कहा।

पुलिस टीम अन्दर आई ही थी कि विजय दोबारा मुस्करा कर बोला- "ये देखो,डॉक्टर साहब को पता नही कैसा सदमा लगा है,  जब से किडनैप हुए है बहकी बहकी बाते कर रहे। अब पता नही कहाँ थे क्या थे…. वैसे आज आप कैसे यहां…."

"दूसरा आदमी कहाँ है?" पुलिस का सीनियर ऑफिसर कड़कते हुए बोला।

"कौन दूसरा, क्या बोल रहे हो आप???"  विजय ने कहा।

"ड्रामे नही चलेंगे, हमारे पास विजय खत्री और अमन ढिल्लों के नाम का अरेस्ट वारंट है, इन दोनों ने मिस्टर राहुल पंर जानलेवा हमला किया और उसले बाद  गंभीर हालत में भर्ती युवक को गायब कर दिया, साथ ही डॉक्टर वरुण को भी किडनैप किया है। इस बात का प्रूफ भी है" पुलिस ने कहा।

विजय हकबकाते हुए बोला- "क्य…क्या प्रूफ है?"

"वो सब कोर्ट कचहरी में देखेंगे, अभी तो बस लेकर जाना है" इंस्पेक्टर ने कहा।

तभी विजय का फोन बजने लगा जो टेबल पर रखा हुआ था। इससे पहले की विजय फोन के पास जाता इंस्पेक्टर साहब ने मोबाइल उठाया और नाम पढ़ते हुए कहा- "अमन का फोन है, मैं स्पिकर पर लगा रहा हूँ, उसे ये बोल दो की जहां भी है मेरे घर आजा, खबरदार जो ये बताया कि पुलिस यहां आई है"

साथ ही इंस्पेक्टर के एक कांस्टेबल की तरफ इशारा करते हुए कहा- "कनपट्टी पर रख दो बंदूक, अगर इसने उसे कुछ और बोला तो देख लेना क्या करना है"

"ओ हेलो, ज्यादा हवा मेरे सामने ना दिखाइयो, अरेस्ट वारंट ले आया तो ये भूल गया किसके सामने खड़ा है, दो मिनट नही लगेंगे वर्दी उतरवाने में" विजय ने भी बेकाबू होकर धमकी दे डाली।

इंस्पेक्टर ने फोन उठाया और स्पीकर ऑन कर लिया।

अमन ने ना तो हाई किया ना हेलो! सीधे बोल पड़ा -" खुशखबरी महाराज, खुशखबरी। उस लड़के को हमने पकड़ लिया है, एक गोली पीठ पर लग गयी लेकिन जिंदा है अभी, रोशनी के घर से थोड़ी दूर खड़ा था, आपका अंदाजा बिल्कुल सही था…. क्या करूँ बाकी के गोलियां भी सीने में डालकर लाश लगा दें ठिकाने।"

उसकी बात सुनकर जल्दबाजी के साथ इंस्पेक्टर बोल पड़ा- "कहाँ हो तुम…. और खबरदार जो दूसरी गोली  चलाई तो…. कहाँ हो प्लीज टेल मी"

"कौन….विजय, तुम नही हो क्या" अमन ने सवाल किया।

विजय ने उसकी बात सुनी और सोचा कि अब फंस तो चुके है, जेल जाना ही है, तो क्यो दुश्मन को जिंदा छोड़ना- "मार दो उसे और लाश ऐसी जगह ठिकाने लगाना कि मिले ना कभी, और खुद भी गायब रहना, क्योकि पुलिस तुम्हे ढूंढ रही है,"

इतना सुनते ही अमन ने दो गोली और चलाई और काम खत्म,
विजय को पुलिस जेल ले गयी और अमन और लाश की तलाश जारी है। हालांकि घटनास्थल का पता लग चुका था।

कहानी जारी है।


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3 Comments

Fiza Tanvi

27-Aug-2021 11:45 PM

Badiya kahani

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🤫

12-Aug-2021 08:26 AM

ओह गॉड...इतना सस्पेंस...दस बार चेक करे अब नया भाग आया कि नही..!ये तो बहुत नाइंसाफी है हम रीडर्स के साथ....!

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santosh bhatt sonu

12-Aug-2021 10:56 AM

कल टाइम नही लग पाया था लिखने का, शायद अगला और अंतिम भाग भी लेट ही आएगा

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