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उम्मीद

     
बिखर जाता हूं कभी
कभी मैं टूट जाता हूं
निराशा के भंवर में
कभी मैं डूब जाता हूं
हवा से बात करने पर
कभी हवा उड़ा देती है
जो हमनवां कहती हैं
वो हाथ छुड़ा लेती है
जिंदगी बवाल लगती है
यूं जीना मुहाल करती है
मगर कोई है जो राह दिखाती है
दिलासा देती है जीना सिखाती है
यकीं दिलाती है जिंदगी आसान है
ये उम्मीद ही है जो जीने का सामान है
उम्मीदों के बल पर अरमान पलतें है
उम्मीदों के पांव पर सपने चलते हैं
उम्मीद से ही उम्मीद रखो कोशिशें पुर असर होगी
उम्मीदें ही होंसला देगी गर मंज़िल पर नज़र होगी




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8 Comments

Pankaj Pandey

19-Aug-2022 07:40 AM

Nice

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shweta soni

19-Aug-2022 06:35 AM

Nice 👍

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