Champa rautela

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कविता

तुमने हदें पार कर दी, 


तुमने हदें पार कर दी मुझे पाने को, 
पर मेने सीखा हैं भूलना भी, 
अगर इश्क केवल पा लेने वाला होगा, 
तो इश्क खोने से भयभीत होंगी मैं, 
मुझे लिखना हैं एक इश्क ऐसा भी, 
जो सीखा दे सीख नयी, 
छोर हैं हम पानी जैसे रुकते नहीं बंधन में, 
कल की फिक्र में मैं टूटना नहीं चाहती, 
हाँ चाहती हूं तुम्हें पर मैं बयां नहीं करना चाहती, 

तुमने हदें पार कर दी, 
मैंने पन्ने ढूंढे तुमने कलम ढूंढी ,
तुमने अक्षर लिखे, 
मैंने तुम पर कविता सजा दी, 





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6 Comments

Babita patel

12-Mar-2023 04:11 PM

nice

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Chetna swrnkar

17-Aug-2022 07:49 PM

Nice

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बहुत सुंदर 💐

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